संसद परिसर में ही जगह बदलाव के साथ हो सकता है संसद सत्र
संसद के दोनों सचिवालयों के साथ विकल्पों को लेकर विचार विमर्श जारी
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में कोरोना महामारी के तेजी से बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर संसद के मानसून
सत्र कैसे आयोजित होगा, इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति
एम. वेंकैया नायडू संसदीय अधिकारियों के साथ मंथन करने में जुटे हुए हैं। संसद
सत्र के दौरान सामाजिक दूरी के उपायों को अपनाने की दिशा में संसद भवन परिसर में
ही जगह परिवर्तन के साथ संसद सत्र के विकल्पों पर विचार विमर्श हो रहा है।

संसद परिसर में ही संभव हो सकता है सत्र
संसद सचिवालय के सूत्रों की माने तो संसद भवन परिसर में ही मानसून सत्र को
आयोजित करने की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है, जहां सभी प्रकार की
प्रणालियों, उपकरणों और सुरक्षा इंतजामों और व्यवस्थाएं पहले से ही कायम हैं। केवल
कोरोना संक्रमण की सुरक्षा के मद्देनजर सामाजिक दूरी के उपायों को अपनाने के लिए
लोकसभा और राज्यसभा की बैठकों के स्थान परिवर्तन को लेकर विचार विमर्श हो रहा है।
सूत्रों के अनुसार इस दिशा में लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति अपने-अपने
सचिवालयों के अधिकारियों के साथ ऐसे विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, जिनमें आए
सुझावों के मुताबिक लोकसभा की बैठकें केंद्रीय कक्ष तथा राज्यसभा की बैठकें लोकसभा
या पीएलबी स्थित बाल योगी सभागार में आयोजित कराने की संभावनाओं को लेकर चर्चा हो
रही है। हालांकि अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। वहीं अभी मानसून सत्र की
तारीखों का भी ऐलान होना बाकी है, जिसमें सरकार जुलाई के बजाए अगस्त के अंत या
सितंबर के शुरू में मानसून सत्र आयोजित करने पर विचार विमर्श कर रही है।
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संसद परिसर में ही होंगी समितियों की बैठकें
लोकसभा सचिवालय के अनुसार संसदीय समितियों की बैठकों को लेकर दिशानिर्देश जारी
किये गये हैं, जिसके तहत सभी समितियों की बैठकें संसद परिसर में ही कुछ पाबंदियों
के साथ आयोजित की जाएंगी। सचिवालय के अनुसार इससे पहले कोरोना संकट के मद्देनजर अनेक समितियों के अध्यक्षों ने लोकसभा
अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से डिजिटल बैठकों का अनुरोध
किया था, जिसकी समितियों को अनुमति
नहीं दी गई। लोकसभा
सचिवालय ने जारी दिशानिर्देशों
का
हवाला देते हुए कहा कि एक जुलाई से अनलॉक-2 में और ज्यादा ढील को
देखते हुए अब संसदीय
समितियों की बैठकें कुछ पाबंदियों के साथ की जा सकती हैं। बैठकों के लिए यह भी निर्देश दिये गये है कि समिति के कक्ष में बैठक
व्यवस्था छह फुट की सामाजिक दूरी के नियम का कड़ाई से पालन करते हुए आयोजित होंगी और समिति कक्ष के बाहर सैनेटाइजर
का प्रबंध होना होना आवश्यक होगा। वहीं दिशानिर्देशों के अनुसार समितियों की बैठक में किसी
मुद्रित सामग्री का इस्तेमाल भी नहीं होगा और बैठक से संबन्धित सभी दस्तावजों को
सदस्यों को डिजिटल के जरिए ही भेजे जाने चाहिए। वहीं यह पाबंदी भी होगी कि
संबन्धित मंत्रालय या विभागों के इस इन बैठकों में अधिकतम पांच अधिकारी हिस्सा ले
सकेंगे।
05July-2020
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