सोमवार, 19 अक्तूबर 2020

आखिर शुरू हुआ ‘जोजिला सुरंग’ का निर्माण कार्य

ारगिल को कश्मीर से जोड़ेगी एशिया की सबसे लंबी 14.15 किमी यह सुरंग केंद्रीय मंत्री गडकरी ने विस्फोट के लिए बटन दबाकर किया शुभारंभ हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। आखिर बहु प्रतिक्षित 14.15 किलोमीटर जोजिला सुरंग का निर्माण कार्य शुरू हो गया है, जिसका शुभारंभ केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पहले विस्फोट के लिए बटन दबाकर किया। एशिया की सबसे लंबी जोजिला सुरंग लद्दाख के कारगिल इलाके को सीधे कश्मीर घाटी से जोड़ेगी और इसके निर्माण से तीन घंटे का कठिन सफर को 15 मिनट का रह जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को जोजिला टनल के निर्माण के काम की शुरुआत पहले विस्फोट के लिए बटन दबाकर की। इस सुरंग की लंबाई 14.15 किलोमीटर है और सामरिक रूप से ये काफी महत्वपूर्ण है। इस सुरंग को एशिया की दो दिशा वाली सबसे लंबी टनल के रूप में देखा जा रहा है। खासबात है कि इस सुरंग के निर्माण के बाद लद्दाख की राजधानी लेह और जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के बीच पूरे साल बिना किसी अवरोध के आवागमन होता रहेगा और इन दोनों शहरों के बीच तीन घंटे की दूरी को महज 15 से 25 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य छह साल है। मसलन हर बार सर्दियों में भारी बर्फबारी के चलते श्रीनगर-लेह-लद्दाख हाइवे बंद हो जाता है, लेकिन इस सुरंग के निर्माण के बाद सबसे बड़ी यह परेशानी दूर हो जाएगी। मंत्रालय के अनुसार फिलहाल 11,578 फुट की ऊंचाई पर जोजिला दर्रे में नवंबर से अप्रैल तक साल के छह महीने भारी बर्फबारी होने के कारण एनएच-1 यानी श्रीनगर-कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवागमन बंद रहता है। यह परियोजना द्रास व कारगिल सेक्टर से गुजरने के कारण अपने भू-रणनीतिक स्थिति के चलते भी बेहद संवेदनशील है। मंत्रालय के अनुसार परियोजना में एक 18.63 किलोमीटर लंबी अप्रोच रोड भी बनेगी जो जेड मोड़ सुरंग से जोजिला टनल तक जाएगी। इस रोड पर ऐसे अवलांश प्रोटेक्‍शन स्‍ट्रक्‍चर्स बनाए जाएंगे, जो दोनों सुरंगों के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी देंगे। मंत्रालय ने कहा कि इस सुरंग का निर्माण पूरा होने पर श्रीनगर और लेह के बीच पूरा साल संपर्क जुड़े रहने से जम्मू-कश्मीर का सर्वांगीण आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक एकीकरण हो पाएगा। निश्चित रुप से यह टनल पूरा होने के बाद आधुनिक भारत के इतिहास में ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। यह देश की रक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। खासतौर पर लद्दाख, गिलगित और बाल्टिस्तान क्षेत्रों में हमारी सीमाओं पर चल रही भारी सैन्य गतिविधियों को देखते हुए इसकी बेहद अहम भूमिका होगी। पीएम मोदी ने रखी थी नीवं मंत्रालय ने जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई 2018 में जोजिला टनल की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का शिलान्यास किया था और इसके निर्माण की जिम्मेदारी आईएलएंडएफएस को सौंपी गई, लेकिन इस कंपनी के वित्तीय संकट में फंसकर दिवालिया घोषित होने तक पहुंच जाने के कारण 15 जनवरी 2019 को उसका कांट्रेक्ट रद्द कर दिया गया। इसके बाद इस साल फरवरी में केंद्रीय मंत्री गडकरी ने परियोजना की समीक्षा की और दोनों सड़क एक ही टनल में बनाए जाने का निर्णय लिया गया। इसके चलते पहले 10,643 करोड़ रुपये के कुल खर्च वाले इस प्रोजेक्ट की लागत कम हो गई। मंत्रालय के अनुसार दो माह पहले ही केंद्र सरकार ने 4509,5 करोड़ रुपये का टेंडर डालने वाली मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर को इसके निर्माण की जिम्मेदारी सौंप दी, जिसके बाद अब इस परियोजना की कुल लागत 6808.63 करोड़ रुपये आने का अनुमान है, जिसमें इस समीक्षा के बाद अंतिम निर्णय होने पर सरकार को करीब 3835 करोड़ रुपये की बचत होगी। यूपीए सरकार नहीं दे सकी दिशा मंत्रालय के सूत्रों की माने तो जम्मू-कश्मीर में कारगिल, द्रास, लद्याख क्षेत्रों को आपस में संपर्क मार्ग से जोड़ने की दिशा में करीब तीन दशक पहले से उठ रही मांग को देखते हुए मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार ने इस परियोजना को शुरू करने का प्रयास किया, लेकिन तीन बार टेंडर निकाले जाने के बावजूद कोई कंपनी सामने नहीं आई, जिसके बाद राजग सरकार ने इस परियोजना की नए सिरे से डीपीआर तैयार कराकर इसे आगे बढ़ाया और इसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। -------------------- क्या है परियोजना का रोडमैप जम्मू कश्मीर से कारगिल होते हुए लेह तक की करीब 33 किलोमीटर की यह परियोजना को 2 भाग में बांटा गया है, जिसमें पहले 18.63 किलोमीटर की रोड का निर्माण होगा। परियोजना के दूसरे चरण में करीब 14.15 किलोमीटर का जोजिला पास में सुरंग बनेगी, जिसमे 9.5 मीटर चौड़ी और 7.57 मीटर ऊंची 2 लेन की रोड मेघा इंजीनियरिंग द्वारा बनाई जाएगी। प्रस्तावित रोड सोनमर्ग से कारगिल होते हुए लेह को जोड़ेगी। इस परियोजना में विपरीत मौसम, पहाड़, नदी और ऊंची चोटियों के कारण बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। यह सुरंग ज़मीन से करीब 700 मीटर अंदर बनाई जाएगी। मेघा इंजीनियरिंग इंफ्रस्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर सी एच सुबैया ने बताया कि जोजिला पास सुरंग में 2 लेन की रोड बनाई जाएगी, जिसमें 2 तरफ से ट्रैफिक चलेगा, जिसे सिंगल ट्यूब टनल कहते हैं। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में करीब 72 महीने लगेंगे। जोजिला सुरंग बनने के बाद अमरनाथ यात्रियों के लिए भी सुविधा बढ़ेगी। 16Oct-2020

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