शनिवार, 31 अक्तूबर 2020

पिछले पांच माह में ईपीएफओ से जुड़े 20 लाख अंशधारक

पेरोल आंकड़ा: ईपीएफओ ने अगस्त में 10.06 लाख लाभार्थी जोड़े हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा कोरोना वायरस के कारण कर्मचारियों को राहत देने के लिए कई योजनाओं में बदलाव किया। इस संकट के बावजूद कर्मचारियों को राहत देने वाले ईपीएफओ ने चालू वित्तीय वर्ष के पहले पांच महीनों में 20 लाख से ज्यादा नए अंशधारकों को जोड़ा है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने मंगलवार को ईपीएफओ के प्रकाशित आरंभिक पेरोल आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि चालू वित्त वर्ष के शुरुआती पांच महीनों के दौरान ईपीएफओ के अंशधारकों यानि लाभार्थियों की संख्या में लगभग 20 लाख की वृद्धि हुई है। ईपीएफओ के आंकड़ो के मुताबिक जुलाई के दौरान लगभग 7.49 लाख नए लाभार्थी जोड़े गए, जो पिछले वर्ष के इसी महीने यानि जुलाई के दौरान जुड़े लाभार्थियों की कुल संख्या का लगभग 64 फीसदी है। जबकि इस साल अगस्त में 10.06 लाख की वृद्धि के साथ पिछले साल अगस्त में दर्ज सदस्यता की तुलना में लगभग 93 फीसदी लाभार्थी जुड़े। ईपीएफओ ने नए सदस्यों के जुडने के मामले में जुलाई 2020 की तुलना में अगस्त 2020 में 34% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। इस साल अगस्त के महीने में सदस्य संख्या में इस वृद्धि का आधार अधिक से अधिक संख्या में नए लाभार्थियों का जुड़ना और पुराने सदस्यों का संगठन न छोड़ना है। इस साल जुलाई में जहां 6.48 लाख नए सदस्य ईपीएफ़ओ से जुड़े, वहीं अगस्त में 6.70 लाख लाभार्थी जुड़े। पेरोल कर्मियों के ईपीएफ़ओ सदस्य बनने के राज्यवार विश्लेषण से पता चलता है कि जून-जुलाई-अगस्त, 2020 के दौरान संगठन का सदस्य बनने वाले कुल 21.40 लाख नए सदस्यों में से लगभग 57 फीसदी महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, कर्नाटक और हरियाणा राज्य से हैं। ईपीएफओ की सदस्य संख्या में वृद्धि के संबंध में इसे सामान्य स्थिति की तरफ पहुँचने का संकेतक के तौर पर माना जा सकता है। कोरोना महामारी के चलते देश भर में लागू लॉकडाउन के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान नामांकन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था। हालांकि जुलाई और अगस्त के लिए आरंभिक पेरोल आंकड़े कोराना महामारी के नकारात्मक प्रभाव को कम करता हुआ दिखाई देते हैं और पूर्व-कोविड स्तर पर पहुँचने के संकेत देते हैं। 21Oct-2020

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