केंद्र सरकार ने वाहन नियमों में संशोधन पर मांगे सुझाव
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
देश में हरित ईंधन को प्रोत्साहन देने की योजना पर काम कर रही केंद्र सरकार ने
हाईड्रोजन मिश्रित सीएनजी को वैकल्पिक ईंधन के रूप में लाने की तैयारी कर रही है।
इसके लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन करने के लिए एक अधिसूचना जारी करके
सुझाव मांगे गये हैं।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी देते
हुए बताय कि देश में पर्यावरण की दृष्टि से हरित ईंधन को बढ़ावा दे रही हैं, जिसके
लिए सरकार को केंद्रीय मोटर वाहन नियम-1979 में संशोधन करने पर विचार करके हाईड्रोजन मिश्रित सीएनजी
को
बेहतर वैकल्पिक ईंधन के रूप में लागू करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए मंत्रालय
ने एक अधिसूचना जारी करके हितधारकों और आम लोगों से सुझाव आमंत्रित किये हैं। इस
अधिसूचना के जरिए सार्वजनिक किये गये केंद्रीय मोटर वाहन नियम-1979 के संशोधित
मसौदे पर 30 दिनों के भीतर सुझाव मांगे गये है। मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार
का यह कदम देश में
ऑटोमोबाइल या मोटर वाहनों में हरित ईंधनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने में मदद करेगा। मंत्रालय
की इस अधिसूचना में कहा गया है कि इस संबंध में आम जनता या हितधारक तीस दिनों के भीतर अपनी टिप्पणियां या सुझाव संयुक्त सचिव (एमवीएल), सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, परिवहन भवन, संसद मार्ग, नई दिल्ली -110001 या ईमेल: jspb-morth@gov.in पर भेजे जा सकते हैं। इस प्रकार मंत्रालय ने 11 जुलाई को भी एक
अधिसूचना जारी करते हुए सुझाव मांगे थे, जिसमें ई-वाहनों को प्रोत्साहित करने की दिशा
में हाइड्रोजन चालित वाहनों की के सुरक्षा मानकों को लागू करने के लिए केंद्रीय मोटर
वाहन नियमों में संशोधन मसौदे पर सुझाव मांगे गये थे। मंत्रालय के अनुसार सरकार प्रदूषण से मुक्ति दिलाने की दिशा में हाईड्रोजन ईंधन आधारिक
वाहनों की सुरक्षा के लिए कुछ जरूरी नियम बनाने की तैयारी में है, क्योंकि हाइड्रोजन गैस बहुत ज्वलनशील होती है। ऐसे
में इसके प्रोडक्शन, स्टोरेज, ट्रांसपोर्ट और डिलीवरी में काफी सावधानी बरतने जैसे पहलुओं
के आधार पर सुरक्षा मानकों की दिशा में सरकार को मोटर वाहन नियम में बदलाव कराना होगा।
सरकार का मानना है कि हाइड्रोजन चालित वाहन से कार्बन उत्सर्जन न के बराबर है और वहीं
हाइड्रोनज ईंधन का इस्तेमाल बढ़ने से देश की पेट्रोलियम पदार्थों पर निर्भरता कम
होगी।
24July-2020
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सड़क सुरक्षा: अब मानकों के दायरे में आएंगे दुपहिया
वाहन
टायरों, सेफ्टी
ग्लास, एक्सटर्नल प्रोजेक्शनों जैसे विनियमन जारी
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने देश में सड़क सुरक्षा के मद्देनजर वाहनों के लिए सीएमवीआर के
तहत टायरों, सेफ्टी ग्लास, एक्सटर्नल प्रोजेक्शनों आदि के लिए संशोधित विनियमन की अधिसूचना जारी की है।
इसके दायरे में दुपहिया वाहनों के लिए भी मानकों की सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा सीएमवीआर-1989 में किये गये संशोधनो के अनुसार अधिकतम 3.5 टन मास तक के वाहनों के लिए
टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम यानि टीपीएमएस
के लिए विनिर्देश है, जिसमें वाहन के चलते रहने की स्थिति में टायर या इसके वेरिएंशन के इंफ्लेशन प्रेशर की
निगरानी तय हो
सकेगी। अधिसूचना के तहत टायर रिपेयर किट की अनुशंसा की गई है मसलन टायर पंक्चर (ट्यूबलेस टायर) की
दुर्घटना के दौरान रिपेयर किट के उपयोग से सीलेंट को टायर ट्रेड में पंक्चर हुए स्थान
पर एयर सील के साथ डाला जाता है। इसमें कहा गया है कि अगर टायर रिपेयर किट और टीपीएमएस उपलब्ध कराया गया है तो ऐसे वाहनों में अब अतिरिक्त
टायरों की आवश्यकता समाप्त हो गई है। अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप यह अधिक जगह
उपलब्ध कराएगा जिससे ईवी के लिए बैट्री आदि को समायोजित किया जा सकता है। इसी प्रकार सेफ्टी ग्लास के एक विकल्प
के रूप में मानकों के अनुरूप सेफ्टी ग्लेजिंग का समावेश किया जाएगा। बहरहाल सामने तथा पीछे की
खिड़कियों में 70
प्रतिशत
तथा बगल की खिड़की 50 प्रतिशत
के लिए लाइट के विजुअल ट्रांसमिशन की प्रतिशतता सेफ्टी ग्लेजिंग के साथ शीशे पर सेफ्टी
ग्लास के लिए समान ही रहेगी।
दुपहिया वाहन के मानक
मंत्रालय के अनुसार मौजूदा समय
में दुपहिया
के स्टैंड विनियमित नहीं हैं और उनकी समन्वित आवश्यकताएं नहीं हैं, जिनके लिए एआईएस मानक अनुशंसित किए
गए हैं। इसके अलावा सीएमवीआर के तहत दुपहिया एक्सटर्नल प्रोजेक्शन आवश्यकताओं के लिए कोई मानक उपलब्ध
नहीं था, जिसे अब
पैदल चलने वालों तथा गतिमान वाहनों के संपर्क में आने वाले सवारों के मामले में पंगु
बनाये जाने की घटनाओं में कमी लाने के लिए अनुशंसित किया गया है, इस लिए अब दुपहिया वाहनों के मानक निर्धारण किये जा रहे हैं, जिसमें टेस्टिंग डिवाइस के साथ संपर्क
के सभी बिंदु होंगे। वहीं इसमें न्यूनतम अनुशंसित रेडियस होंगे या साफ्ट मैटेरियल से निर्मित्त होंगे। दुपहिया
वाहनों में फुट रेस्ट आवश्यकताओं के लिए भी मानक अधिसूचित किए गए है। मसलन दुपहिया वाहनों में अगर एक हल्के
वजन का एक कंटेनर पीछे की सवारी के पीछे के स्थान पर लगा हुआ है, तो पीछे की सवारी की अनुमति देने के
लिए एक प्रावधान किया गया है, बशर्तें
कि वाहन निर्माता द्वारा विनिर्दिष्ट है और टेस्टिंग एजेंसी द्वारा अनुमोदित आयामों
एवं सकल वाहन वजन के लिए मानदंडों को पूरा किया गया हो।
23July-2020
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