लोकसभा व राज्यसभा में पहली बार विभिन्न दीर्घाओं में बैठेंगे सांसद
सामाजिक दूरी के नियमों के तहत होगी सांसदों के बैठने की व्यवस्था
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश पर मंडराए वैश्विक कोरोना संकट के बीच ही संसद के मानसून सत्र के आयोजन को
अंतिम रुप देने की तैयारियों को लेकर लोकसभा और राज्यसभा सचिवालयों के अधिकारियों
के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू लगातार
मंथन कर रहे हैं, चूंकि संसदीय समितियों की बैठकों को सामाजिक दूरी के नियमों के
तहत दौर शुरू हो गया है, इसलिए संभावना है कि अगस्त के तीसरे सप्ताह या अंतिम
सप्ताह में मानसून सत्र की शुरूआत हो जाए?
संसदीय सूत्रों के मुताबिक लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम.
वेंकैया नायडू पिछले करीब एक माह से संसद के मानसून सत्र के आयोजन को लेकर कई
बैठकें कर चुके हैं और दोनों सदनों के सचिवालय के अधिकारियों से भी कुछ प्रतिबंधों
के साथ सत्र के आयोजन के कई विकल्पों को लेकर भी चर्चा की हैं। सूत्रों के अनुसार
इन चर्चाओं के बाद विज्ञान भवन में संसद सत्र बुलाने जैसे विकल्प को त्यागा जा
चुका है और अब तय किया जा चुका है कि संसद का मानसून सत्र संसद भवन परिसर में ही
होगा, क्योंकि कोरोना काल के दौरान सरकार द्वारा लाए गये करीब एक दर्जन अध्यादेशों को संसद के दोनों
सदनों से पास कराना जरूरी हैं, इसलिए कोरोना महामारी से बचाव के लिए छह फुट की सामाजिक दूरी के नियमों के
तहत सत्र बुलाने की तैयारी की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार इसी आधार पर लोकसभा और
राज्यसभा सचिवालय के अधिकारी और कर्मचारी मानसून सत्र की बैठकों में हिस्सा लेने
वाले सांसदों के सामाजिक दूरी के मानकों के मुताबिक सीटों की व्यवस्था के साथ
तैयारियों में जुट गये हैं। हालांकि अभी
सरकार ने संसद के मानसून सत्र बुलाने की तिथि को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है,
लेकिन माना जा रहा है कि अगस्त के तीसरे या अंतिम सप्ताह में मानसून सत्र बुलाया
जा सकता है। इस दौरान दोनों सदनों में सांसदों की उपस्थिति के लिए भी दिशानिर्देश तैयार किये गये हैं।
ऐसे चल रही है तैयारियां
संसद के सूत्रों के अनुसार संसद सत्र के आयोजन की तैयारियों के लिए
सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारी सांसदों के बैठने के लिए सीटों की व्यवस्था करने में
जुटे हुए हैं, जिसमें यह भी तय हो चुका है कि लोकसभा और राज्यसभा की बैठके उन्हीं
सदनों में सामाजिक दूरी के नियम के तहत होगी।
सांसदों के बैठने के लिए लोकसभा में
राज्यसभा सदस्य दीर्घा और राज्यसभा में लोकसभा सदस्य दीर्घा के अलावा दोनों सदनों
में अधिकारी, वीआईपी, दर्शक दीर्घा और अन्य आरक्षित दीर्घाओं के अलावा दोनों सदनों की इनर लॉबी का इस्तेमाल भी सांसदों के बैठाने के
लिए होगा, जिस पर दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों व सचिवालयों के बीच सहमति बन
चुकी है।
सूत्रों ने बताया कि इस व्यवस्था के दायरे के बाहर रहने वाले सांसदों के
लिए संसद भवन के सभागार और अन्य सभाकक्षों का इस्तेमाल भी सांसदों के लिए किया
जाएगा, जहां उन्हें सीधे वर्चुअल स्क्रीन के जरिए दोनों सदनों की बैठक से जोड़ा
जाएगा।
सीमित होगी मीडिया व दर्शकों की संख्या
सूत्रों के मुताबिक जिस प्रकार की तैयारियां की जा रही है उसके अनुसार मीडिया
और दर्शकों की संख्या में भारी कटौती करने की योजना है। सदनों में मीडिया को
सामाजिक दूरी के नियमों के तहत सीमित सीटें मिलेगी, लेकिन संसद परिसर में
मीडियाकर्मियों के प्रवेश को प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा। वहीं दर्शकों को बेहद
सीमित रखने की योजना है और जो सांसदों के मेहमान के रूप दर्शक आएंगे उन्हें अलग
कक्षों में बैठाकर वर्चुअल स्क्रीन पर बैठक की गतिविधियों को देखने का मौका दिया
जा सकता है। मसलन वहीं सदन में संसदीय और विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों की संख्या भी कम करने की योजना तैयार
की गइर है।
संसदीय समितियों की बैठकें शुरू
कोरोना महामारी के बीच ही जारी
दिशानिर्देशों के तहत 10 जुलाई को लोकलेखा समिति की बैठक के बाद अब तक कई संसदीय
समितियों की बैठकें हो चुकी हैं, जो संसद के मानसून सत्र के बुलाने का संकेत है।
आमतौर पर संसद का मानसून सत्र जुलाई में शुरू हो जाता है, लेकिन कोरोना संकट की
वजह से सरकार सामाजिक दूरी और वायरस के बचाव वाले सुरक्षात्मक उपायों को लागू करने
के साथ संसद सत्र का आयोजन करने के प्रयास में है। शायद इसी फैसले के तहत संसद में
मानसून सत्र बुलाने की तैयारियां शुरू की जा रही है। हालांकि संसद के मानसून सत्र
के लिए आवश्यक दिशानिर्देश जारी किये जाएंगे, ताकि संसद सत्र की बैठकों के दौरान ऐसी
मुश्किलों से बचा जा सके। 16July-2020
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