केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को रास आया बांग्लादेशी अर्थशास्त्री यूनुस का
सुझाव
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत देश के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े व गरीबों को आर्थिक रूप से मजबूती देने के लिए
सूक्ष्म वित्तीय नीति बनाई जा सकती है, ताकि छोटे व्यवसायियों को आर्थिक रूप से
मदद मिल सके।
केंद्रीय सूक्ष्म, मध्यम एवं लघु उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने यह संकेत वीडियो
कांफ्रेंसिंग के जरिए एमएसएमई और आजीविका के पुनर्गठन के संबन्ध में ‘पैनआईआईटी ग्लोबल ई-कन्क्लेव’ को संबोधित करते हुए दिये। केंद्रीय एमएसएमई मंत्रालय के अनुसार गडकरी ने इस
कांफ्रेंसिंग से जुडे बांग्लादेश स्थित ग्रामीण बैंक के संस्थापक एवं नोबेल पुरस्कार
अर्थशास्त्री यूनुस के भारत में सूक्ष्म वित्त संस्थानों को जमाएं स्वीकार करने की
इजाजत दने के सुझाव पर कहा कि सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से
पिछड़े लोगों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने हेतु पूंजी समर्थन मुहैया कराने के
लिए अलग से
एक ऐसी नीति या एक मॉडल की जरूरत है, जो सूक्ष्म, छोटे व्यवसायों, मछुआरों, नौकाओं, रिक्शा
चालकों, सब्जी विक्रेताओं, गरीबों एवं स्वरोजगार करने वालों को के कामकाज में आर्थिक मदद मुहैया करा सके। उन्होंने कहा कि देश में अधिकांश
आबादी मछली पकड़ने, मधुमक्खी पालन, बांस उत्पादन आदि जैसे बहुत छोटे उद्यमों में शामिल है, जो मौजूदा समय में आर्थिक और सामाजिक रूप से
पिछड़े हैं, जिनके लिए पर्याप्त
वित्तीय सहायता की कमी है। गडकरी ने इस मौके पर कहा कि सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से
ऐसे पिछड़े लोगों, जिनके पास कौशल तो है, लेकिन पूंजी नहीं है। इस कारण वे अपने व्यवसायों या कार्यों में कोई मूल्यवर्धन नहीं
कर पा
रहे हैं। ऐसे लोगों को वित्तीय, तकनीकी और विपणन समर्थन के
की
जरुरत है। इस प्रकार की नीतियों से निश्चित रूप से ग्रामीण, कृषि और जनजातीय क्षेत्रों में ऐसे लोगों को रोजगार के अवसरों को बढ़ावा
मिलेगा
और देश के सकल घरेलू उत्पाद यानि डीजीपी को भी ताकत मिलेगी।
सरकार ने मांगे सुझाव
गडकरी ने ऐसे सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े उद्यमियों की मदद करने
के लिए सूक्ष्म
वित्तीय नीति के रूप में एक मॉडल विकसित करने के लिए सुझाव आमंत्रित किए हैं। उन्होंने कहा कि यह मॉडल पारदर्शी
होना चाहिए, भ्रष्टाचार मुक्त होना चाहिए, आईटी को कम प्रक्रियात्मक परेशानियों के साथ सक्षम होना
चाहिए ,
जिसमें कम से कम
अनुमति जैसी
जरुरत हो। गडकरी ने उम्मीद जताई कि उत्पादन, वैकल्पिक ईंधन और अन्य क्षेत्र की तरह ही वित्त मंत्रालय, एनआईटीआई अयोग द्वारा अनुमोदित मॉडल बांस, शहद से जुड़े कई उद्यमों का समर्थन कर सकता है।
अर्थशास्त्री यूनुस ने ये दिया सुझाव
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस ने कहा कि भारत में सूक्ष्म
वित्त संस्थानों (एमएफआई) को जनता से जमाएं स्वीकार करने की इजाजत दी जानी चाहिए। उन्होंने
‘पैनआईआईटी ग्लोबल ई-कन्क्लेव’ में कहा कि इस समय एमएफआई को धन के लिए बैंकों के पास
जाना पड़ता है। बांग्लादेश स्थित ग्रामीण बैंक के संस्थापक यूनुस ने कहा कि भारत सरकार से मेरी अपील है
कि एमएफआई को जनता से जमाएं स्वीकार करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
21July-2020
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