गुरुवार, 1 अक्तूबर 2020

नमामि गंगे मिशन: पीएम मोदी ने उत्तराखंड में राष्ट्र को समर्पित की आठ मेगा परियोजनाएं

परियोजनाओं के पूरा होने से उत्तराखंड में सीवेज ट्रीटमेंट क्षमता चार गुणा बढ़ी

पुराने तौर तरीकों के बजाए नई सोच व दृष्टिकोण से चौतरफा हुआ स्वच्छता का काम: मोदी

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को गंगा और उसकी सहायक नदियों की स्वच्छता के लिए चल रही महत्वकांक्षी नमामि गंगे मिशन के तहत उत्तराखंड में पूरी हुई आठ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पितक किया। उन्होंने कहा कि गंगा जल की स्वच्छता को लेकर चौतरफा काम किया जा रहा है, जिसमें देश को खुले में शौच से मुक्त करना भी लक्ष्य शामिल है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना नमामि गंगे मिशन के तहत गंगा अविरल यानि निर्बाध और निर्मल यानि स्वच्छ बनाने की दिशा में उठाए गये बड़े कदम में उत्तराखंड में पूरे किये गये आठ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) का वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया। इस उद्घाटन समारोह में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, जल शक्ति राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया के अलावा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी शामिल हुए। इस उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने कहा कि गंगा जल की स्वच्छता को लेकर वही पुराने तौर-तरीके अपनाए जाते, तो आज भी हालत उतनी ही बुरी रहती, लेकिन हम नई सोच, नई अप्रोच के साथ आगे बढ़े। हमने नमामि गंगे मिशन को सिर्फ गंगा जी की साफ-सफाई तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे देश का सबसे बड़ा और विस्तृत नदी संरक्षण कार्यक्रम बनाया। सरकार ने चारों दिशाओं में एक साथ काम आगे बढ़ाया। पहला गंगा जल में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का जाल बिछाना शुरू किया। दूसरा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ऐसे बनाए, जो अगले 10-15 साल की भी जरूरतें पूरी कर सकें। तीसरा गंगा नदी के किनारे बसे सौ बड़े शहरों और पांच हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्त करना और चौथा जो गंगा जी की सहायक नदियां हैं। इन सभी परियोजनाओं में प्रदूषण रोकने के लिए पूरी ताकत लगाने की रणनीति बनाई गई है। मोदी ने कहा कि नमामि गंगे के तहत देश में 30 हजार करोड़ से ज्यादा की योजनाओं का काम चल रहा है। जहां तक उत्तराखंड का सवाल है यहां अतीत में 130 नाले गंगा में गिरते थे, लेकिन अब उनका दोहन किया गया है, जिसके परिणाम स्वरूप केवल 6 वर्षों में ही उत्तराखंड में एसटीपी की क्षमता 4 गुना बढ़ गई है। उन्होंने चंद्रेश्वर नगर में पहली चार स्टोरी 7.5 एमएलडी एसटीपी के लिए सराहना भी की, जिसकी चर्चा प्रयागराज कुंभ में नमामि गंगे के प्रयासों की लोगों ने भी की। उन्होंने कहा कि अब हरिद्वार के आगामी कुंभ मेले के दौरान अविरल, निर्मल गंगा सुनिश्चित करने के लिए और भी प्रयास किए जा रहे हैं। मोदी ने कहा कि अब बड़े पैमाने पर जागरूकता कार्यक्रमों के कारण किसान जैविक खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने गंगा में डॉल्फिन संरक्षण में नमामि गंगे के योगदान के बारे में भी बात की और कहा कि इससे प्रोजेक्ट डॉल्फिन की घोषणा हुई, जो इन प्रयासों को और मजबूत करता है। इस मौके पर प्रधान मंत्री मोदी ने अपनी संस्कृति और जैव विविधता को प्रदर्शित करने के लिए समर्पित गंगा पर पहला संग्रहालय गंगा अवलोचनका भी उद्घाटन और गंगा नदी में

किए गए कायाकल्प गतिविधियों और राष्ट्रीय द्वारा सह-प्रकाशित एक पुस्तक 'गंगा नीचे गिरो' का शुभारंभ किया।

हाइब्रिड एन्युटी मोड पर पहला एसटीपी

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने गंगा कायाकल्प में जन भागीदारी के महत्व पर जोर देते हुए बताया कि गंगा ग्रामों में गंगा प्रहरियों और अन्य जैसे प्रशिक्षित सामुदायिक स्तर के स्वयंसेवकों को लोगों से जोड़ने और विकसित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि हम गंगा

की सहायक नदियों पर कुल 2650 एमलीडी क्षमता के एसटीपी का निर्माण कर रहे हैं, ताकि आने वाले दिनों में गंगा के साथ ही इन नदियों को भी साफ किया जा सके। इसमें गंगा के किनारे रहने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि नमामि गंगे औषधीय वृक्षारोपण और जैविक खेती को बढ़ावा देने पर काम कर रहे हैं। उन्होंने जोर दिया कि हम पीपीपी के एचएएम और एक शहर के एक-एक ऑपरेटर के साथ सीवरेज परियोजनाओं के प्रदर्शन में सुधार कर रहे हैं। इस वक़्त गंगा के प्रवाह क्षेत्र तथा उसकी सहायक नदियों के पुनरुद्धार की दिशा में लगभग 30 हजार करोड़ की कुल 315 योजनाएँ चलायी जा रही है। जिसमें से 9 हजार करोड़ लागत की लगभग 132 परियोजनाओं का कार्य पूरा हो चुका है। उन्होने बताया कि गंगा एक्शन प्लान के तहत आज 97 शहरों और कुल 4600 गांवों में समन्वय स्थापित कर गंगा के जल को अविरल और निर्मल बनाने की दिशा में बेहतरीन कार्य किया जा रहा है।

इन परियोजनाओं का हुआ उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड में नमामि गंगे मिशन की जिन आठ एसटीपी परियोजनाओं का उद्घाटन किया है, उनमें बदरीनाथ से लेकर हरिद्वार तक आठ सीवरेज शोधन संयत्र का लोकार्पण किया गया, जिनमें हरिद्वार जिले में चार, मुनिकीरेती में तीन, एक बदरीनाथ की परियोजना शामिल है। इन परियोजनाओं में हरिद्वार जिले में 27 एमएलडी जगजीतपुर और 18 एमएलडी सराय एसटीपी के उन्नयन और हरिद्वार के जगजीतपुर में 68 एमएलडी एसटीपी तथा मुन्नी की रेती स्थित चोरपनी में 5 एमएलडी एसटीपी शामिल हैं। वहीं उन्होंने ऋषिकेश के लक्कड़घाट में 26 एमएलडी एसटीपी, चंद्रेश्वरनगर में 7.5 एमएलडी एसटीपी के अलावा एक एमएलडी एसटीपी बद्रीनाथ को भी राष्ट्र को समर्पित कियाइन परियोजनाओं के पूरा होने पर अब बद्रीनाथ समेत उत्तराखंड के सभी 17 शहरों में गंगा के किनारे एसटीपी लगाए गए हैं। इसमें 153 एमएलडी की नई सीवरेज उपचार क्षमता बनाई गई है। जबकि 45 एमएलडी क्षमता वाले पुराने एसटीपी को अपग्रेड किया गया है। 

30Sep-2020



 

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