राज्यसभा के नवनिर्वाचित 61 सदस्यों को 22 जुलाई को दिलाई जाएगी शपथ
शपथ ग्रहण समारोह में नवनिर्वाचित सदस्य को एक अतिथि को लाने की अनुमति
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
संसद के उच्च सदन में रिक्त सीटों पर नवनिर्वाचित हुए 61 सांसदों को 22 जुलाई
को राज्यसभा की सदस्यता और गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी। कोरोना महामारी के कारण
संसद में पहली बार छह फुट की सामाजिक दूरी के नियमों के दायरे में शपथ ग्रहण
समारोह होगा।
राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि
कोरोना संकट के कारण राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव भी प्रभावित रहे हैं, जिन्हें
पिछले माह जून में पूरा कराया गया। इस प्रकार अप्रैल से जुलाई के बीच रिक्त होने
वाली 20 राज्यों की 61 सीटों के लिए निर्वाचित हुए राज्यसभा के सदस्यों को सभापति
एम. वेंकैया नायडू 22 जुलाई का राज्यसभा के चैंबर में ही शपथ ग्रहण कराएंगे। कोरोना
महामारी के कारण जारी दिशानिर्देशों के तहत इस शपथ ग्रहण समारोह में 6 फुट की
सामाजिक दूरी के मानकों का पालन किया जाएगा। खासबात यह है कि पहली बार अंतर सत्र
की अवधि में नवनिर्वाचित सदस्य उच्च सदन में शपथ ग्रहण करेंगे, जबकि आमतौर पर संसद
सत्र के दौरान शपथ ग्रहण कराई जाती है, लेकिन जब सत्र नहीं होता तो सभापति के कक्ष
में नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ ग्रहण कराने की परंपरा रही है। कोरोना महामारी के
बीच 22 जुलाई का आयोजित इस शपथ ग्रहण के लिए राज्यसभा के महासचिव देश दीपक वर्मा
ने सभी 61 नवनिर्वाचित या पुन:निर्वाचित सदस्यों को पत्र भेजकर जारी दिशानिर्देशों
के साथ अवगत करा दिया है।
केवल एक अतिथि को अनुमति
राज्यसभा सचिवालय के अनुसार 22 जुलाई
को उच्च सदन में होने वाले इस शपथ ग्रहण समारोह में नवनिर्वाचित सदस्यों को अपने
साथ केवल एक अतिथि या परिवार के एक सदस्य को लाने की अनुमति दी गई है। कोरोना संकट
के कारण सामाजिक दूरी के मानकों के अनुपालन की दृष्टि से राज्यसभा की अतिथि व
दर्शक दीर्घा में केवल 67 सीटों की व्यवस्था है, जिनमें अतिथियों को समायोजित किया
जाएगा।
इसलिए जरुरी है शपथ ग्रहण
राज्यसभा सचिवालय के मुताबिक सभापति एम. वेंकैया नायडू ने 22 जुलाई को 20
राज्यों के नवनिर्वाचित या पुन: निर्वाचित सभी 61 सदस्यों को 22 जुलाई को राज्यसभा
में ही शपथ ग्रहण कराने का निर्णय लिया है। इस दिन जो सदस्य किसी कारणवश शपथ नहीं
ले सकेंगे, उन्हें संसद के मानसून सत्र के दौरान शपथ दिलाई जाएगी। अंतर सत्र अवधि
में उच्च सदन में शपथ ग्रहण कराने का यह फैसला इसलिए भी किया गया है कि कोरोना
महामारी के चलने सभापति कक्ष में छह फुट की सामाजिक दूरी के मानकों को पालन करने
के लिए उचित जगह नहीं है। सूत्रों के अनुसार आगामी मानसून सत्र से पहले शुरू हो
चुकी संसदीय समितियों की बैठक के मद्देनजर भी नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाना
जरूरी है, क्योंकि संसद समितियों में दोनों सदनों के सदस्य शामिल होते हैं जिनमें
नए सदस्यों द्वारा भी हिस्सा लेने की इच्छा जताई गई है। यही नहीं के. केशव राव और
तिरुचि शिवा जैसे राज्यसभा में ऐसे कई सदस्य फिर से निर्वाचत होकर सदन में पहुंचे
हैं जो संसदीय समितियों के पहले से ही अध्यक्ष या सदस्य हैं और समितियों की बैठक
में शामिल होने के लिए उन्हें सदन की सदस्यता और गोपनीयता की शपथ लेना जरुरी होगा।
केवल एक अतिथि को अनुमति
राज्यसभा सचिवालय के अनुसार 22 जुलाई को उच्च सदन में होने वाले इस
शपथ ग्रहण समारोह में नवनिर्वाचित सदस्यों को अपने साथ केवल एक अतिथि या परिवार के
एक सदस्य को लाने की अनुमति दी गई है। कोरोना संकट के कारण सामाजिक दूरी के मानकों
के अनुपालन की दृष्टि से राज्यसभा की अतिथि व दर्शक दीर्घा में केवल 67 सीटों की
व्यवस्था है, जिनमें अतिथियों को समायोजित किया जाएगा। 18july-2020
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