सोमवार, 19 अक्तूबर 2020

किसान रेलों में फलों और सब्जियों की माल ढुलाई पर 50 फीसदी छूट

रेल व प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय करेगा 50 फीसदी खर्च का वहन हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने किसानों के उत्पादों की ढुलाई के लिए शुरू की किसान रेलों में में फल और सब्जियों की माल ढुलाई पर 50 फीसदी सब्सिडी लागू करने का फैसला किया है। यानि अधिसूचित फलों और सब्जियों पर किसानों को माल ढुलाई में 50 फीसदी की छूट मिलेगी। रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि किसान रेल सेवाओं का उपयोग करते हुए किसानों को और मदद तथा प्रोत्‍साहन देने के लिए रेल मंत्रालय और खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय ने अधिसूचित फलों और सब्जियों (खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय की ऑपरेशन ग्रीन्स–‘टॉप टू टोटल’ योजना के तहत) की ढुलाई में 50 प्रतिशत सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। यह सब्सिडी सीधे किसान रेल को प्रदान की जाएगी। इसके लिए खाद्य एवं प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय, रेल मंत्रालय को आवश्‍यक धन उपलब्‍ध कराएगा। किन फलो व सब्जियों पर मिलेगी सब्सिडी रेलवे के अनुसार रेल मंत्रालय और खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय ने अधिसूचित फलों में आम, केला, अमरूद, कीवी, लीची, पपीता, मौसम्बी, संतरा, किन्‍नू, लाइम, नींबू, अनानास, अनार, कटहल, सेब, बादाम, आंवला और नाशपाती आदि तथा सब्जियों में फ्रेंच बीन्स, करेला, बैंगन, शिमला मिर्च, गाजर, फूलगोभी, हरी मिर्च, ओकरा, ककड़ी, मटर, लहसुन, प्याज, आलू और टमाटर जैसे उत्पाद शामिल हैं। रेलवे के अनुसार भविष्‍य में कृषि मंत्रालय या राज्य सरकार की सिफारिशों के आधार पर किसी अन्य फल/सब्जी को भी इस सूची में शामिल किया जा सकता है। किसानों का मिलेगा फायदा रेल मंत्रालय के अनुसार किसान रेल त्‍वरित परिवहन द्वारा तेजी से देश के एक कोने से दूसरे कोने तक कृषि उत्‍पादों की पहुंच सुनिश्चित करती है, जिससे किसान और उपभोक्‍ता दोनों को लाभ पहुंच रहा है। किसान रेल छोटे किसानों और छोटे व्‍यापारियों की जरूरतों को पूरा कर रही है और न केवल यह परिवर्तनकारी सिद्ध हो रही है, बल्कि यह जीवन परिवर्तक भी बन गई है। यह किसानों की आय को बढ़ाने के प्रयास को पूरा कर रही है। किसान रेल निश्चित रूप से किसानों के जीवन में बदलाव ला रही है। यह किसानों को बेहतर मूल्‍य के आश्‍वासन के साथ बहुत त्‍वरित और सस्‍ता परिवहन, सहज आपूर्ति श्रृंखला उपलब्‍ध करा रही है और जल्‍दी खराब होने वाले कृषि उत्‍पादों को नष्‍ट होने से बचा रही है। जिससे किसानों की आय बढ़ाने की संभावना में बढ़ोतरी हो रही है। चार किसान रेलों का परिचालन भारतीय रेलवे ने पहली किसान रेल को साप्ताहिक तौर पर देवलाली (नासिक, महाराष्ट्र) से दानापुर (पटना, बिहार) के बीच सात अगस्त को शुरू किया था, जिसका विस्तार मुजफ्फरपुर (बिहार) तक किया गया और इसे सप्ताह में दो दिन चलाना शुरू किया। इसके अलावा सांगला और पुणे से इसमें लिंक कोच भी शुरू कर किए गए हैं जो किसान रेल में मनमाड से जुड़ते हैं। इसी प्रकार नौ सितंबर को दूसरी किसान रेल अनंतपुर (आंध्र प्रदेश) से आदर्श नगर दिल्ली तक साप्ताहिक ट्रेन के रूप में तथा तीसरी किसान रेल बेंगलुरु (कर्नाटक) से हजरत निजामुद्दीन (दिल्ली) के बीच शुरू की गई। जबकि चौथी किसान रेल को नागपुर और वारुद ऑरेंज सिटी (महाराष्ट्र) से आदर्श नगर दिल्ली तक एक दिन पहले यानि 14 अक्टूबर को ही शुरू किया गया है। रेलवे का दावा है कि इन ट्रेनों के चलाने से देश कृषि उत्पादों के परिवहन को बढ़ावा मिला और गेहूं, दाल, फल, सब्जियों जैसी फसलों की लोडिंग में अधिक रैकों के कारण काफी सुधार हुआ है। 16Oct-2020

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