शनिवार, 31 अक्तूबर 2020

रेलकर्मियों को पीएलबी भुगतान से पड़ेगा 2081.68 करोड़ का बोझ

रेलवे के 11.58 लाख अराजपत्रित कर्मचारियों को मिलेगा दीवाली बोनस का लाभ
हरिभूमि ब्यूरो
.नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के 78 दिनों के वेतन के बराबर उत्पादकता से जुड़े बोनस यानि पीएलबी के भुगतान के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, जिसमें रेलवे अनुमानित 2081.68 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ उठाकर करीब 11.58 लाख अराजपत्रित रेलवे कर्मचारियों को दीवाली के इस बोनस का भुगतान करेगा। रेल मंत्रालय के अनुसार एक दिन पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में रेल मंत्रालय के सभी पात्र अराजपत्रित रेलवे कर्मचारियों के लिए वित्तीय वर्ष 2019-2020 के लिए 78 दिनों के वेतन के बराबर उत्पादकता से जुड़े बोनस (पीएलबी) के भुगतान के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। रेलवे बोर्ड ने इस फैसले के बाद गुरुवार को कहा कि रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के पीएलबी के भुगतान के रूप में 2081.68 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इन रेलवे कर्मचारियों में रेलवे सुरक्षा बल यानि आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मचारी शामिल नहीं हैं। रेलवे के अनुसार जिन पात्र अराजपत्रित रेलवे कर्मचारियों को पीएलबी का भुगतान किया जाना है, उनके वेतन की सीमा प्रतिमाह 7,000 रुपये तय की गई। पात्र रेलवे कर्मचारी को देय अधिकतम राशि 78 दिनों के लिए 17,951 रुपये है। इस प्रकार ऐसे लगभग 11.58 लाख अराजपत्रित रेलवे कर्मचारियों को फैसले से लाभ होने की संभावना है। रेलवे की ओर से यह उत्पादकता से जुड़ा बोनस आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मियों को छोड़कर पूरे देश में फैले सभी अराजपत्रित रेलवे कर्मचारियों को दिया जाएगा। पात्र रेलवे कर्मचारियों को पीएलबी का भुगतान प्रत्येक वर्ष दशहरा/पूजा की छुट्टियों से पहले किया जाता है। मंत्रिमंडल के निर्णय को इस वर्ष की छुट्टियां शुरू होने से पहले ही लागू किया जाएगा। उम्‍मीद है कि इससे कर्मचारियों को रेलवे के प्रदर्शन में सुधार करने की प्रेरणा मिलेगी। रेलवे ने कहा कि इस फैसले से रेलवे के प्रदर्शन में सुधार की दिशा में काम करने के लिए कर्मचारियों को प्रेरित करने की उम्मीद है। बोनस के हकदार हैं रेलकर्मी रेलवे ने माना है कि इस बोनस भुगतान के लिए रेलवे कर्मचारी पूरी तरह से हकदार हैं, हालांकि यह भुगतान पिछले साल के प्रदर्शन यानी 2019-20 के लिए किया जा रहा है, लेकिन इस साल भी कोविड की अवधि के दौरान रेलवे कर्मचारियों ने श्रमिक स्‍पेशल गाडि़यां चलाने, आवश्यक वस्तुओं,जिसमें खाद्यान्न, उर्वरक, कोयला आदि शामिल हैं, को लाने-ले जाने के लिए और लॉकडाउन अवधि के दौरान 200 से अधिक महत्वपूर्ण रखरखाव परियोजनाओं को पूरा करने के लिएबहुत मेहनत की जो रेलवे परिचालन में सुरक्षा और सर्वांगीण दक्षता को बढ़ावा देगा। माल भाड़े के मामले में भी कोविड लॉकडाउन काल के बाद प्रमुख सुधार हुआ है। पिछले साल की तुलना में माल ढुलाई की गति अब लगभग दोगुनी हो गई है। पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में अक्टूबर 2020 की इसी अवधि में माल लदान में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। --------------- आंदोलन के दबाव में स्वीकारा बोनस रेलकर्मचारियों के लिए मंजूर किये गये पीएलबी भुगतान को लेकर एनएफआईआर के प्रेस सचिव एस.एन. मलिक ने दावा किया है कि केंद्र सरकार ने रेल कर्मचारियों को 78 दिन का बोनस नेशनल फैडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन के दबाव में यह निर्णय लिया है। यह बात रेलवे ने भी स्वीकार की है कि कोरोना संकट के कारण इस बोनस के भुगतान में देरी के विरोध में बीते 20 अक्टूबर मंगलवार को रेलवे कर्मचारियों ने देशभर में विरोध प्रदर्शन किया था। यह विरोध प्रदर्शन एनएफआईआर के महामंत्री डा. एम. राघवैया के आव्हान पर सभी यूनियनों भारतीय रेलवे के प्रत्येक जोन में रैलियां आयोजित करके किया। इसके अगले दिन ही केंद्र सरकार ने रेलकर्मियों को 78 दिन के पीएलबी भुगतान के बोनस का ऐलान कर दिया। इस निर्णय की जानकारी एनएफआईआर के महामंत्री को खुद रेल मत्री पियूष गोयल ने देते हुए बधाई भी दी। 23Oct-2020

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें