जल शक्ति मंत्रालय ने गरीब कल्याण रोजगार अभियान पर किया फोकस
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
कोरोना संकट जैसी चुनौती के बीच पीएम मोदी द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को
प्रोत्साहन देने और स्थानीय रोजगार सृजन की दिशा में शुरू की गई गरीब कल्याण
रोजगार अभियान के तहत केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने जल जीवन मिशन में प्रवासी
श्रमिकों को स्थानीय रोजगार देने की योजना शुरू की है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार कोरोना संकट के प्रभावित हुई
अर्थव्यवस्था खासकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने की दिशा में देशभर
ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन के जरिए शुद्ध पानी मुहैया कराने की दिशा में
कार्यान्वित की जा रहे जल जीवन मिशन में गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत स्थानीय
रोजगार को प्राथमिकता देने पर बल दिया है, ताकि कोरोना संकट के कारण देश के
विभिन्न जगहों और विदेशों से अपने घर लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के अवसर प्रदान
किया जा सके। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 125 दिनों के लिए गरीब कल्याण रोजगार
अभियान के तहत केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि इस अभियान के
तहत जल जीवन
मिशन में पेयजल आपूर्ति से संबंधित
कार्यों में कुशल, अर्ध-कुशल
और प्रवासी श्रमिकों को स्थानीय रोजगार के अवसर प्रदान करने पर फोकस करे, ताकि गरीब
कल्याण रोजगार अभियान के लिए चयनित राज्यों के जिलों एवं आकांक्षी जिलों में लॉकडाउन
में फंसे प्रवासी श्रमिकों को घर वापसी
में आर्थिक तंगी का सामना न करना पड़े। इससे जहां ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन से पानी मिलेगा, वहीं प्रवासी श्रमिकों को स्थानीय रोजगार देने में भी मदद मिलेगी। इस महत्वाकांक्षी अभियान से
जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन से घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराकर न केवल ग्रामीण लोगों
के जीवन में सुधार होगा, बल्कि ग्रामीण
रोजगार भी पैदा होंगे व ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
प्रशिक्षण देने पर बल
केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने राज्यों से मौजूदा
पाइप जलापूर्ति योजनाओं को बढ़ाकर या रेट्रोफिटिंग करके जल्दी किए जा सकने वाले कार्यों
को प्राथमिकता देने की जरूरत पर बल दिया है, ताकि ये गांव 100 प्रतिशत एफएचटीसी प्रदान कर
'हर घर जल गांव’ बन सकें। मौजूदा पाइप जलापूर्ति
प्रणालियों की रेट्रोफिटिंग द्वारा गरीब और हाशिए पर पड़े गांवों के शेष परिवारों को
घरेलू कनेक्शन प्रदान करने की अपार संभावना हैं। मंत्रालय ने कहा कि प्रत्येक जीकेआरए गांव में
उपलब्ध कराए जाने वाले एफएचटीसी की संख्या, गांवों, ब्लॉकों और जिलों के लिए 100 प्रतिशत एफएचटीसी कवरेज योजना के कार्य
में
अपने घरों को लौटे प्रवासी श्रमिकों जिनमें अकुशल, अर्ध-कुशल और कुशल प्रवासी सभी के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
मसलन स्थानीय लोगों को प्लंबिंग, चिनाई, बिजली फ़िटिंग पहलुओं, पंप संचालन आदि में वापसी करने वाले
प्रवासियों को कौशल प्रदान करने का अभियान चला कर प्रशिक्षण देने का कार्य किया जाना
है, जिससे जलापूर्ति से संबंधित
कार्यों के लिए कुशल मैन पावर उपलब्ध होगी।
06July-2020
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें