गृह मंत्रालय ने गठित की अंतर मंत्रालय समिति
नई दिल्ली।
राजीव गांधी फाउंडेशन की फंडिंग को लेकर आरोप लग रहे थे कि इसको चीन द्वारा फंडिंग
मिल रही है। वहीं, संस्थान पर उठ रहे सवालों
के बीच सरकार ने इसकी फंडिंग को लेकर एक अंतर मंत्रालयीय समिति का गठन किया है।
गृह मंत्रालय की तरफ से एक समिति का गठन किया गया है, जिसका मुख्य काम इस संस्थान की फंडिंग और इसके द्वारा किए गए उल्लंघनों की जांच
करना होगा। इस समिति की अगुवाई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के विशेष निदेशक करेंगे। अंतर
मंत्रालयीय टीम की जांच के दायरे में राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी
मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा किया गया कानूनों का उल्लंघन भी होगा। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता
ने ट्वीट कर कहा, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने
राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट
और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की जांच के लिए अंतर मंत्रालयीय समिति का गठन किया
है। यह समिति पीएमएलए, आयकर अधिनियम, एफसीआरए आदि के विभिन्न कानूनी प्रावधानों के नियमों के
उल्लंघन की जांच करेगी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के विशेष निदेशक समिति का जिम्मा संभालेंगे।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, भारत-चीन सीमा विवाद के बीच कांग्रेस
ने सरकार को घेरना शुरू किया। इस दौरान भाजपा ने कांग्रेस को भी उसके जाल में फंसा
लिया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि राजीव गांधी
फाउंडेशन को चीन से फंडिंग मिलती थी।
इसके अलावा यूपीए सरकार के समय प्रधानमंत्री राहत कोष का पैसा भी राजीव गांधी फाउंडेशन
में जमा किया गया। हालांकि, कांग्रेस ने इन आरोपों को
सिरे से नकार दिया। देश की सबसे पुरानी पार्टी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर कहा
कि राजीव गांधी फाउंडेशन देश का फाउंडेशन है और इसका काम सेवा के लिए किया जाता है।
09July-2020
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