शनिवार, 31 अक्तूबर 2020

नए संसद भवन में बनेगा विशेष ‘संविधान कक्ष’

सांसदों की सुविधाओं से लैस होंगे अलग-अलग कार्यालय निगरानी समिति करेगी नए भवन के निर्माण कार्य की निगरानी हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। नए संसद भवन के निर्माण में तेजी लाने की दिशा में एक निगरानी समिति का गठन करने का फैसला किया गया है। इस नए भवन में सभी अत्याधुनिक और सांसदों की सुविधाओं को फोकस किया गया है। वहीं खास बात यह होगी कि भारत लोकतांत्रिक विरासत को परोसने लिए इस नए भवन में एक विशेष ‘संविधान कक्ष’ का निर्माण भी किया जा रहा है। दरअसल शुक्रवार को संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने नए संसद भवन के निर्माण के संबंध में केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और संबन्धित विभागों व एजेंसियों के अधिकारियों क साथ एक समीक्षा बैठक की। इस बैठक में बिरला को नए भवन के निर्माण के लिए प्रस्तावित क्षेत्र से मौजूदा सुविधाओं और अन्य संरचनाओं को स्थानांतरित किए जाने के संबंध में की गई प्रगति की जानकारी दी गई। इस क्षेत्र के आसपास घेरा बनाने और निर्माण प्रक्रिया के दौरान वायु और ध्वनि प्रदूषण के नियंत्रण के लिए किए जाने वाले विभिन्न उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बिरला को यह भी बताया कि नए भवन के निर्माण की अवधि के दौरान और विशेषकर संसद सत्र के दौरान अति विशिष्ट व्यक्ति और स्टाफ के आने-जाने की व्यवस्था कैसी होगी। मौजूदा संसद भवन में संसदीय समारोहों के आयोजन के लिए अधिक उपयोगी स्थान की व्यवस्था के लिए इसे उपयुक्त सुविधाओं से लैस किया जाएगा, ताकि नए भवन के साथ ही इस भवन का उपयोग भी सुनिश्चित हो सके। बैठक में यह भी जानकारी दी गइर कि संसद के इस नए भवन के निर्माण का कार्य दिसंबर 2020 में शुरू होगा, जिसके अक्टूबर 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है। बैठक में लोकसभा की महासचिव श्रीमती स्नेहलता श्रीवास्तव,लोक सभा सचिवालय में सचिव उत्पल कुमार सिंह,आवासन और शहरी सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा,लोक सभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी के अलावा आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, केलोनिवि और अन्य संबंधित एजेंसियों के अधिकारी भी शामिल हुए। जल्द गठित होगी निगरानी समिति नए संसद भवन की इस परियोजना को समय से पूरा किया जा सके। इसके लिए बैठक में लोकसभा अध्यक्ष बिरला के निर्देश पर फैसला किया गया है कि निर्माण कार्य की निगरानी के लिए एक निगरानी समिति का गठन किया जाएगा, जो निर्माण की गति को तेज रखने के साथ गुणवत्ता और अन्य संबन्धित पहलुओं की निगरानी करेगी। इस निगरानी समिति में अन्य व्यक्तियों के साथ-साथ लोक सभा सचिवालय, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, के लोक निर्माण विभाग, नई दिल्ली नगर पालिका के अधिकारी और परियोजना के आर्किटेक्ट व डिजाइनर भी शामिल होंगे। निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा करते हुए बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि संबंधित विभिन्न एजेंसियां नियमित आपस में तालमेल रखते हुए विभिन्न मुद्दों का समाधान करें। वहीं उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि निर्माण कार्य को समय से पूरा करने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में कोई समझौता नहीं होना चाहिए। कैसा होगा नया संसद भवन नए भवन में संसद सदस्यों के लिए अलग कार्यालय होंगे। सदस्यों के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली अन्य सुविधाओं में कक्षों में प्रत्येक संसद सदस्य की सीट अधिक आरामदेह होगी और उसमें डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध होंगी जो पेपरलेस कार्यालय की दिशा में एक अग्रणी कदम होगा। लोकसभा और राज्यसभा कक्षों के अलावा नए भवन में एक भव्य संविधान कक्ष होगा, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत दर्शाने के लिए अन्य वस्तुओं के साथ-साथ संविधान की मूल प्रति, डिजिटल डिस्पले आदि होंगे। इस बैठक के दौरान यह जानकारी दी गई कि आगंतुकों को इस हाल में जाने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी ताकि वे संसदीय लोकतंत्र के रूप में भारत की यात्रा के बारे में जान सकें। नए भवन में संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, लाइब्रेरी, छह समिति कक्ष और डाइनिंग (भोजन) कक्ष भी होंगे। 24Oct-2020

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