तीन महिलाओं समेत 10 सदस्यों ने क्षेत्रीय भाषा में ली शपथ
नवनिर्वाचित 61 सदस्यों में 36 सांसद पहली बार पहुंचे राज्यसभा
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
राज्यसभा के इतिहास में कोरोना महामारी के कारण अंतर-सत्र के दौरान पहली बार
सदन के अंदर नवनिर्वाचित सांसदों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। नवनिर्वाचित
61 सदस्यों में से 45 सांसदों ने राज्यसभा सदस्य व गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। इन
नए सदस्यों में तीन महिलाओं समेत दस ऐसे सदस्य रहे, जिन्होंने क्षेत्रीय भाषा में
शपथ ली।
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया
नायडू ने बुधवार को 20 राज्यों के नवनिर्वाचित 61 सदस्यों में से 45 को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। कोरोना महामारी के कारण अंतर सत्र की अवधि में पहली बार शपथ ग्रहण समारोह राज्यसभा
के चैंबर में आयोजित किया गया, ताकि कोरोना महामारी के दिशानिर्देशों के तहत छह फुट की दूरी के मानकों का
पालन किया जा सके। इन्हीं मानकों के तहत उच्च सदन में सदस्यों को सीटों पर बैठाया
गया और एक-एक करके आसन के करीब बुलाकर शपथ ग्रहण कराई गई। शपथ ग्रहण करने वाले
नवनिर्वाचित सदस्यों में जदयू के हरिवंश, केंद्र में राज्यमंत्री एवं आरपीआई के
रामदास अठावले, भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया, भुवनेश्वर
कालिता, नाबाम रेबिया व राजेंद्र गहलोत, कांग्रेस के दिग्विजय सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल, शक्ति सिंह गोहिल,
दीपेन्द्र हुड्डा, केटीएस तुलसी व फुलो देवी नेताम, जद-एस के एचडी देवगौड़ा, टीआरएस से के. केशव राव, अन्नाद्रमुक के एम. थम्बिदुरै, तिरुचि शिवा, राकांपा के शरद पवार,
तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी, राजद के प्रेमचंद गुप्ता, झारखंड मुक्ति
मोर्चा के शिबू सोरेन, वाईएसआर कांग्रेस के अयोध्या रामी रेड्डी,
पी. सुभाष चन्द्र बोस, शिवसेना से प्रियंका चतुर्वेदी तथा सीपीएम के रंजन भट्टाचार्य प्रमुख रूप से शामिल रहे। उच्च सदन में शपथ ग्रहण समारोह में सदन के नेता थावरचंद गहलोत, नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आज़ाद, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और वी. मुरलीधरन भी मौजूद रहे।
क्षेत्रीय वेशभूषा व भाषा का संगम
उच्च सदन में शपथ ग्रहण करने वाले 45 सदस्यों में तीन महिलाओं समेत दस सदस्यों
ने तेलुगु, बोडो, कन्नड़, मणिपुरी, मराठी, उड़िया, तमिल, बंगाली, हिंदी और
अंग्रेजी में शपथ ग्रहण की। बाकी बचे नवनिर्वाचत सदस्यों को संसद के मानसून सत्र के दौरान शपथ
ग्रहण कराई जाएगी। वहीं इस दौरान कुछ सांसद अपने राज्य की संस्कृति को सम्मान देते
हुए उसी वेशभूषा में नजर आए।
पहली बार उच्च सदन में तीन दर्जन सांसद
राज्यसभा में नवनिर्वाचित 61 सदस्यों में 36 सांसद ऐसे हैं जो पहली बार
राज्यसभा में दाखिल हुए हैं। इनमें जद-एस नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी
देवगौडा, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे व केसी
वेणुगोपाल के अलावा भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हैं, लेकिन इन समेत ज्यादातर सांसद ऐसे हैं जो लोकसभा सदस्य के रूप में
अनुभवी हैं।
एक दर्जन सदस्य पुन: निर्वाचित
राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव में निर्वाचित हुए 20 राज्यों के 61 सदस्यों
में 12 सदस्य ऐसे हैं जो फिर से निर्वाचित होकर उच्च सदन में आए हैं, इनमें प्रमुख
रूप से राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, शरद पवार, दिग्विजय
सिंह, भुवनेश्वर कलिता, प्रेम चंद गुप्ता, और रामदास अठावले शामिल हैं।
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नायडू ने दी नियमों की सीख
राज्यसभा में नए सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने शपथ ग्रहण करने वाले नए
सदस्यों से कहा कि देश के विधि निर्माता के रूप में उनका निर्वाचन हुआ है। इसके लिए वे अपने दायित्व के निर्वहन को ऐसे सुनिश्चित करें, ताकि सदन में उनका आचरण नियमों के अनुकूल, स्थापित मानदंडों के अनुरूप और सदन
के बाहर आचरण नैतिकता के मानदंडों के अनुसार हो। नायडू ने नियमों की सीख
देते हुए कहा कि तत्काल लाभ के लिए सदन में बाधा-व्यवधान डालने के प्रलोभन में न पड़ें, बल्कि जनता की दृष्टि में इस सदन
का सम्मान बढ़ाने के प्रति सदैव सचेत रहें। कानून का शासन लागू हो यही देश का विधान
है।
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सिंधिया-दिग्गी का आमना-सामना
उच्च सदन में
नवनिर्वाचत
सदस्यों के शपथ ग्रहण के दौरान ऐसा माहौल भी नजर आया जब एक दूसरे पर सियासी
शब्दबाण चलाने वाले मध्य प्रदेश के भाजपा के टिकट पर निर्वाचत होकर सदन में पहुंचे
ज्योतिरादित्य
सिंधिया और कांग्रेस दिग्गज दिग्विजय सिंह का आमना-सामना हुआ। जब दोनों नेता एक-दूसरे के आमने-सामने आए, तो दोनों ने एक-दूसरे के सामने हाथ
जोड़कर अभिवादन किया। गौरतलब है कि इसी साल सिंधिया ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा
का दामन थामा था, जिन्हें कांग्रेस मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार के पतन का कारण मानती
है। इसी कारण इन दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग का सिलसिला लगातार जारी रहा।
23July-2020
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