शनिवार, 31 अक्तूबर 2020

अब फुटवियर में भी नजर आएगी ‘खादी’ की दस्तकारी!

नितिन गडकरी ने किया खादी के अनोखे जूतों का शुभारंभ केवीआईसी का फुटवियर से पांच हजार करोड़ रुपये के व्यापार का लक्ष्य ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा डिजाइन और खादी के कपड़े से बने भारत के पहले फुटवियर यानि जूतों में खादी दस्तकारी महसूस की जा सकेगी। स्वदेशी उत्पाद को बढ़ावा देने की दिशा में केवीआईसी द्वारा डिज़ाइन हुए रेशमी, सूती और ऊनी खादी के कपड़े से बने फुटवियर बाजार में उतारा दिया है। केन्द्रीय सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा डिज़ाइन खादी के कपड़े से बने फुटवियर का शुभारंभ करते हुए केवीआईसी के ई-पोर्टल www.khadiindia.gov.in के माध्यम से इनकी ऑनलाइन बिक्री की भी शुरूआत की। ये फुटवियर रेशमी, सूती और ऊनी खादी के कपड़े से बने हैं। गडकरी ने केवीआईसी के ई-पोर्टल www.khadiindia.gov.inके माध्यम से खादी के इन 25 डिजाइन वाले फुटवियरों की ऑनलाइन बिक्री की भी शुरूआत की। गडकरी ने खादी के कपड़े से बने फुटवियरों जैसे इस तरह के अनूठे उत्पादों में अंतरराष्ट्रीय बाजार पर कब्जा करने की अपार क्षमता को बढ़ाने वाला कदम बताया। उन्होंने यह भी कहा कि खादी कपड़े के फुटवियर हमारे कारीगरों के लिए अतिरिक्त रोजगार और अपेक्षाकृत उच्च आय पैदा करेंगे। उन्होंने केवीआईसी से महिलाओं के हैंडबैग, पर्स, बटुआ जैसे चमड़े के उत्पादों के विकल्प का विकास दस्तकारी किये हुए खादी के कपड़ों में करने का भी आग्रह किया। ऐसे वैकल्पिक उत्पादों की विदेशी बाजारों में व्यापक संभावनाओं को रेखांकित करते हुए गडकरी ने कहा कि खादी का फुटवियर एक अनूठा उत्पाद है। इसमें अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता और पटोला सिल्क, बनारसी सिल्क, सूती, डेनिम का उपयोग युवाओं को आकर्षित करेगा जो सस्ते होने के कारण ऑनलाइन खरीददारी आसान हो सकेगी। गडकरी ने उम्मीद जताई कि ऐसे उत्पादों का विकास और विदेशों में विपणन करके खादी इंडिया 5 हजार करोड़ रुपये के बाजार पर कब्जा कर सकता है। इस कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़े एमएसएमई राज्यमंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा कि खादी के कपड़े के फुटवियर न केवल पर्यावरण और त्वचा के अनुकूल हैं, बल्कि ये खादी के उन कारीगरों की कड़ी मेहनत को दर्शाते हैं जिन्हें इन फुटवियरों के लिए कपड़े बनाने के लिए रखा गया है। 25 डिजाइन में तैयार खादी फुटवियर ये फुटवियर महिलाओं के लिए 15 डिज़ाइनों और पुरुषों के लिए 10 डिज़ाइनों में लॉन्च किए गए हैं। इन फुटवियरों को अनूठा एवं फैशनेबल बनाने के लिए गुजरात के पटोला सिल्क, बनारसी सिल्क, बिहार के मधुबनी प्रिंटेड सिल्क, खादी डेनिम, तसर सिल्क, मटका-कटिया सिल्क, विभिन्न प्रकार के सूती कपड़े, ट्वीड ऊन और खादी के पॉली वस्त्र जैसे उत्तम खादी उत्पादों का उपयोग किया गया है। डिजाइन, रंग और प्रिंट की एक विस्तृत श्रृंखला में उपलब्ध, इन फुटवियरों को विभिन्न उद्देश्यों के लिए पहने जाने वाले कपड़ों, औपचारिक, आकस्मिक और उत्सव के अवसर के अनुकूल लगने के लिए डिज़ाइन किया गया है। खादी के इन फुटवियरों की कीमत 1100 रुपये से लेकर 3300 रुपये प्रति जोड़ी रखी गई है। लोकल से वोकल का दृष्टिकोण खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री के ‘स्थानीय से वैश्विक’ दृष्टिकोण की परिकल्पना के अनुरूप नए क्षेत्रों में कदम रखना, नए बाजारों का दोहन करना और उत्पाद श्रृंखला में विविधता लाना पिछले छह वर्षों में खादी की शानदार सफलता का मंत्र रहा है। उन्होंने कहा कि खादी के कपड़े के फुटवियर को लॉन्च करने के पीछे का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय बाजार का दोहन करना था जहां अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ताओं का एक बड़ा वर्ग तेजी से शाकाहारी हो रहा है और इसलिए खादी इस वर्ग का पसंदीदा विकल्प बन जाएगा। लोगों के लिए खादी के कपड़े का फुटवियर भले ही एक छोटा कदम है, लेकिन यह हमारे खादी के कारीगरों के लिए एक विशाल छलांग होगा। फुटवियर में सूती, सिल्क और ऊन जैसे महीन कपड़ों का इस्तेमाल करने की वजह से कारीगरों द्वारा कपड़े के उत्पादन के साथ-साथ इसकी खपत में भी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि इससे पहले केवीआईसी ने टाइटन के साथ मिलकर अपनी पहली खादी कलाई घड़ी सफलतापूर्वक लॉन्च की थी, जोकि एक ट्रेंड सेटर रही है। 22Oct-2020

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