सोमवार, 13 जुलाई 2020

देश में जल्द दूर होगी लंबित बुनियादी ढांचे की अडचनें


रेलवे बोर्ड अध्यक्ष, वन महानिदेशक सड़क महानिदेशक समाधान को हर माह करेंगे बैठक
नितिन गडकरी के साथ बुनियादी ढांचे पर गठित समूह की बैठक
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
देश में बुनियादी ढांचें को लेकर रेलवे या वन मंजूरी की अड़चनों के कारण लंबित करीब 187 राजमार्ग परियोजनाओं को शुरू करने की दिशा में बुनियादी ढांचां परियोजनाओं के समूह की बैठक में मंथन किया गया। इन लंबित परियोजनाओं की अड़चनों को दूर करने की दिशा में तय किया गया कि रेलवे बोर्ड अध्यक्ष, वन महानिदेशक और सड़ महानिदेशक हर माह ऐसे मुद्दों पर बैठक करके समाधान निकालेंगे।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में मंगलवार को वेबकास्ट के जरिए नई दिल्ली में बुनियादी ढांचे पर बने समूह की बैठक में हुए मंथन के बाद बुनियादी ढांचे की लंबित परियोजनाओं को लेकर यह निर्णय लिये गये। इस बैठक केंद्रीय रेल तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, सूचना एवं प्रसारण तथा भारी उद्योग एवं लोक उपक्रम मंत्री प्रकाश जावडेकर तथा केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह ने हिस्सेदारी की। इनके अलावा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, रेल, बिजली, पर्यावरण एवं वन मंत्रालयों, रेल बोर्ड, एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारियों तथा महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक राज्यों के प्रतिनिधियों ने भी बैठक में भाग लिया।
लंबित सड़क परियोजनाओं पर चर्चा
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार इस बैठक में लंबित बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं के समाधान के संबंध में कई मुद्दों पर विचार हुआ, जिसमें प्रमुख मुद्दा 187 राजमार्ग परियोजनाओं की बकाया वन मंजूरी से संबंधित था, हालांकि यह बात भी सामने आई की कई परियोजनाओं ने दूसरे चरण की वन मंजूरी के लिए आवेदन ही नहीं किया। फिर भी इसके लिए संबंधित अधिकारियों को तत्काल इसकी प्रक्रिया आरंभ करने का निर्देश दिये गये। बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर लेवल क्रॉसिंगों को हटाये जाने की आवश्यकता है, क्योंकि वे दुर्घटनाओं के बड़े स्थान बन गये हैं। यह भी बताया गया कि जहां 167 स्थानों पर उनकी डिजाइन को स्वीकृति दे दी गई है, लेकिन अभी तक वहां कार्य आरंभ नहीं हुआ है। इस संबंध में पांच वर्ष पहले ही समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं और निष्पादन में तेजी लाने की आवश्यकता है। इस दिशा में मासिक आधार पर सेतुभारतम प्रोग्राम के तहत परियोजनाओं की निगरानी करने की आवश्यकता है। रेलवे के पास भी 30 सड़क परियोजनाएं लंबित पड़ी हैं, जिनके समाधान के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दस दिन के भीतर इनका समाधान करने का आश्वासन दिया।
कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं बाधित
बैठक में यह मुद्दा भी सामने आया कि दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय की निगरानी में एक महत्वाकांक्षी परियोजना द्वारका एक्सप्रेसवे भी ऐसी ही समस्या का सामना कर रही है जहां कुल 6364 पेड़ों में से 1939 बबूल की झाड़ियां हैं। इसी प्रकार महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश जैसे कई राज्य इस झाड़ी को भूमि राजस्व कोड में पेड़ के रूप में कवर नहीं करते हैं। नितिन गडकरी ने कहा कि लिखित रूप से पत्राचार करने से बेहतर है कि हमेशा एकजुट होकर बैठें और एक दूसरे के सामने मुद्दों का समाधान करें। उन्होंने निर्देश दिया कि अब से रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, वन महानिदेशक और सड़क महानिदेशक के बीच हर माह एक संयुक्त बैठक हुआ करेगी, ताकि कई सारे मुद्दों का समाधान किया जा सके। वहीं पर्यावरण मंत्री जावडेकर से आग्रह किया गया कि वे राज्यों में नियुक्त वन अधिकारियों को निर्देश दें कि वे पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय एवं सीसी द्वारा जारी परिपत्रों तथा आदेशों का अनुपालन करें और उन्हें कार्यान्वित करें।
08July-2020

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