सरकारी महकमों के बाद रेडक्रॉस सोसाइटी खरीदेगी 1.80 लाख मास्क
केंद्रीय एमएसएमई मंत्रालय के अनुसार कोरोना संकट में सुरक्षा की दृष्टि से खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा बनाए जा रहे खादी फेस मास्क की गुणवत्ता
और सस्ती कीमत के कारण इतनी लोकप्रियता बढ़ रही है कि देशभर में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) को भारतीय रेड क्रॉस
सोसाइटी से 1.80 लाख मास्क की आपूर्ति के लिए एक
प्रतिष्ठित खरीद आदेश मिला है।
उधर आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने बताया कि केवीआईसीद्वारा निर्मित फेस मास्क आईआरसीएस मास्क लाल पाइपिंग के साथ भूरे रंग में 100 फीसदी डबल-ट्विस्टेड दस्तकारी सूती कपड़े से बना है। केवीआईसी ने विशेष रूप से भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के लिए इन डबल-लेयर्ड कॉटन मास्क को उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए नमूनों के अनुसार डिज़ाइन किया है। मास्क में बाईं ओर आईआरसीएस लोगो और दाईं ओर खादी इंडिया टैग मुद्रित होगा। अगले महीने तक मास्क की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। इस आदेश के निष्पादन के लिए 20 हजार मीटर से अधिक कपड़े की आवश्यकता होगी, जो खादी कारीगरों के लिए 9 हजार अतिरिक्त मानव दिवस उत्पन्न करेगा। केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि खादी फेस मास्क की भारी मांग ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस आदेश से हमारे खादी कारीगरों को अधिक यार्न और कपड़े का उत्पादन करने में मदद मिलेगी और इन कठिन समय में उनकी आय में और वृद्धि होगी।
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
कोरोना संकट के दौरान भारतीय रेलवे के साथ केंद्र सरकार व राज्य सरकार
के मंत्रालयों व कार्यालयों में बढ़ती खादी से बने मास्क इतने लोकप्रिय हो रहे हैं
कि अब भारतीय रेडक्रास सोसायटी ने भी 1.80 लाख मास्क खरीदने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग को आर्डर दिया है। अब तक
आयोग 10 लाख से ज्यादा खादी मास्क की बिक्री कर चुका है।
उधर आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने बताया कि केवीआईसीद्वारा निर्मित फेस मास्क आईआरसीएस मास्क लाल पाइपिंग के साथ भूरे रंग में 100 फीसदी डबल-ट्विस्टेड दस्तकारी सूती कपड़े से बना है। केवीआईसी ने विशेष रूप से भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के लिए इन डबल-लेयर्ड कॉटन मास्क को उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए नमूनों के अनुसार डिज़ाइन किया है। मास्क में बाईं ओर आईआरसीएस लोगो और दाईं ओर खादी इंडिया टैग मुद्रित होगा। अगले महीने तक मास्क की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। इस आदेश के निष्पादन के लिए 20 हजार मीटर से अधिक कपड़े की आवश्यकता होगी, जो खादी कारीगरों के लिए 9 हजार अतिरिक्त मानव दिवस उत्पन्न करेगा। केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि खादी फेस मास्क की भारी मांग ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस आदेश से हमारे खादी कारीगरों को अधिक यार्न और कपड़े का उत्पादन करने में मदद मिलेगी और इन कठिन समय में उनकी आय में और वृद्धि होगी।
रेलवे ने खरीदे 20 हजार मास्क
आयोग के
अध्यक्ष सक्सेना ने कहा कि अब तक वह 10 लाख से अधिक फेस मास्क बेच चुका
है जिसमें डबल लेयर्ड कॉटन मास्क और ट्रिपल लेयर्ड सिल्क मास्क शामिल हैं। फेस मास्क
के लिए सबसे बड़ा ऑर्डर केवीआईसी को जम्मू-कश्मीर सरकार से मिला था, जो कि 7 लाख मास्क के लिए दिया गया
था। करीब
एक करोड़ रुपये से
अधिक के सूती कपड़े का लगभग एक लाख मीटर और विभिन्न रंगों
और प्रिंटों के लगभग 2000 मीटर के सिल्क कपड़े का उपयोग इन
मास्क को बनाने में किया गया है। वहीं भारतीय रेलवे ने
आयोग से 20 हजार से अधिक मास्क खरीदे हैं। इसी प्रकार आयोग को राष्ट्रपति भवन, प्रधान मंत्री कार्यालय, केंद्र सरकार के मंत्रालयों से बार-बार आदेश मिलते हैं और केवीआई के ई-पोर्टल के माध्यम से आम जनता भी खादी मास्क खरीदने मं
लगी हुई है। इसके अलावा देश
के विभिन्न जिलों के जिला अधिकारियों को लगभग 10 लाख खादी मास्क वितरित किए हैं, हालांकि पूरे देश में इसके खादी संस्थान हैं। सक्सेना के अनुसार खादी
का फेस मास्क कोरोना महामारी से लड़ने के
लिए सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है। डबल ट्विस्टेड खादी फैब्रिक से तैयार ये मास्क न केवल
गुणवत्ता और मांग के पैमाने को पूरा करते हैं बल्कि लागत प्रभावी, सांस, धोने योग्य, पुन: प्रयोज्य और जैव-अपमानजनक हैं।
31July-2020
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