शनिवार, 31 अक्तूबर 2020

निर्माण क्षेत्र में इस्तेमाल वाहनों के लिए तय हुए नए सुरक्षा मानक

केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन के बाद सुरक्षा मानकों की अधिसूचना जारी हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। देश में सड़क हादसों और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में निर्माण क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले वाहनों के लिए नए सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए केंद्र सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन करके अधिसूचना जारी की है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रालय ने निर्माण क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले वाहनों के लिए जरूरी सुरक्षा मानकों पर अधिसूचना जारी की है। इस अधिसूचना का उद्देश्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के साथ वाहन चलाने और उसका निर्माण कार्य में इस्तेमाल करने वाले ऑपरेटर और सड़क पर चलने वाले दूसरे वाहनों को ज्यादा सुरक्षित माहौल प्रदान करना है। अधिसूचना के अनुसार ये नए सुरक्षा मानक चरणबद्ध तरीके से दो चरणों में लागू होंगे। ये सुरक्षा मानक पहले चरण के लिए अप्रैल 2021 और दूसरा चरण के लिए 2024 तक लागू किए जाएंगे। अभी निर्माण कार्य में इस्तेमाल होने वाले उपकरण वाहनों को केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम-1989 के तहत सुरक्षा मानकों का पालन करना जरूरी है। मंत्रालय के अनुसार निर्माण के क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले वाहन का प्रमुख रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में इन वाहनों का इस्तेमाल करने वाले ऑपरेटर के साथ सड़कों पर चलने वाले दूसरे वाहनों की सुरक्षा नए मानकों के जरिए हो सकेगी। इसलिए नए सुरक्षा मानकों को लागू करने का प्रस्ताव किया गया है। मोटर अधिनियम में संशोधान के लिए नए मसौदे की अधिसूचना गत 13 अगस्त 2020 जारी करके मंत्रालय ने आम लोगों और हितधारकों की की राय मांगी थी। क्या हैं नए सुरक्षा मानक मंत्रालय के अनुसार नए मानकों का मकसद ऑटोमेटिव इंडस्ट्री स्टैण्डर्ड (एआईएस)-160 को लागू करना है। इसके तहत कई अहम सुरक्षा मानक लागू किए गए हैं। मसलन विजुअल डिस्प्ले, ऑपरेटर के लिए स्टेशन और रख-रखाव क्षेत्र, गैर मैटेलिक ईंधन टंकी, न्यूनतम पहुंच का दायरा, वाहन पर ऊपर चढ़ने के लिए स्टेप, वैकल्पिक निकलने और बैठने का रास्ता, रख-रखाव वाले हिस्से, हैंडरेल, हैंडहोल्ड, गार्ड, मशीन आधारित आवाज करने वाला अलार्म, ऑर्टीकुलेटेड फ्रेम लॉक, लिफ्ट आर्म को सहयोग देने वाला उपकरण, ऑपरेटर सीट की लंबाई-चौड़ाई, इलेक्ट्रो मैगनेटिकक कॉम्पैटिबिलिटी (ईएमसी), सीट बेल्ट और सीट बेल्ट को जोड़ने वाले स्थान, रोल ओवर प्रोटेक्शन स्ट्रक्चर, टिप ओवर प्रोटेक्शन स्ट्रक्चर, फॉलिंग ऑब्जेक्ट प्रोटेक्शन स्ट्रक्चर, ऑपरेटर को कार्यक्षेत्र देखने की उचित व्यवस्था, ऑपरेटर सीट वाइब्रेशन आदि फीचर जोड़े गए हैं। ध्वनि प्रदूषण का स्तर भी तय मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम संशोधित प्रावधानों में ऑपरेटर के कान के पास उत्सर्जित होने वाली ध्वनि का स्तर तय किया गया है। वहीं उसका स्तर मापने का भी उपकरण लगाया जाएगा। इसके तहत ब्रेक संबंधित मानकों के लिए सीएमवीआर 96-ए, स्टीयरिंग और घुमाव के लिए जरूरी क्षेत्र के मानकों के लिए 98-ए में संशोधन किया गया है। अभी तक 28 जुलाई 2000 को जारी अधिसूचना के मानक इस तरह के वाहनों पर लागू होते थे। परिवहन सचिव ने एससीओ देशों की बैठक में लिया हिस्सा भारत की परिवहन प्रणालियों में सुधार के अनुभव को किया साझा हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। रूस की अध्यक्षता में हुई शंघाई सहयोग संगठन-एससीओ के सदस्य देशों के मंत्रियों की हुई वर्चुअल बैठक में केंद्रीय सड़क परिवहन सचिव गिरिधर अरामने ने हिस्सा लिया। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार मंत्रालय में सचिव गिरिधर अरामने ने बुधवार को शंघाई सहयोग संगठन-एससीओ के सदस्य देशों के मंत्रियों की 8वीं बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया। भारत की ओर से सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव अरामने ने बैठक में बोलते हुए कहा कि हमारे समाज के बीच सहयोग और विश्वास के लिए एससीओ देशों के साथ सम्पर्क की भारत की प्राथमिकता है। इस दौरान उन्होंने कुशल परिवहन प्रणालियों में भारत के अनुभव को भी साझा किया। उन्होंने सदस्य देशों के परिवहन मंत्रालयों और विभागों के स्तर पर समन्वित कार्रवाइयों की आवश्यकता के बारे में बात की, ताकि कोविड-19 महामारी जैसी आपातकालीन परिस्थितियों में स्थायी परिवहन संचालन सुनिश्चित किया जा सके और सीमा क्षेत्रों में आपातकालीन स्थितियों के प्रसार को रोका जा सके। 28Oct-2020

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