शनिवार, 31 अक्तूबर 2020

एनएचएआई की टीओटी परियोजना में 5011 करोड़ रुपये मंजूर

यूपी, बिहार, झारखंड व तमिलनाडु में चलेगी तीसरी बंडल परियोजना हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानि एनएचएआई ने अपने महत्वाकांक्षी टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर यानि टीओटी मॉडल के तहत उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार और तमिलनाडु राज्य में 566 किलोमीटर लंबाई की 9 टोल प्लाजा से युक्त तीसरी बंडल परियोजना चलाई जाएगी। केंद्रीय सड़क परवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यहां नई दिल्ली में केन्द्रीय संड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित एक समारोह में एनएचएआई ने इन चार राज्यों में शुरू होने वाली टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर यानि टीओटी बंडल वाली तीसरी परियोजना का अनुबंध मेसर्स क्यूब मोबिलिटी इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड को दिया है। इस परियोजना के लिए मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से 5,011 करोड़ रूपए की अग्रिम राशि को मंजूर दे दी है। इस मौके पर सड़क परिवहन राज्य मंत्री जनरल वी. के. सिंह, एनएचएआई के अध्यक्ष एस एस संधू, एनएचएआई के सदस्य और मेसर्स क्यूब हाईवे के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। मंत्रालय ने बताया कि इस टीओटी की कुल अनुबंध अवधि 30 वर्ष की होगी। इस दौरान ठेका पाने वाली कंपनी को संबंधित राजमार्ग पर टोल संग्रह करने उसका रखरखाव करने और संचालन करने का अधिकार होगा। यह टीओटी मॉडल के तहत दिया गया दूसरा अनुबंध है। मंत्रालय ने एनएचएआई की इस परियोजना के लिए पहला अनुबंध 10 टोल प्लाजा युक्त राजमार्ग के 681 किलोमीटर लंबे हिस्से के लिए प्रदान किया गया था। यह अनुबंध मेसर्स एमएआईएफ को 2018 में दिया गया था, जिसके लिए 9,681.5 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गई थी। एनएचएआई अपनी पूरी हो चुकी सार्वजनिक वित्त पोषित परियोजनाओं के उन्नयन के वास्ते इसके अधिक से अधिक हिस्सों को टीओटी मॉडल के तहत अनुबंध देने की प्रक्रिया में है। ------------------------- वाई.एस. मलिक समिति की सिफारिशों पर की चर्चा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में आयोजित भारतीय राजमार्ग अभियंता अकादमी यानि आईएएचई की 5वीं सामान्य परिषद की बैठक में आईएएचई महापरिषद ने राजमार्ग क्षेत्र में भारतीय राजमार्ग अभियंता अकादमी को विश्व स्तर के संस्थान में बदलने के लिये वाई.एस. मलिक समिति की सिफ़ारिशों पर विचार-विमर्श किया। बैठक में सड़क परिवहन राज्य मंत्री डॉ. वी. के. सिंह, सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव और महानिदेशक (आरडी) और एसएस और शासन परिषद के सदस्य उपस्थित थे। बैठक में राजमार्ग विकास कार्यक्रमों में बेहतर योगदान देने के लिए आईएएचई की गतिविधियों में काफी विस्तार और सुधार करने की आवश्यकता महसूस की गई। इसके अनुसार मंत्रालय ने राजमार्ग क्षेत्र में विश्व स्तर के प्रमुख संस्थान के रूप में आईएएचई को बदलने के लिए सिफ़ारिशें देने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह मलिक की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। परिषद ने आईएएचई का दायरा बढ़ाने के लिए समिति की सिफारिशों को तीन अलग-अलग कार्यों के लिये दी थी। इसमें प्रशिक्षण, राजमार्ग और सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र में लागू अनुसंधान और विकास और तीसरे कार्य में सड़क सुरक्षा और विनियमन शामिल था। समिति ने आईएएचई को राजमार्ग क्षेत्र में एक विश्व स्तरीय प्रीमियर संस्थान में बदलने के लिए और आवश्यक कार्रवाई करने का फैसला किया। 21Oct-2020

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