शनिवार, 31 अक्तूबर 2020

आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक संघर्ष को तेज करें ब्रिक्स देश: बिरला

वैश्विक महामारी के कारण सतत विकास लक्ष्य एजेंडा-2030 को प्राप्त करना जरुरी हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। ब्रिक्स देशों को मानवता के लिए खतरा बने आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक संघर्ष को तेज करने की आवश्यकता है। वहीं वैश्विक कोरोना महामारी के कारण सतत विकास लक्ष्य एजेंडा-2030 को हासिल करने के लिए गरीबी, भुखमरी और बीमारी से भेदभाव रहित प्रयास जारी रहने चाहिए। यह बात मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ब्रिक्स संसदीय फोरम की बैठक को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कही। यह बैठक ‘वैश्विक स्थिरता, जनसाधारण की सुरक्षा और प्रगतिशील विकास की दृष्टि से ब्रिक्स के सदस्य देशों के बीच भागीदारी:संसदीय आयाम’ विषय पर आयोजित की गई है। इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि ब्रिक्स के सदस्य देशों से मानवता के लिख खतरा बने आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक संघर्ष को तेज करने का आव्हान किया। उन्होने यह भी कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते सांसद मूकदर्शक नहीं बने रह सकते और उन्हें आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की चुनौतियों का सामना करने के लिए एकजुट होना चाहिए। उन्होंने आतंकवाद से जुड़ी सभी गतिविधियों के लिए मिलने वाली धनराशि पर तत्काल रोक लगाने पर बल दिया, जिसमें आतंकवाद तथा हिंसक उग्रवाद के पनपने के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों से निपटने की जरुरत है। उन्होंने ब्रिक्स के सदस्य देशों की संसदों को आतंकवाद को समाप्त करने संबंधी संधियों और समझौतों के समर्थन में अपने सामूहिक संकल्प को बल प्रदान करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंचों का उपयोग करने पर भी बल दिया। ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका की संसदों के पीठासीन अधिकारियों ने भी फोरम को सम्बोधित किया। गरीबी व भुखमरी से एकजुट मुकाबला जरुरी बिरला ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण लाखों निर्दोष लोगों की दु:खद मृत्यु होने से पैदा हुई गंभीर आर्थिक चुनौतियां से निपटने और अस्त-व्यस्त हुए सामान्य जनजीवन को पटरी पर लान के लिए वैश्विक एकता और सहयोग की सबसे अधिक आवश्यकता पर बल दिया। बिरला ने कहा कि ब्रिक्स के सदस्य देशों के बीच आपसी मतभेद होने के बावजूद वैश्विक गरीबी, भुखमरी और बीमारी की परिस्थितियों में एक न्यायसंगत और भेदभाव-रहित प्रयास करने की जरुरत है। ब्रिक्स के सदस्य देशों को यह सुनिश्चित करना है कि इस वैश्विक महामारी के कारण सतत विकास लक्ष्य एजेंडा-2030 को प्राप्त करने के मार्ग में कोई संकट पैदा न हो और वे भुखमरी, गरीबी का पूरी तरह से उन्मूलन करने और एक समावेशी तथा न्यायसंगत विश्व की स्थापना करने के अपने उद्देश्य की दिशा में एकसाथ मिलकर कार्य करते रहें। कोरोना नीतियों को साझा किया इस मौके पर बिरला ने कोविड-19 के इस अप्रत्याशित संकट का सामना करने में भारत के अनुभवों और कार्यनीतियों को साझा करते हुए उल्लेख किया कि भारत सरकार समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने, कृषि और कृषि से जुड़े व्यवसायों, एमएसएमई और अन्य उद्योगों को फिर से खड़ा करने की चुनौतियों का सामना करने के लिए 260 बिलियन डॉलर का आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज दे रही है। उन्होंने यह कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान जैसी योजनाएं निर्धन लोगों, किसानों, शहरी कामकाजी वर्ग तथा मध्यम वर्ग का सशक्तिकरण करने में काफी सहायक होंगी। उन्होंने इस तथ्य का भी उल्लेख किया कि इस वैश्विक महामारी के फैलने के शुरूआती दिनों में भारत ने तीन सुविधाओं अर्थात विशिष्ट पहचान संख्या (आधार), एक बैंक खाता तथा मोबाइल कनेक्शन के आधार पर तेजी से और सफलतापूर्वक समाज के कमजोर वर्गों को नकद धनराशि का अंतरण किया। बिरला ने यह भी कहा कि भारत सरकार ने आर्थिक संकट का सामना कर रहे लोगों के लाभ हेतु ‘गरीब कल्याण रोजगार योजना’ नामक एक व्यापक रोजगार सृजन और ग्रामीण विकास योजना भी लागू की है। 28Oct-2020

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें