दोनों पडोसी देशों के बीच कारोबारी संबन्धों को सुदृढ़ करने की कवायद
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
भारत और बांग्लादेश के बीच बेहतर संबन्ध कायम रखने की दिशा में दोनों देश आपसी
कारोबारी नीतियों को भी साझा कर रहे हैं। इसी कारोबारी संबन्धों में नया आयाम देने
की दिशा में दोनों देशों के बीच यात्री और माल ढुलाई के परिचालन को बढ़ावा देने की
दिशा में भारतीय रेलवे ने बांग्लादेश को 10 ब्रॉडगेज लोकोमोटिव यानि डीजल इंजन
दिये हैं। इससे पहले दोनों देशों के व्यापारिक गतिविधियों में आई बाधा को दूर करने
के लिए भारतीय रेलवे ने बांग्लादेश के लिए पहली बार मालवाहक रेलगाड़ी रवाना सूखी
मिर्चो की खेप भेजी है।
रेल मंत्रालय के अनुसार भारत और बांग्लादेश के बीच भौतिक रूप से इन 10 ब्रॉडगेज डीजल रेल इंजनों के आदान-प्रदान के लिए सीमाओं के दोनो तरफ यानि भारत की ओर से पश्चिम बंगाल के नादिया जिले
में पूर्वी रेलवे के गेडे स्टेशन और बांग्लादेश की तरफ दर्शना स्टेशन पर वीडियो कांफ्रेंसिग के
जरिए दोनों देशों के अधिकारियों ने हिस्सेदारी की। रेलवे के अनुसार बांगलादेश को
सौंपे गये इन 10 रेल इंजनों को रेल मंत्री पीयूष गोयल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर
ने रेल राज्यमंत्री सुरेश अंगडी के साथ हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। दूसरे छोर
यानि बांग्लादेश सरकार की तरफ से दर्शना स्टेशन पर बांग्लादेशी रेल मंत्री नदुल इस्लाम सुजान और विदेश
मंत्री डॉ. अबुल कलाम अब्दुल मोमन ने इन लोकोमोटिव को प्राप्त किया। बांग्लादेश को सौंपे गये 33 सौ हॉर्सपावर वाले डब्लूडीएम 3डी लोको
इंजनों की उम्र 28 साल या उससे अधिक है। इन्हें 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के लिए डिजाइन किया गया है। ये माल ढुलाई के साथ-साथ
यात्री गाड़ियों के लिए उपयुक्त हैं और इनमें माइक्रोप्रोसेसर आधारित नियंत्रण प्रणाली
है।
पिछले साल मिला था प्रस्ताव
भारतीय रेलवे के अनुसार बांग्लादेश ने इन इंजनों की खरीद के लिए पिछले साल अप्रैल में भारत को एक प्रस्ताव
भेजा था और
अक्टूबर 2019 में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत यात्रा के दौरान भारत सरकार से अनुदान
सहायता के तहत की गई एक महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता इन लोकोमोटिव को सौंपा गया है, जिसमें बांग्लादेश रेलवे की आवश्यकताओं
के
मद्देनजर नियंत्रण
रेखा को भारतीय पक्ष द्वारा संशोधित किया गया है। ये लोकोमोटिव बांग्लादेश में यात्री
और मालगाड़ी परिचालन की बढ़ती मात्रा को संभालने में मदद करेंगे। दरअसल इससे पहले कोरोना
काल में लागत प्रभावी
और पर्यावरण के अनुकूल समाधान के रूप में भारतीय रेलवे ने सीमा पार आवश्यक वस्तुओं के परिवहन
में मदद की है। दोनों पक्षों ने जून के महीने में मालगाड़ियों के उच्चतम विनिमय को भांपते हुए आवश्यक वस्तुओं और कच्चे माल
को ले जाने के लिए कुल 103 मालगाड़ियों का उपयोग किया गया है।
दोनों देशों के बीच रेल परिचालन: गोयल
रेल और वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि बांग्लादेश रेलवे के इस्तेमाल के लिए ये 10 ब्रॉड गेज लोकोमोटिव भारत और बांग्लादेश के बीच चल रही मालगाड़ी के परिचालन की सहभागिता में बेहतर उपयोगी साबत होंगे। बांग्लादेश में इन
लोको की प्रयोज्यता सुनिश्चित करने के लिए इन्हें संशोधित किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत की पड़ोस नीति के तहत पीएम नरेंद्र मोदी जी की सबका
साथ, सबका विकास, सबका साथ सबका विकास की नीति में भारत और बांग्लादेश दोनों
देशों के बीच 1965 के पूर्व रेलवे कनेक्शन को पुनर्जीवित
करने के लिए प्रतिबद्ध है। पीयूष गोयल ने कहा कि कोरोना काल के दौरान जुलाई माह में दोनों देशों के बीच
यह दूसरी सेवा है, इससे पहले भारतीय रेलवे ने पार्सल ट्रेन और कंटेनर ट्रेन सेवाओं
को बांग्लादेश में बेनापोल के माध्यम से जिस प्रकार शुरूआत करते हुए
भारत से बांग्लादेश के लिए पहली बार मालगाडी से सूखी मिर्चो की खेप भेजी गई है। ऐसे में दोनों देशों ने रेलवे ने संकट के प्रबंधन
में अनुकरणीय दूरदर्शिता दिखाई है और आवश्यक वस्तुओं के परिवहन को आगे बढ़ाकर आपूर्ति
श्रृंखला को बनाए रखा है।
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मील का पत्थर साबित होंगे संबन्ध: जयशंकर
इस मौके पर
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपने संबोधन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच पार्सल और कंटेनर ट्रेनें
शुरू होने
से भारत और बांग्लादेश के बीच व्यवसायों के लिए नए अवसर के मार्ग खुलेंगे। रेलवे के जरिए व्यापार की यह आवाजाही
ऐसे
समय सुनिश्चित
की गई
जब दुनिया कोरोना महामारी संकट से जूझ रहा है और वहीं विशेष रूप से रमजान के पवित्र महीने
में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की गई थी। उन्होंने कहा कि इससे दोनों देशों
के आपसी विश्वास
और सम्मान के आधार पर द्विपक्षीय सहयोग की गति को ऐतिहासिक मुकाम मिलेगा, जो एक मील
का पत्थर साबित होगा। भारत और बांग्लादेश के बीच पार्सल और कंटेनर ट्रेन सेवाएं भी शुरू होने से द्विपक्षीय व्यापार का दायरा
काफी बढ़ने की उम्मीद है।
28July-2020
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