शनिवार, 31 अक्तूबर 2020

एससी/एसटी बहुल गांवों में एक साल पहले नल कनेक्शन देने का लक्ष्य

सिक्किम के सभी ग्रामीणों को 2021-22 तक मिलेगा पानी हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। देश देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 2024 तक नल कनेक्शन के जरिए पीने का शुद्ध जल मुहैया कराने के मकसद से केंद्र सरकार के प्रमुख कार्यक्रम ‘जल जीवन मिशन’ के तहत सार्वभौमिक कवरेज के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति का आकलन किया जा रहा है। इस मिशन के तहत पूर्वोत्तर के सिक्किम राज्य ने इस मिशन को वर्ष 2021-22 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बुधवार को राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की मध्यावधि प्रगति का आकलन करने की प्रक्रिया के तहत हुई एक बैठक में सिक्किम ने मंत्रालय के सामने राष्ट्रीय जल जीवन मिशन की अपनी मध्यावधि प्रगति की रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट के मुताबिक सिक्किम राज्य ने वर्ष 2021-22 तक सभी घरों में शत-प्रतिशत नल कनेक्शन देने की योजना बनाई है। जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार सिक्किम में करीब 1.05 लाख घर हैं, जिनमें से 70,525 यानि 67 प्रतिशत घरों में नल का कनेक्शन है। राज्य में एक अच्छी जल आपूर्ति अवसंरचना भी है और 411 गांवों में उसकी जलापूर्ति योजनाएं चल रही हैं। राज्य की योजना वर्ष 2020-21 तक सभी एससी/एसटी बहुल गांवों और अन्‍य महत्‍वाकांक्षी जिलों के गांवों में नल कनेक्‍शन मुहैया कराने की है। पीडब्‍ल्‍यूएस सिस्टम वाले गांवों में से, केवल 81 ने ‘हर घर जल गांव’ का दर्जा हासिल किया है। लगभग 211 अतिरिक्‍त गांवों में 7,798 नल कनेक्शन प्रदान करने से यह संख्‍या शत-प्रतिशत हो जाएगी। सिक्किम को 31.36 करोड़ का आवंटन जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2020-21 में सिक्किम को जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए 31.36 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिसमें से 7.84 करोड़ रुपये अब तक जारी किए जा चुके हैं। पहली किस्‍त के दूसरे हिस्‍से को प्राप्‍त करने के लिए राज्य को अपने कोष के उपयोग में तेजी लानी होगी। सिक्किम को 15वें वित्त आयोग अनुदान के तहत ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 42 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस राशि के 50 प्रतिशत का उपयोग पानी की आपूर्ति और स्वच्छता अर्थात पानी की आपूर्ति, अपशिष्‍ट जल के उपचार और उसके पुनः चक्रण के लिए होना है। वहीं लंबे समय तक जलापूर्ति योजनाओं का संचालन और रखरखाव करना होगा। अपने पर्याप्त जल संसाधनों के लिए पहचाने जाने वाले सिक्किम में तेजी से बढ़ रही जनसंख्या और शहरीकरण के कारण पानी औरगुणवत्‍ता दोनों प्रभावित हो रही है। मिशन में तेजी लाने पर बल बैठक में ग्राम कार्य योजना और ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के गठन जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला गया। इस बात पर जोर दिया गया कि योजना, कार्यान्वयन, संचालन और पानी की आपूर्ति व्‍यवस्‍था के रखरखाव के लिए स्वैच्छिक संगठनों, गैर-सरकारी संगठनों और महिला एसएचजी को कार्यान्वयन सहायता एजेंसियों के रूप में जोड़ा जाए। राज्य को ग्राम पंचायत पदाधिकारियों के साथ-साथ अन्य हितधारकों के क्षमता निर्माण के लिए प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए कहा गया और गांव स्तर पर प्रशिक्षित मानव संसाधनों का एक पूल बनाने के लिए गांवों में कौशल विकास प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा गया। यह इस मिशन और ओ एंड एम पानी की आपूर्ति प्रणाली के कार्यान्वयन में बहुत मददगार होगा। राज्य को पेयजल स्रोतों का अनिवार्य रासायनिक परीक्षण और जीवाणु परीक्षण कराने की सलाह दी गई। कटारिया ने किया ऐप लॉन्च केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया ने बुधवार को मंत्रालय के तहत डब्ल्यूआर, आरडी एंड जीआर विभाग के प्रधान मंत्री कृषि सिचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के तहत परियोजनाओं के घटकों की जियो टैगिंग के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऐप लॉन्च करने के अवसर पर मंत्री कटारिया ने कहा कि 2016-17 में राज्यों के परामर्श से केंद्रीय सरकार ने 99 परियोजनाएं शुरू की, जिनके पूरा होने से पूरे देश में 34.64 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता का सृजन होगा, जिसके परिणामस्वरूप सुरक्षात्मक सिंचाई होगी और ग्रामीण वांछित समृद्धि आएगी। 99 परियोजनाओं में से 44 परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं और 21.33 लाख हेक्टेयर लक्षित सिंचाई क्षमता हासिल की है। 22Oct-2020

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