रविवार, 18 अक्तूबर 2020

अपराधों पर अंकुश लगाने में मदद करेगी ई-साइबर लैब

गृह राज्यमंत्री किशन रेड्डी ने किया नई प्रणाली का उद्घाटन हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा महिला अपराधों के खिलाफ नए दिशानिर्देश जारी करने के बाद देश में अपराधों और आतंकवाद पर अंकुश लगाने की दिशा में निगरानी के लिए अत्याधुनिक प्रणालियों को सक्रिय करने में जुटी है। मसलन देश में अपराधों की निगरानी के डिजिटलाइजेसन तथा नेशनल आटोमेटेड फिंगर प्रिंट सिस्टम सक्रिय होने के साथ ई-साइबर लैब से अपराधों को नियंत्रण करने में मदद मिलेगी। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने मंगलवार को यहां नई दिल्ली में राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘21वीं ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस ऑफ डायरेक्टर्स, फिंगरप्रिंट ब्यूरो– 020’ और राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के स्थापित ई–साइबर लैब का उदघाटन करते हुए यह बात कही। रेड्डी ने कहा कि अपराध और आतंकवाद के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीरो टालरेंस की नीति रही है। उन्होंने कहा कि हालांकि अपराध पर नियंत्रण राज्य का विषय है, लेकिन प्रभावी नियंत्रण एवं पुलिस फोर्स को आधुनिक बनाने के लिए केंद्र सरकार ने पुलिस को आधुनिक बनाने की दिशा में बहुत काम किया है और मॉडर्नाइजेशन को प्राथमिकता देते हुए 2019-20 के बजट में भी बढ़ोतरी कर 780 करोड़ रुपये का प्रावधान किया। दरअसल हर साल अक्टूबर में राष्ट्रीय साइबर अपराध जागरूकता माह मनाया जाता है और इस दौरान राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो द्वारा ई-साइबर लैब स्थापित करना अपराध मुक्त समाज के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण है। उन्होंने फिंगरप्रिंट निदेशकों के इस सम्मेलन में कहा कि क्राइम ट्रैकिंग की दिशा में फिंगरप्रिंट की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऐसे में डिजिटलाइजेसन होने तथा नेशनल आटोमेटेड फिंगर प्रिंट सिस्टम एक्टिव होने से अपराध नियंत्रित करने में और अधिक सफलता प्राप्त होगी। इसमें ई-साइबर लैब की अहम भूमिका होगी। अपराध का जाति व धर्म से संबन्ध नहीं रेड्डी ने कहा की गृहमंत्री श्री अमित शाह भी ‘अपराध मुक्त भारत’ के निर्माण में विश्वास रखते हैं और सरकार अपराध को जाति, पंथ, धर्म या क्षेत्र के चश्मे से देखने में विश्वास नहीं करती है, क्योंकि अपराध मानवता और शांति के खिलाफ है तथा सरकार महिलाओं और दलितों के खिलाफ अपराधों को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी तथा सभी पीड़ितों के लिए त्वरित व निर्णायक न्याय सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय करेगी। सरकार पीड़ित को जल्द से जल्द न्याय दिलाने की दिशा में काम कर रही है और महिलाओं के प्रति अपराध समाप्त करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। एनएएफआईएस होगा गेम चेंजर इस सम्मेलन में राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के निदेशक रामफल पँवार ने कहा कि नेशनल आटोमेटेड फिंगर प्रिंट सिस्टम (एनएएफआईएस) एक गेम चेंजर साबित होगा और इसके माध्यम से अपराध जांच में मदद मिलेगी। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा नेशनल आटोमेटेड फिंगर प्रिंट सिस्टम) का प्रयोग किया जाएगा। इस मौके पर गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों सहित वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्र व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एवं राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के गुजरात, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश में स्थित प्रशिक्षण संस्थानों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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