बुधवार, 14 अक्तूबर 2020

प्रवासी श्रमिकों व उनकी समस्याओं का तैयार होगा डेटा

श्रम ब्यूरो सर्वेक्षणों की बैठक में केंद्रीय मंत्री गंगवार ने दिया बल
हरिभूमि ब्यूरो
.नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोरोना काल के दौरान प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं को खोजने और उन्हें रोजगार मुहैया कराने के लिए योजना बना रही है, इसके लिए सरकार ने इस संबन में श्रम ब्यूरो के समक्ष एक विश्वसनीय डेटा तैयार करने पर बल दिया है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने यहां नई दिल्ली में आयोजित श्रम ब्यूरो सर्वेक्षण पर विशेषज्ञ समूह की बैठक में कोरोना महामारी के दौर में प्रवासी कामगारों के सामने आईं मुश्किलों के प्रति गहरी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के संदर्भ में प्रवासी कामगारों और उनके सामने आने वाली मुश्किलों के संबंध में विश्वसनीय डेटा की आवश्यकता है। यह डेटाबेस सरकार के लिए उनकी स्थितियों में सुधार के लिए व्यावहारिक समाधान खोजने और उनके लिए रोजगार अवसर पैदा करने की योजना बनाने में सहायक होगा। गंगवार ने इस बैठक में यह भी कहा कि घरेलू कामगारों पर डेटा संग्रह का काम श्रम ब्यूरो द्वारा किया जा रहा है, जो कि अपनी तरह का पहला सर्वेक्षण है जिसमें हमारे देश के लगभग 3 प्रतिशत कामगार शामिल हैं। सर्वेक्षण से सरकार इस खंड के श्रमिकों के सामने आने वाली चुनौतियों की पहचान करने और इन स्थितियों में सुधार के लिए नीतियां तैयार करने में सक्षम हो जाएगी। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि रोजगार और बेरोजगारी पर उपलब्ध हमारे डेटा के स्रोतों के प्रभावी विस्तार के लिए सरकार ने पेशेवर निकायों का एक सर्वेक्षण शुरू किया है, जो श्रम ब्यूरो द्वारा कराया जाएगा। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, अधिवक्ताओं और चिकित्सकों जैसे व्यवसायों में पैदा रोजगार के ऊंचे अनुपात को देखते हुए ऐसे व्यवसायों में पैदा होने वाले रोजगार पर आवधिक आकलन कराये जाने की आवश्यकता है। सर्वेक्षण का उद्देश्य रोजगार पर विश्वसनीय और निरंतर डेटा तैयार करना है, जो समग्र रोजगार योजना और संवर्धन में इनपुट का काम करेगा। श्रमिकों के मुद्दों पर सर्वेक्षण करेगा श्रम ब्यूरो गौरतलब है कि कोलकाता विश्वविद्यालय के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर एस. पी. मुखर्जी की अध्यक्षता वाले विशेषज्ञ समूह में कई अर्थशास्त्रियों, सांख्यिकीविदों और सरकारी अधिकारियों को शामिल किया गया है। सरकार ने प्रवासन, पेशेवर निकायों, घरेलू श्रमिकों पर सर्वेक्षण और अन्य सर्वेक्षणों के संबंध में श्रम ब्यूरो को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए तीन साल की अवधि के लिए इसकी गठन किया है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि श्रमिकों के विशेष वर्गों से संबंधित मुद्दों को समझने के प्रयास में सरकार ने श्रम ब्यूरो को तीन महत्वाकांक्षी सर्वेक्षण का कार्य सौंपा है। संसद द्वारा अनुमोदित चार नए श्रम कोडों के तहत रिटर्नों के माध्यम से प्राप्त हुए आंकड़ों के संरक्षण का अधिकार भी नियमानुसार श्रम ब्यूरो के पास रहेगा। श्रम ब्यूरो द्वारा कराए जा रहे प्रवासी सर्वेक्षण से देश में प्रवासी कामगारों की संख्या का प्रमाणिक अनुमान लगाने के साथ ही उनके सामने आ रही समस्याओं का आकलन किया जा सकेगा। इस डेटा की आपात आवश्यकता को देखते हुए उन्होंने विशेषज्ञ समूह से इस सर्वेक्षण से संबंधित तकनीक संबंधी विवरण को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने का अनुरोध किया, जिससे इसे बिना किसी देरी के पेश किया जा सके। 10Oct-2020

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