शनिवार, 3 अक्तूबर 2020

आत्मनिर्भर भारत: दिव्यांगजनों को खादी उत्पादों की मोबाइल बिक्री ई-रिक्शा

देश के हर जिले में दिव्यांगों को 500 मोबाइल बिक्री इकाइयां देने का लक्ष्य:गडकरी

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जयंती के मौके पर आत्मनिर्भर भारत अभियान को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्‍यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए दिव्यांग लोगों को खादी के उत्पादों को मोबाइल बिक्री इकाइयों के वितरण के तहत ई-रिक्शाओं का वितरण किया।

केंद्रीय एमएसएमई मंत्रालय ने बताया कि यहां नई दिल्ली में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए गडकरी ने अपने संसदीय क्षेत्र नागपुर में 5 दिव्यांग लोगों को ई-रिक्शा वितरित किए। ये लाभार्थी खादी के विभिन्न उत्पादों जैसे खादी के कपड़े, रेडीमेड कपड़े, खाद्य पदार्थ, खाद्य मसाले और अन्य स्थानीय स्तर पर बने उत्पादों को पास के गाँवों में बेच सकेंगे। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की ऐसी पहल पर लोगों को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में इस योजना को ब़ाया जा रहा है। 

इस मौके पर उन्होंने कहा कि कुछ दिनों में 5 अन्य खादी बेचने वाली मोबाइल इकाइयों का वितरण किया जाएगा।

गडकरी ने केवीआईसी के इन प्रयासों                                                                                             की सराहना करते हुए कहा कि इससे दिव्यांग लोगों को आजीविका के स्थायी अवसर प्राप्त होंगे। वहीं उन्होंने कहा कि इससे खादी की बिक्री बढ़ेगी और इससे खादी कारीगरों को खादी उत्पादों का अधिक उत्पादन करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत के हर जिले में दिव्यांग लोगों को कम से कम 500 ऐसी मोबाइल बिक्री इकाइयों को वितरित करने का प्रयास किया जाएगा। गडकरी ने कहा कि केवीआईसी की इन मोबाइल बिक्री इकाइयों के सहारे दिव्यांगजन स्थायी आजीविका कमाने में सक्षम होंगे। वहीं खादी उत्पादों को बेचने के लिये विभिन्न गांवों में जायेंगे तो, इससे खादी की पहुंच एक बड़ी आबादी तक भी बढ़ाएगा

खादी रेशम कारीगरों को प्रोत्साहन

दूसरी ओर गांधी जयंती के मौके पर शुक्रवार को एमएसएमई राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने खादी रेशम के कारीगरों के लिये स्थानीय रोजगार पैदा करने की एक अन्य पहल की शुरुआत की। इसके तहत उन्होंने ओडिशा के चौद्वार में एक रेशम उत्पादन सह प्रशिक्षण केंद्र की नींव रखी। यह राज्य में पहली ऐसी इकाई है जो उच्च गुणवत्ता वाले टसर सिल्क धागे का उत्पादन करेगी। सारंगी ने इस मौके पर कहा कि यह स्थानीय कारीगरों को सशक्त बनाने और ओडिशा में रेशम उत्पादन बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि ओडिशा उच्च गुणवत्ता वाले रेशम के उत्पादन के लिए जाना जाता हैहालाँकि स्थानीय रेशम उत्पादन और प्रशिक्षण केंद्र के लिए, कच्चे माल की आपूर्ति बाहर से की जाती थी। श्री षडंगी ने कहा, "यह न केवल हमारे कारीगरों को प्रशिक्षित करने में मददगार होगा, बल्कि टिकाऊ रोजगार भी पैदा करेगा। वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस आयोजन में शामिल हुए केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि रेशम उत्पादन सह प्रशिक्षण इकाई राज्य में रेशम गतिविधियों को अधिक बढ़ावा प्रदान करेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि इकाई अगले दो से तीन महीने में काम करना शुरू कर देगी।

03Oct-2020


 

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