शनिवार, 31 अक्तूबर 2020

आईटीबीपी ने चीन सीमा विवाद के दौरान तोड़ा कई देशों के भ्रम

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के स्थापना दिवस पर बोले गृह राज्यमंत्री किशन रेड्डी हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर चल रहे गतिरोध में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस यानि आईटीबीपी ने जिस साहस और शक्तिशाली सुरक्षा बल का परिचय दिया है, उससे आईटीबीपी ने कुछ देशों का यह भ्रम तोड़ दिया कि उनके पास शक्तिशाली सेना है। यह बात शनिवार को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने ग्रेटर नोएडा में आयोजित आईटीबीपी के 59वें स्थापना दिवस समारोह में बोलते हुए कही। स्थापना दिवस की अध्यक्षता करते हुए रेड्डी ने कहा कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आईटीबीपी को पूर्ण रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है ओर गृह मंत्री अमित शाह के प्रभावी नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने आईटीबीपी को अधिक सक्षम और आधुनिक बनाने के लिए कई महत्‍वपूर्ण कदम उठाए गये हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद से लडाई हो या छत्तीसगढ़ में लेफ्ट विंग का संघर्ष अथवा लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध सभी जगह आईटीबीपी ने उत्कृष्टता के साथ साहसी प्रदर्शन किया है। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि पिछले महीनों में आईटीबीपी ने लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध के साथ अपनी शक्तिशाली सेना का दम भरने वाले कई देशों का भ्रम तोड़ा है। रेड्डी ने कहा कि भारत ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के दर्शन पर विश्वास रखता है और देश की संस्कृति हमें ‘शास्त्र और अस्त्र’ दोनों की पूजा करना यही सिखाती है कि शत्रु कभी भी और कहीं भी अपना सिर उठा सकता है, तो विषम परिस्थितियों के लिए हमें किसी भी अंदेशे का सामना के लिए तैयार रहना चाहिए और उसमें आईटीबीपी देश की उस तैयारी का एक अहम स्तंभ है। जो वर्ष 1962 में अपनी स्थापना के बाद से ही देश की सीमाओं की रक्षा कर रही है। कितनी भी विषम परिस्थिति हो आइटीबीपी के जवान ऊंचे मनोबल से अपनी ड्यूटी का पालन करते हैं और भारत माता की सेवा में पूर्ण राष्‍ट्रभक्ति के साथ जमकर खड़े रहते हैं। गृह राज्‍य मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद से लडाई हो या छत्तीसगढ़ में लेफ्ट विंग का संघर्ष सभी जगह आइटीबीपी ने उत्कृष्टता के साथ प्रदर्शन किया है। छत्तीसगढ़ में युवाओं को खेल से जोड़ना हो,आम जनता के लिए साफ पीने के पानी की व्यवस्था करना हो या दूर-दराज के इलाकों में मेडिकल कैंप लगाना सभी जगह आईटीबीपी के जवान बिना थके अपने मोर्चे पर ढटे रहे। जवानों ने कंधों पर उठाकर कई किलोमीटर तक मरीजों को मुश्किल रास्‍तों से चलते हुए अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाने का भी काम किया जो मानवता का प्रतिरूप है। यही नहीं कोविड-19 में आईटीबीपी के योगदान ने दुनिया को प्रभावित किया है। 47 बॉर्डर आउटपोस्ट की मंजूरी रेड्डी ने बताया कि गृह मंत्रालय द्वारा आईटीबीपी को 47 बॉर्डर आउटपोस्ट बनाने की मंजूरी दे दी गई है। जवानों को आवश्‍यक यूनीफार्म और मॉनिटरिंग इक्विपमेंट दिए गए है। एक वर्ष में 28 प्रकार के नए वाहनों की व्यवस्था की गई है। आईटीबीपी के लिए 7,223 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है। साथ ही प्रबंधन के लिए 15 करोड़ से अधिक राशि मंजूर की गई है। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की स्‍थापना 24 अक्टूबर 1962 को भारत-चीन सीमा पर चीनी आक्रमण के मद्देनजर की गई थी। आईटीबीपी को शुरू में सीमावर्ती आसूचना, अवैध घुसपैठ और तस्करी रोकने तथा एक गुरिल्‍ला बल के रूप में भारत-तिब्‍बत सीमा के साथ-साथ सुरक्षा स्‍थापित करने के लिए गठित किया गया था। प्रत्‍येक वर्ष इस दिन को आईटीबीपी कर्मियों का मनोबल बढ़ाने और इसकी वीरता तथा उपलब्धियों को याद करने के लिए बल के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। परेड की सलामी गृह राज्यमंत्री किशन रेड्डी ने आईटीबीपी के स्थापना दिवस पर आयोजित परेड की सलामी भी ली और देश की सेवा में बलिदान करने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह उन शहीदों के परिवाराजनों को विश्वास दिलाते हें कि पूरा देश और भारत सरकार सदैव उनके साथ है और आईटीबीपी के बलिदान और वीरता के लिए राष्ट्र हमेशा उनपर गर्व करेगा और उनका ऋणी रहेगा। उन्होंने बताया कि आईटीबीपी कर्मियों को छह राष्‍ट्रपति पुलिस पदक और सराहनीय सेवाओं के लिए 23 पुलिस पदक प्रदान किए। इस मौके पर इससे पहले आइटीबीपी के महानिदेशक सुरजीत सिंह देशवाल ने जी किशन रेड्डी को आइटीबीपी के वर्तमान दायित्वों के बारे में जानकारी दी। देशवाल ने बताया कि गृह मंत्रालय के नेतृत्व में आईटीबीपी के मॉर्डनाइजेशन के लिए लगातार कोशिश की जा रही है जिसमें जवानों को आधुनिक गाड़ियां, जैकेट, हेलमेट आदि की खरीद शामिल है। इसके साथ ही राइफल को भी अपग्रेड किया गया है, सीमा पर बेहतर कम्युनिकेशन के लिए इक्विपमेंट भी लगाए गए हैं। 25Oct-2020

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