गुरुवार, 30 जुलाई 2020

पहाड़ी इलाकों में फिर पटरी पर आई रेल परियोजनाएं



विश्व के सबसे ऊंचे चिनाब व अंजी पुल निर्माण कार्य में आई तेजी
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक ने की प्रगति कार्यो की समीक्षा
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
देश में कोरोना संकट व लॉकडाउन के दौरान प्रभावित हुए रेल परियोजनाओं के कार्यो ने फिर से रफ्तार पकड़ना शुरू कर दिया है, जिसमें पहाड़ी इलाकों में कार्यान्वित की जा रही महत्वपूर्ण रेल परियोजनाएं भी शामिल हैं। इन परियोजनाओं में जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बन रहे विश्व का सबसे ऊंचे रेलवे पुल के अलावा अंजी पुल, टी-40 सुरंग के साथ उत्तराखंड की रेल परियोजनाओं का काम भी तेजी पकड़ने लगा है।
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर रेलवे क्षेत्र में चल रही रेल परियोजनाओं की प्रगति के लिए मंगलवार को यहां नई दिल्ली स्थित प्रधान कार्यालय बडौदा हाउस में उत्तर और उत्तर मध्‍य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उत्तर रेलवे के विभागाध्‍यक्षों के साथ एक कार्य-निष्‍पादन समीक्षा बैठक का आयोजन किया। चौधरी ने लॉकडाउन अवधि के बाद उत्तर रेलवे के बुनियादी ढॉंचे और परिसम्‍पत्तियों  के अनुरक्षण और विस्‍तार में विभिन्‍न विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों पर चर्चा की। इस समीक्षा बैठक में संबन्धित रेलवे अधिकारियों ने जानकारी दी कि पहाड़ी क्षेत्रों में चल रही ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक और उत्‍तराखंड में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग चारधाम परियोजना वापस पटरी पर लौट रही हैं। वहीं जम्‍मू एवं कश्मीर के रामबन जिले में 12.75 किलोमीटर लम्‍बी टी-40 सुरंग का कार्य फिर से शुरू हो गया है। जबकि चिनाब और अंजी पुल निर्माण स्‍थलों पर कार्य की गतिविधियों फिर से तेजी आ रही है। इसी प्रकार ऋषिकेश में नवनिर्मित वीरभद्र-ऋषिकेश सेक्‍शन शुरू हो गया है और विश्‍व-स्‍तरीय सुविधाओं वाला एक नया रेलवे स्‍टेशन योगनगरी बनकर तैयार हो गया है। इस मार्ग पर अनेक सुरंगों और पुलों का कार्य फिर से शुरू हो गया है। वहीं बैठक में परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए पाया गया कि कोरोना संकट के बीच जैसे-जैसे जीवन सामान्‍य हो रहा है, वैसे ही उत्तर रेलवे क्षेत्र में रेल पथों की मरम्‍मत, सेक्‍शनों की गतिसीमा में वृद्धि, विद्युतीकरण विस्‍तार और सिगनल प्रणाली को बेहतर बनाने के हरसंभव प्रयासों के बीच नई रेल लाइनों को बिछाने जैसे ढॉंचागत कार्य फिर से गति पकड़ रहे हैं।
रेलवे की समयबद्धता 97 फीसदी
इस बैठक में रेलवे परिचालन संबन्धी सुधारात्मक पहलों पर भी फोकस किया गया है, जहां अकेले दिल्‍ली क्षेत्र से प्रतिदिन देश के विभिन्‍न गंतव्‍यों के लिए औसतन 96 विशेष रेलगाडियां चलाई जा रही हैं, जिनमें रेलगाडियों की समयपालनबद्धता बढ़ाने पर दिये जा रहे जोर के तहत उत्तर रेलवे की समयपालनबद्धता स्थिति वर्तमान में 97 फीसदी है। रेलवे के अनुसार समयबद्धता मई-जून 2020 में 92 फीसदी से उपर है। वहीं रेल सेक्‍शनों में रेलगाडियों की गतिसीमा बढ़ाने पर ध्‍यान दिया जा रहा है, जिसके मद्देनज़र पुरानी रेल लाइनों की मरम्‍मत के साथ विद्युतीकरण तथा उन्‍नत सिगनलिंग कार्य किए जा रहे हैं। क्षमता बढ़ाने के लिए अनेक प्रमुख रेल मार्गों पर फुललोड के साथ स्‍पीड ट्रायल किए जा रहे हैं। इसी प्रकार अनेक रेल सेक्‍शनों में मौजूदा 60 से 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की गतिसीमा को 100 किलोमीटर प्रति घंटा और उससे अधिक तक बढ़ाने पर बल दिया जा रहा है।
मालभाड़ा को प्रोत्साहन
रेलवे के अनुसार माल की आवाजाही के लिए रेलवे के उपयोग को प्रोत्‍साहन भी इस बैठक के ऐजेंडे में शामिल रहा। इसके लिए उत्तर रेलवे के सभी पॉंचों मंडलों में मालभाड़ा बिजनेस डेवलपमेंट यूनिटें खोली गयी है। ये यूनिटें मालभाड़ा ग्राहकों को बिजनेस के लिए आसान और बाधारहित प्‍लेटफॉर्म उपलब्‍ध करायेंगी। ग्राहकों की मांग के अनुसार लोडिंग/अनलोडिंग प्‍वाइंट उपलब्‍ध  कराये जा रहे हैं। अब छोटे कंटेनरों को भी रेलवे द्वारा भेजा जा सकता है। विभिन्‍न विभागों के कार्य-निष्‍पादन पर संतोष व्‍यक्‍त करते हुए महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने कहा कि इस समय का उपयोग हमें अपनी प्रणाली को सुधारने और नया रूप देने के लिए करना चाहिए ताकि हम रेल उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित, आरामदायक और समयबद्ध सेवाएं उपलब्‍ध करा सकें।  
22July-2020


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