राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण संभालेगा कार्यान्वयन का जिम्मा
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
देश में तेजी से बढ़ते सड़क हादसों में हो रही मौतों पर अंकुश लगाने की दिशा
में जल्द ही घायलों के तत्काल उपचार के लिए आर्थिक मदद मुहैया कराने के मकसद से
कैशलेस इलाज योजना शुरू करेगी। इस योजना को लागू करने की दिशा में तैयार किये गये
रोडमैप के तहत मोटर वाहन दुर्घटना कोष का गठन भी किया जाएगा। वहीं हादसों में
घायलों की उचित समय पर गुणवत्तापूर्ण इलाज की सुविधा मिल सके, इसके लिए भी इस
योजना में प्रावाधन किये जाएंगे।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर दुर्घटना में घायलों का कैशलेस उपचार शुरू करने की योजना को कार्यान्वित
करने के लिए मोटर वाहन अधिनियम 2019 के तहत
एक खाका तैयार किया है, ताकि योजना के जरिए सड़क हादसों में घायलों को तत्काल यानि बेहद महत्वपूर्ण के उपचार मुहैया करार उनकी
जान बचाई जा सके। मंत्रालय ने मोटर वाहन दुर्घटना के पीड़ितों को आर्थिक मदद
मुहैया कराने के लिए कैशलेस इलाज योजना के प्रारुप के साथ देश के सभी राज्यों व
केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान
सचिवों तथा परिवहन के प्रभारी सचिवों को पत्र जारी किये हैं, जिसमें दस जुलाई तक इस योजना
पर उनके विचार मांगे हैं। मंत्रालय के मुताबिक इस मुफ्त इलाज योजना के कार्यान्वयन का जिम्मा पीएम-जेएवाई की नोडल एजेंसी
के रूप
में कार्य करने वाली राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) को सौंपा जा रहा है, जिसका
देशभर में 21 हजार अस्पतालों के साथ करार है। इसलिए सड़क दुर्घटना में घायल पीड़ितों
के लिए बनाई जा रही कैशलेस
इलाज योजना को लागू करने की जिम्मेदारी के लिए
एनएचए बिल्कुल
नोडल एजेंसी की तरह काम करेगा।
दुर्घटना कोष का होगा गठन
मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार इस योजना में केंद्र सरकार अलग से मोटर वाहन दुर्घटना फंड का
गठन
करेगी और योजना के तहत दुर्घटनाओं में घायलों का खर्च बीमा कंपनियां उठाएंगी। इस योजना में देश में सभी वाहन उपयोगकर्ताओं को अनिवार्य
बीमा कवर उपलब्ध कराने की भी परिकल्पना
की गई है। दुर्घटना फंड का उपयोग सड़क दुर्घटना के पीड़ितों के उपचार के लिए एवं दुर्घटना में जान गवां
चुके व्यक्तियों के परिवारजनों या घायलों की क्षतिपूर्ति के भुगतान के लिए किया जाएगा।
योजना के प्रस्तावित तौर तरीकों
की रूपरेखा इस प्रकार बनाई गई है, कि उनकी
भुगतान क्षमता चाहे जो भी हो, लेकिन सभी व्यक्तियों को सही समय
पर गुणवत्तापूर्ण देखभाल सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
ढ़ाई लाख रुपये तक खर्च करेगी सरकार
मंत्रालय के अनुसार सड़क हादसों में घायलों के लिए इस मुफ्त इलाज योजना के तहत केंद्र सरकार सड़क हादसे में घायल प्रति व्यक्ति का 2.50 लाख रुपये के इलाज का
खर्च उठाएगी। इस योजना में विदेशी नागरिकों को भी इसका फायदा होगा। मंत्रालय के मुताबिक
सरकार की इस नई कैशलेस योजना को शुरू करने का मकसद सड़क हादसों में मौतों के
आंकड़ो पर अंकुश लगाना है, जिसमें घायलों को तत्काल मुफ्त इलाज मिल सकेगा यानि सड़क हादसे में गंभीर रूप
से घायल व्यक्ति को पहले एक घंटे में मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाएगा।
हर रोज 400 मौतें
परिवहन मंत्रालय द्वारा राज्यों को अपने संबोधन में लिखे एक पत्र में कहा गया है
कि केंद्र सरकार सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों के कैशलेस उपचार के लिए एक योजना बनाएगी
और इस तरह की योजना में पीड़ितों के उपचार के लिए एक फंड बनाने का प्रावधान हो सकता
है। परिवहन मंत्रालय के अनुसार भारत में हर साल 1.5 लाख लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो जाती है। औसतन, हर रोज 1200 लोग सड़क
दुर्घटना का शिकार होते हैं, जिनमें से 400 के करीब लोगों की मौत हो जाती है।
02July-2020
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