जनजातीय कारीगरों के उत्पादों
की ऑनलाइन बिक्री की व्यवस्था शुरू
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने जनजातीय क्षेत्र के उत्पादों और कारीगरों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार से सीधे जोड़ने
की
दिशा में ऑनलाइन बिक्री की व्यवस्था शुरू की है। इसकी शुरूआत करते हुए भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन
विकास संघ यानि ट्राइफेड ने जनजातीय लोगों द्वारा बनाए गए एक लाख रुपये से अधिक
कीमत के उत्पादों
को बिक्री के लिए खरीदा है।
केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय के अनुसार देश में कोरोना संकट के इस दौर में
जनजातीय कारीगरों द्वारा निर्मित ऐसे उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री की व्यवस्था शुरू
की गई है, जो बिक नहीं पा रहे थे। जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अधीन कार्यरत भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास
संघ यानि ट्राइफेड ने ऑनलाइन बिक्री की
व्यवस्था शुरू की है। ये उत्पाद ई-प्लेटफार्म अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाये गये हैं। मंत्रालय के अनुसार
यह कदम प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर
अभियान के तहत इन लोगों को लाभ पहुंचाने में मदद करेगा। ट्राइफेड वन धन योजना, गाँव हाट और उनके गोदामों के बारे
में वनवासियों से संबंधित सभी सूचनाओं के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया में है। इस प्रयास
के तहत सभी जनजातीय समूहों की पहचान की गई है और जीआईएस प्रौद्योगिकी का उपयोग करके
उन्हें मैप किया गया है। कोरोना महामारी के संकट भरे समय में ट्राइफेड ने ‘गो वोकल फॉर लोकल गो ट्राइबल-मेरा वन
मेरा धन मेरा उद्यान’ के तहत
कई पहल की हैं और इसके जरिए जनजातीय क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार और आजीविका के
साधन उपलब्ध कराए हैं। कोविड महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन की वजह से जनजातीय शिल्पकारों
द्वारा बनाए गए करीब 100 करोड़ रुपए
के सामान बिना बिके यूंही पड़े हुए हैं। इन सामानों की बिक्री सुनिश्चित करके प्रभावित
परिवारों को मदद पहुंचाने के लिए ही ट्राइफेड ने इनसे एक लाख रुपए से ज्यादा के सामान खरीदे
हैं और उन्हें खासी छूट के साथ ट्राइब्स इंडिया की वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन बेचने
की व्यवस्था की है। इसके अलावा अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, और सरकारी
ई बाजार –जेम के जरिए भी इन्हें बेचने
का इंतजाम किया गया है। मंत्रालय के अनुसार कोविड महामारी के शुरू होने के बाद से पिछले चार महीनों में लोगों के जीवन पर इसका
बड़ा बुरा असर पड़ा है। अब जब आम जन जीवन पटरी पर लौटने लगा है ट्राइफेड के लोग जनजातीय
लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए जी जान से प्रयास कर रहे हैं।
29July-2020
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