मुस्लिम महिला अधिकार दिवस के रूप में मनी ‘तीन तलाक’ कानून की वर्षगांठ
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राजनीतिक सशक्तिकरण की प्रतिबद्धता के तहत
पिछले साल ‘तीन तलाक’ कानून लागू करने से देश में मुस्लिम महिलाओं में
आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास बढ़ा है। तीन तलाक को अपराध बनाने का ही नतीजा है कि
एक साल में तीन तलाक के मामलों में 82 फीसदी कमी आई है।
यह बात शुक्रवार को मुस्लिम महिलाएं (शादी पर अधिकारों के संरक्षण) अधिनियम-2019 यानि ‘तीन तलाक’ कानून की पहली वर्षगांठ पर यहां नई दिल्ली स्थित
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कही है। वीडियो
कांफ्रेंसिंग के जरिए अपने संबोधन में नकवी ने कहा कि तीन तालक या तालाक-ए-बिद्दत न तो इस्लामिक
था और न ही कानूनी, लेकिन मोदी सरकार ने इसे कानूनी अमलीजामा पहनाकर मुस्लिम महिलाओं के
आत्मविश्वास में इजाफा किया है। उन्होंने कहा कि एक अगस्त 2019 को संसद में पारित
हुए इस कानून के बाद बाद एक साल में तीन तलाक के मामलों में 82 फीसदी से ज्यादा
कमी दर्ज की गई है। नकवी ने तर्क दिया कि इसके बावजूद ‘वोट बैंक के व्यापारियों’ ने इस सामाजिक बुराई को ‘राजनीतिक संरक्षण’ दिया, जबकि
तीन तलाक
के खिलाफ इस
कानून को तीन दशक पहले यानि 1980 में उस समय ही पारित किया जा सकता था, जब सुप्रीम कोर्ट ने शाह बानो मामलों में ऐतिहासिक
फैसला दिया था। लेकिन वोट बैंक की सियासत करने वाले राजनीतिक दलों ने मुस्लिम महिलाओं को
उनके संवैधानिक
और मौलिक अधिकारों को वंचित किया।
नकवी ने कहा कि मोदी सरकार ने उच्चतम न्यायालय के फैसले को प्रभावी बनाने के लिए तीन
तलाक के खिलाफ कानून बनाया। तीन तलाक की वर्षबगांठ को मुस्लिम महिला अधिकार दिवस के रूप में मनाए गये इस कार्यक्रम में नई दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, लखनऊ, वाराणसी, जयपुर, मुंबई, भोपाल, हैदराबाद और तमिलनाडु के कृष्णागिरी समेत कई शहरों की
मुस्लिम महिलाओं को संबोधित किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर
प्रसाद और केंद्रीय
महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने भी हिस्सा लिया।
कांग्रेस को नही था मुस्लिम महिलाओं से सरोकार: स्मृति ईरानी
इस समारोह में देश में ‘तीन तलाक’ कानून लागू होने के एक साल पूरे होने पर आयोजित मुस्लिम महिला अधिकार दिवस पर बोलते
हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि 1980 के दशक में कांग्रेस के पास मुस्लिम बहनों के हक में फैसला करने का मौका था, लेकिन उनके लिए वोट ज्यादा महत्वपूर्ण था मुस्लिम बहनों
का जीवन नहीं। स्मृति ईरानी ने कहा कि सही जंग उन बहनों ने लड़ी, जिन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिन्होंने इस नाइंसाफी से सभी के
लिए जंग लड़ी। उन्होंने कहा कि आज का दिन सिर्फ मुसलमान बहनों का दिन नहीं है, बल्कि हर महिला का दिन है, जो चाहती है कि महिलाओं को हर दिन समाज में सम्मान मिले।
महिलाओं को मिला अधिकार: प्रसाद
केंदींय कानून मंत्री
रविशंकर प्रसाद ने इस मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज देश की मुस्लिम महिलाओं को
‘तीन
तलाक’ जैसी सामाजिक बुराई से छुटकारा मिल सका, जो प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी के देश में
2014 से बड़े बदलाव लाने के लिए उठाए जा रहे कदमों
में से एक है। इस बुराई के लिए संसद और संसद के बाहर मुस्लिम महिलाओं के अधिकार के लिए जंग छेड़ी हुई थी, जिसमें वे
अपने अधिकारों की सुरक्षा के लिए मोदी के शासनकाल में सफल हुई।
01Aug-2020
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