गुरुवार, 15 अक्तूबर 2020

केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को दिया दीवाली का तोहफा

एलटीसी व त्योहार के लिए मिलेगा 10 हजार रुपये का नकद वाउचर राज्यों को भी 12 हजार करोड़ रुपये का मिलेगा ब्याजमुक्त कर्ज
हरिभूमि ब्यूरो
.नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के लिए एलटीसी कैश वाउचर योजना और स्पेशल फेस्टिवल एडवांस योजना शुरू करने का ऐलान किया है। की जाएगी। इसमें कर्मचारियों को अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी)के एवज में 10 हजार रुपये का नकद वाउचर दिया जाएगा। कर्मचारी इसका इस्तेमाल ऐसे गैर-खाद्य सामान खरीदने के लिए कर सकते हैं, जिन पर जीएसटी लागू है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने राज्यों को भी 12 हजार करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज देने की घोषणा की है। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ावा देने के लिए इस घोषणाओं के जरिए कर्मचारियों को दीवाली का तोहफा दिया। वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि कोरोना काल की वजह से इस साल कर्मचारियों का यात्रा करना संभव नहीं है, इसलिए एलटीसी के बजाए सभी कर्मचारियों को एलटीसी कैश वाउचर योजना और स्पेशल फेस्टिवल एडवांस योजना के तहत अग्रिम राशि के रूप में खर्च के लिए एकमुश्त 10 हजार रुपये का विशेष त्योहार गिफ्ट देगी। इस राशि को 31 मार्च 2021 तक खर्च करना होगा। इन वाउचर का इस्तेमाल कर्मचारी ऐसे उत्पाद खरीदने के लिए कर सकते हैं जिन पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत या अधिक है। कर्मचारियों को यह प्रीपेड रुपे कार्ड के रूप में दिया जाएगा और कर्मचारी 10 किस्तों में इसे जमा करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि एलटीसी व त्योहारों के लिए इस अग्रिम राशि से 36 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त उपभोक्ता मांग पैदा होगी। वहीं राज्यों को अतिरिक्त पूंजीगत व्यय से 37 हजार करोड़ रुपये की उपभोक्ता मांग पैदा होगी। इस प्रकार कुल 73,000 करोड़ रुपये की उपभोक्ता मांग पैदा होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि अगर निजी क्षेत्र ने भी अपने कर्मचारियों को राहत दी, तो अर्थव्यवस्था में कुल मांग एक लाख करोड़ रुपये के पार हो सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार एलटीसी कैश वाउचर योजना पर 5,675 करोड़ रुपये तथा स्पेशल फेस्टिवल एडवांस योजना पर चार हजार करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि वहीं केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों तथा बैंकों को 1,900 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि इस कदम से 19 हजार करोड़ रुपये की मांग पैदा होगी। यदि आधे राज्यों ने इस दिशानिर्देश का पालन किया तो 9 हजार करोड़ रुपये की मांग और पैदा होगी। राज्यों को 50 साल का ब्याज मुक्त कर्ज केंद्रीय वित्तमंत्री सीतारमण ने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु कर्मचारियों के अलावा राज्यों को 12 हजार करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज मुहैया कराने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि यह कर्ज 50 साल की अवधि का होगा और यह पूंजीगत परियोजनाओं पर खर्च करने के लिए दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 12 हजार करोड़ रुपये की इस राशि में से 1600 करोड़ रुपये पूर्वोत्तर राज्यों को और 900 करोड़ रुपये उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 7500 करोड़ रुपये की राशि शेष राज्यों को दी जाएगी। वहीं 2000 करोड़ रुपये उन राज्यों को दिए जाएंगे, जिन्होंने पहले बताए गए सुधारों को पूरा कर लिया होगा। उन्होंने दोहराया कि इस योजना के तहत राज्यों को दी जाने वाली पूरी राशि नई या मौजूदा पूंजीगत परियोजनाओं पर खर्च की जा सकेगी, जिससे राज्य सरकारें ठेकेदारों और आपूर्तिकर्ताओं के लिए बिलों का निपटान भी कर सकती हैं, लेकिन इस पूरी राशि का भुगतान 31 मार्च 2021 से पहले करना होगा। राज्यों के बजट में पूंजीगत व्यय बढ़ी वित्तमंत्री सीतारमण ने इस 12 हजार करोड़ रुपये के कर्ज के अलावा राज्यों के लिए अतिरिक्त पूंजीगत व्यय की भी घोषणा की और कह कि इयमें 25 हजार करोड़ रुपये का कर्ज राज्यों की 12 हजारा करोड़ रुपये की उधारी सीमा से अलग होगा, जिसका राज्यों को 50 साल बाद एकमुस्त भुगतान करना होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 25 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त पूंजीगत व्यय की धनराशि सड़क, रक्षा ढांचे, जलापूर्ति और शहरी विकास पर खर्च की जाएगी। यह 4.13 लाख करोड़ रुपये के निर्धारित बजट के अतिरिक्त होगी। 13Oct-2020

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