दिसंबर 2022 तक टैग
लगाने की योजना पूरी करने का लक्ष्य
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे द्वारा रेलवे कोचों की निगरानी के लिए चलाई जा रही आरएफआईडी टैग लगाने की योजना
को
दिसंबर 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। रेलवे की आरएफआईडी टैग प्रणाली की इस योजना के
तहत अभी तक 23 हजार रेलवे कोचों को आरएफआईडी टैगयुक्त किया जा चुका है।
रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय रेलवे दिसंबर 2022 तक सभी रेल कोचों में रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन
टैग यानी आरएफआईडी टैग लगाने की
प्रक्रिया पूरी कर लेगी। हालांकि अब तक इस योजना के तहत तक 23000 रेल कोचों में आरएफआईडी टैग लगाए जा
चुके हैं। आरएफआईडी टैग प्रणाली लागू होने से रेलवे के माल डिब्बों, यात्री
कोचों और इंजंनों की कमी की समस्या
को तेजी के साथ अधिक पारदर्शी तरीके से सुलझाने में मदद मिल सकेगी। देश में कोरोना महामारी
के संकट के कारण इस योजना के काम की गति धीमी पड़ गई थी, जिसे फिर से तेजी के साथ
शुरू किया जा रहा है। भारतीय रेलवे ने अब इस योजना के तहत रेलवे के सभी कोचों में आरएफआईडी टैग लगाने के
लिए दिसंबर 2022 तक की समय
सीमा तय की है। इस योजना का मकसद ट्रेनों के कोचों की लोकेशन और स्थिति का पता लगाना है यानि
इस योजना के तहत चलती हुई ट्रेन के इंजन और कोचों की निगरानी की जा सकेगी।
त्रुटियों की गुंजाइश होगी खत्म
रेल मंत्रालय के अनुसार वर्तमान में भारतीय रेलवे अपने सभी रेल कोचों की जानकारी लिखित रूप में रखती है, जिसमें त्रुटियों की काफी गुंजाइश
बनी रहती है। ऐसे में रेलवे के लिए आरएफआईडी टैग से अपने सभी डिब्बों और इंजनों की
सही स्थिति जानना आसान हो जाएगा। इस योजना के तहत जहां भी देश में रेलवे कोचों का
निर्माण होता है, वहीं आरएफआईडी टैग लगाने के लिए दिशानिर्देश दिये गये हैँ, जबकि पहले से ट्रेनों में इस्तेमाल
किये जा रहे कोचों में टैग लगाने का कार्य जारी है। रेलवे के अनुसार इन टैग को पढ़ने वाले उपकरण
रेलवे स्टेशनों और रेल पटरियों के पास प्रमुख स्थानों पर लगाए जाएंगे, जो डिब्बो पर लगे टैग को दो मीटर
की दूरी से ही पढ़ लेंगे और डिब्बे की पहचान कर उससे संबंधित आंकड़ों को केन्द्रीय
कंप्यूटरीकृत प्रणाली तक पहुंचा देंगे। इससे प्रत्येक डिब्बे की पहचान की जा सकेगी
और वह कौन सा
कोच जहां कहीं
भी होगा उसका पता लगाया जा सकेगा।
क्या है आरएफआईडी टैग
आरएफआईडी टैग रेडियो
आवृत्ति पहचान के रूप में ऐसी तकनीक है, जहां आरएफआईडी
टैग या स्मार्ट लेबल में एन्कोड किए गए डिजिटल डेटा को रेडियो तरंगों के माध्यम से
पाठक द्वारा पढ़ा जाता है। आरएफआईडी बारकोड के समान है, क्योंकि किसी टैग या लेबल से डेटा
किसी डिवाइस द्वारा पढ़ा जाता है जो डेटा को एकीकृत डेटाबेस में संग्रहीत करता है। आरएफआईडी प्रणाली के जरिए निगरानी
करने के मामलों में कई प्रकार
से मदद करती है। मसलन आरएफआईडी उन प्रौद्योगिकियों के समूह का हिस्सा है जिन्हें स्वचालित पहचान
और डेटा कैप्चर (एआईडीसी) कहा जाता है। एआईडीसी विधियां स्वचालित रूप से ऑब्जेक्ट्स
की पहचान कर उनके बारे में डेटा एकत्र करती हैं और सीधे मानव हस्तक्षेप के बिना कंप्यूटर
सिस्टम में डेटा आयात करती हैं। आरएफआईडी प्रणाली में तीन घटक होते हैं, जिनमें से एक आरएफआईडी टैग, दूसरा आरएफआईडी रीडर और तीसरा एंटीना।
आरएफआईडी टैग में एक एकीकृत सर्किट और एंटीना होता है, जिसका उपयोग आरएफआईडी रीडर को डेटा भेजने के लिए किया जाता है।
25July-2020
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें