रविवार, 18 अक्तूबर 2020

भीम संह व आयशा को मिलेगा कल्पना चावला सौर पुरस्कार

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किया पुरस्कार का ऐलान हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कल्पना चावला हरियाणा सौर पुरस्कारों के लिए भारत के डा. भीमसिंह व संयुक्त अरब अमीरात की डा. आयशा अलनुऐमी के नामों की घोषणा करते हुए कहा कि सौर उर्जा क्षेत्र में इनका योगदान वैज्ञानिकों को सदैव प्रेरित करेगा। इस पुरस्कार में 24.40 लाख रूपये प्रदान किए जाएंगे। नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में बुधवार को अंतराष्ट्रीय सौर उर्जा संगठन के वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आयोजित तृतीय सम्मेलन में कल्पना चावला हरियाणा सौर पुरस्कारों की घोषणा करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की चिरस्थायी स्मृति में कल्पना चावला हरियाणा सौर पुरस्कार स्थापित किए हैं। इन पुरस्कारों के स्थापित होने से पूरे विश्व में वैज्ञानिकों को सौर उर्जा क्षेत्र में न केवल प्रोत्साहन मिलेगा अपितु कन्याओं को बचाने व शिक्षा के माध्यम से सशक्तिकरण की दिशा में चल रहे 'बेटी बचाओ-बेटी पढाओ' अभियान को और अधिक बल मिलेगा। इस पुरस्कार के लिए चयनित डा. भीम सिंह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली में इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रौफेसर के पद पर कार्यरत हैं। इसी क्रम में कल्पना चावला हरियाणा सौर पुरस्कार के लिए चयनित डा. आयशा अलनुऐमी संयुक्त अरब अमीरात में दुबई विद्युत एवं जल प्राधिकरण में सौर नवीकरण केंद्र की निर्देशक हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारे लिए गर्व का विषय है कि अंतराष्ट्रीय सौर संगठन का मुख्यालय गुरूग्राम (हरियाणा) में स्थापित है। कल्पना चावला हरियाणा सौर पुरस्कारों की स्थापना के लिए हरियाणा सरकार ने अंतराष्ट्रीय सौर संगठन के साथ एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किया था। इसके लिए 10 करोड़ रूपये की समग्र निधी निर्धारित की गई है। हरियाणा भवन में कार्यक्रम में हरियाणा अक्षर उर्जा विकास अभिकरण के निदेशक डा. हनीफ कुरैशी भी शामिल रहे। करनाल में जन्मी थी कल्पना चावला मुख्यमंत्री ने कहा कि कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च1962 को करनाल (हरियाणा) में हुआ और अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा करनाल से ही पूरी की। कल्पना चावला ने वर्ष 1982 में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज चंडीगढ़ से वैमानिकी यांत्रिकी में स्नातक डिग्री प्राप्त की। कल्पना चावला वर्ष 1982 में संयुक्त राज्य अमेरिका चली गई और वर्ष 1984 में अंतरिक्ष इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की। इसके उपरांत कल्पना चावला ने वर्ष 1986 में दूसरी स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की और अमेरिका से की वर्ष 1988 में अंतरिक्ष इंजीनियरिंग में पी एच डी की उपाधि प्राप्त की। कल्पना चावला ने वर्ष 1995 में नासा में अतंरिक्ष यात्री का पद ग्रहण किया। कल्पना चावला का वर्ष 1996 में प्रथम बार अंतरिक्ष यात्रा के लिए चयन हुआ। कल्पना चावला प्रथम भारतीय अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और प्रथम भारतीय महिला अंतरिक्ष यात्री थी। वर्ष 2003 में 01 फरवरी को कोलंबिया अंतरिक्ष यान दुर्घटना में मरने वाले सात सदस्यीय अंतरिक्ष यात्री दल में कल्पना चावला भी शामिल थी। 15Oct-2020

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