राज्यसभा ने उच्चसदन की समितियों के लिए जारी किये दिशानिर्देश
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
कोरोना महामारी के कारण दोनों सदनों की संसदीय समितियों के अध्यक्षों के
अनुरोध पर डिजिटल बैठकों की अनुमति न मिलने के बाद संसद भवन परिसर में होने वाली
समितियों की बैठकों का आयोजन अब नए नियमों के दायरे में होगा। राज्यसभा ने जुलाई
में राज्यसभा की दो स्थायी संसदीय समितियों की बैठकों के लिए दिशानिर्देश जारी कर
दिये हैं।
राज्यसभा सचिवालय द्वारा राज्यसभा की आठ संसदीय समितियों की बैठकों के लिए
कोरोना महामारी के मद्देनजर जारी किये गये दिशानिर्देशों के तहत संसद भवन परिसर के
समिति सभाकक्षों में होने वाली समितियों की बैठकों में कोरोना संक्रमण के बचाव के
लिए सभी सुरक्षात्मक उपायों का अनुपालन करने को कहा गया है, जिसमें सामाजिक दूरी
और अन्य सुरक्षा के सभी उपायों के अनुपालन के अलावा पेपरलैस कार्य, संबन्धित
मंत्रालयों के अधिकारियों की मौजूदगी में कटौती करने जैसे दिशानिर्देश दिये गये
हैं। राज्यसभा सचिवालय के अनुसार इसी माह 10 जुलाई को राज्यसभा की विज्ञान और
तकनीकी मामलों की समिति तथा और 15 जुलाई को गृह मामलों से संबन्धित संसदीय समिति
की बैठकें होनी हैं। इन दोनों बैठकों में ही कोरोना संक्रमण से संबन्धित पहलुओं पर
भी चर्चा होनी है।
क्या हैं दिशा निर्देश
राज्यसभा सचिवालय द्वारा जारी किये गये दिशानिर्देशों में कोविड-19 के मद्देनजर समिति के
सदस्यों के बीच कम से कम छह फुट की दूरी बनाने के लिए समिति कक्ष में व्यवस्था
होनी चाहिए। वहीं बैठक में समिति के अधिकारियों की उपस्थिति कम से कम रहेगी, जिसके
साथ ही संबन्धित मंत्रालय के केवल दो अधिकारियों को शामिल होने की इजाजत मिलेगी,
उनमें भी बैठक में एक अधिकारी ही शामिल हो सकेगा, जबकि दूसरा अधिकारी बाहर बैठेगा।
समिति को यदि संबन्धित मामलों के लिए किसी की गवाही या बयान लेने होंगे, तो एक-एक
करके बैठक में जाने की इजाजत मिलेगी। संसदीय रिपोर्टर कार्यवाही सुनने के लिए
समिति कक्ष के वेल में बैठ सकते हैं। दिशानिर्देशों के मुताबिक संसदीय समिति की
उपस्थिति समिति कक्ष के बाहर रजिस्टर में दर्ज की जा सकेगी। बैठकों में शामिल होने
वाले समिति के सदस्यों और अधिकारियों तथा अन्य स्टॉफ के लिए हैंड सैनिटाईन,
ग्लब्स, डिस्पोजेबल मास्क जैसे सुरक्षा संबन्धी उपकरण कक्ष के द्वार पर ही मुहैया
कराने को कहा गया है। बैठक में समिति के सदस्यों को संबन्धित दस्तावेजों हार्ड
कॉपी के रूप में नहीं मिलेंगे, इसके लिए पहले ही दिशानिर्देश जारी किये जा चुके
हैं। राज्यसभा ने यह भी दिशानिर्देश दिये हैं कि समिति की बैठक में सदस्यों के
शामिल हाने संबन्धी जानकारी पहले से ही सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि समिति कक्ष
में उसी हिसाब से बैठने की व्यवस्था पहले से ही की जा सके। मसलन अब संसदीय समितियों की बैठकें
कुछ पाबंदियों के साथ की जाएंगी।
संसद परिसर में ही होंगी समितियों की बैठकें
लोकसभा सचिवालय के अनुसार संसदीय समितियों की बैठकों को लेकर दिशानिर्देश जारी
किये गये हैं, जिसके तहत सभी समितियों की बैठकें संसद परिसर में ही कुछ पाबंदियों
के साथ आयोजित की जाएंगी। सचिवालय के अनुसार इससे पहले कोरोना संकट के मद्देनजर अनेक समितियों के अध्यक्षों ने लोकसभा
अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से डिजिटल बैठकों का अनुरोध
किया था, जिसकी समितियों को अनुमति
नहीं दी गई। लोकसभा
सचिवालय ने जारी दिशानिर्देशों
का
हवाला देते हुए कहा कि एक जुलाई से अनलॉक-2 में और ज्यादा ढील को
देखते हुए अब संसदीय
समितियों की बैठकें कुछ पाबंदियों के साथ की जा सकती हैं। बैठकों के लिए यह भी निर्देश दिये गये है कि समिति के कक्ष में बैठक
व्यवस्था छह फुट की सामाजिक दूरी के नियम का कड़ाई से पालन करते हुए आयोजित होंगी और समिति कक्ष के बाहर सैनेटाइजर
का प्रबंध होना होना आवश्यक होगा। वहीं दिशानिर्देशों के अनुसार समितियों की बैठक में किसी
मुद्रित सामग्री का इस्तेमाल भी नहीं होगा और बैठक से संबन्धित सभी दस्तावजों को
सदस्यों को डिजिटल के जरिए ही भेजे जाने चाहिए। वहीं यह पाबंदी भी होगी कि
संबन्धित मंत्रालय या विभागों के इस इन बैठकों में अधिकतम पांच अधिकारी हिस्सा ले
सकेंगे।
रद्द की जा चुकी हैं समितियों की बैठक
इसके पहले भी गृह मामलों की समिति समेत कुछ और समितियों की बैठकें रद्द की जा चुकी
हैं क्योंकि कई सांसद अपने क्षेत्रों से दिल्ली आने के लिए तैयार नहीं थे। कांग्रेस ने वर्चुअल बैठकों की मांग
की थी लेकिन उससे जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा करने का बाद राज्यसभा के सभापति वेंकैया
नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इसे खारिज कर दिया था क्योंकि ये संसदीय परंपराओं
के खिलाफ था और साथ ही कई सांसदों ने ये कह दिया था कि इससे समितियों की गोपनीयता बरकरार
नहीं रह पाएगी। अब जबकि
फ्लाइट्स शुरू हो चुकी हैं और दिल्ली आना मुश्किल नहीं रहा है, लेकिन अब भी कोरोना के फैलने के कारण कई सांसद बैठक में
शामिल होने को लेकर आशंकित हैं। अनलॉक-2 में एक शुरुआत हो सकती है इन मिनी संसदों की बैठकों की।
08July-2020
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