रविवार, 12 जुलाई 2020

मोटर वाहन के राष्ट्रीय परमिट व्यवस्था में होगा संशोधन


पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार ने किया नए नियमों का प्रस्ताव
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने देश के पर्यटन को बढ़ावा देने और राज्यों के राजस्व को बढ़ाने की दिशा में अखिल भारतीय पर्यटक वाहन प्राधिकरण एवं परमिट नियमावली तैयार की है। मसलन इन नए नियमों के प्रस्ताव में मोटर वाहनों के राष्ट्रीय परमिट व्यवस्था में संशोधन किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों, आम जनता और हितधारकों से सुझाव मांगे हैं।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार मंत्रालय ने देशभर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम-1989 के तहत राष्ट्रीय परमिट व्यवस्था में संशोधन करने का प्रस्ताव करते हुए एक अधिसूचना जारी की है। मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय परमिट व्यवस्था के तहत मालवाहक वाहनों के नियमों में बदलाव से मिले फायदे के बाद अब पर्यटक यात्री वाहनों को निर्बाधित आवाजाही उपलब्ध कराने की कोशिश को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। मंत्रालय के इस फैसले के तहत इस प्रयोजन का परिणाम नियमों के एक नए समूह के रूप में आया है, जिसे आज के बाद अखिल भारतीय पर्यटक वाहन प्राधिकरण एवं परमिट नियमावली-2020 के नाम से जाना जाएगा। मंत्रालय ने बताया कि यह प्रस्ताव 39वें परिवहन विभाग परिषद बैठक में चर्चा के बाद राज्य प्रतिभागियों की सहमति के बाद लिया गया है। मंत्रालय ने इस नई नियमावली के मसौदे पर आम जनता तथा हितधारकों से सुझाव परामर्श आमंत्रित किये हैंमंत्रालय का मानना है इस संशोधन से जहां एक तरफ देश में सभी राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा देने में दीर्घकालिक भूमिका का रास्ता प्रशस्त होगा, वहीं राज्य सरकारों के राजस्व में भी बढोतरी होगी।
क्या हैं प्रस्तावित प्रावधान
मंत्रालय के अनुसार इसके अलावा इस योजना के तहत दिये जाने वाले प्राधिकरण/परमिट जैसा भी मामला हो सकता है, जिसके रूप में लचीलेपन को आवश्यक बनाया गया है, जो तीन महीने की अवधि के लिए अथवा इसके गुणाकारों में एक समय में तीन वर्ष से अधिक नहीं तक वैध होगा। इस प्रावधान को देश के उन क्षेत्रों, जहां पर्यटन का एक सीमित सीजन है और उन ऑपरेटरों, जिनके पास सीमित आर्थिक क्षमता है को ध्यान में रखते हुए शामिल किया गया है। यह स्कीम एक केंद्रीय डाटाबेस के समेकन तथा ऐसी सभी अनुज्ञप्तियों/परमिटों के शुल्कों को समेकन प्रदान करेगी, जो पर्यटकों की आवाजाही, सुधार की गुंजाइश, पर्यटन के संवर्धन का बोध कराएगा तथा ऐसे पंजीकरणों के जरिये सृजित राजस्वों को बढ़ाने में मदद करेगा। मंत्रालय के अनुसार मौजूदा जारी सभी परमिट अपनी वैधता के दौरान लागू बने रहेंगे। देश में यात्रा एवं पर्यटन उद्योग पिछले 10-15 वर्षों में कई गुना बढ़ा है। इस वृद्धि में घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय दोनों ही पर्यटकों का योगदान रहा है और उच्च अपेक्षा तथा उपभोक्ता अनुभव का एक रुझान है। इन नए नियमों को लागू करने का मकसद देश की अर्थवस्था को पटरी पर लाने की दिशा में सरकार कई उपायों पर जोर दे रही है, जिसमें भारतीय पर्यटन क्षेत्र भी देश की अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्रोत माना जाता है।
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एनएचएआई में जल्द बनेगा निवेश प्रबंधक बोर्ड
सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं के चयन हेतु गठित की गई समिति
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।  
देश के राजमार्ग क्षेत्र में निवेश को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानि एनएचएआई एक इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आईएनवीआईटी) का निर्माण करने की तैयारी में हैं, जिसकी संरचना के हिस्से के रूप में एक नई कंपनी का गठन किया जा रहा है, जो प्रस्तावित इन्विट (आईएनवीआईटी) के लिए निवेश प्रबंधक के रूप में कार्य करेगी।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अनुसार आईएनवीआईटी देश में किसी भी सरकारी या अर्ध सरकारी इकाई द्वारा प्रायोजित किया जाने वाला पहला इन्विट (आईएनवीआईटी) होगा। इसलिए यह आवश्यक है, कि निवेश प्रबंधक के लिए एक दक्ष व कार्यकुशल प्रबंधन संरचना की जाए। इस निवेश प्रबंधक बोर्ड के दो स्वतंत्र निदेशकों और एक चेयरमैन की नियुक्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा का चयन करने हेतु एक खोज-सह-चयन समिति बनाई गई है। एनएचएआई के चेयरमैन डॉ सुखबीर सिंह संधू, समिति के संयोजक हैं और समिति के अन्य सदस्यों में आवास विकास वित्त निगम के चेयरमैन दीपक पारेख, आईसीआईसीआई बैंक के चेयरमैन गिरीश चंद्र चतुर्वेदी और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के पूर्व सचिव संजय मित्रा शामिल हैं। इसका मकसद यह है कि विशेषज्ञों की एक कार्यकुशल इकाई गठित की जाये, जो एनएचएआई की पूरी हो चुकी राजमार्ग परियोजनाओं के मुद्रीकरण के लिए बाजार से संसाधन जुटाने में इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट का दक्षता के साथ संचालन कर सके।
04July-2020

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