आंध्र प्रदेश से 384 टन सूखी सूखी मिर्च लदान कर बांग्लादेश के बेनापोल भेजा
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे ने पहली बार भारत-बांग्लादेश की सीमा पार करते हुए बांग्लादेश के बेनापोल के लिए 384 टन सूखी मिर्चो की खेप का
लदान करके विशेष पार्सल रेलगाड़ी को बांग्लादेश के बेनापोल के लिए भेजा है।
रेल मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी देते हुए बातया कि 16 पार्सल वैन वाली एक विशेष पार्सल एक्सप्रेस
मालगाड़ी को
आंध्र प्रदेश के गंटूर के रेड्डीपलेम से बांग्लादेश के बेनापोल भेजा गया है। इस मालवाहक
रेलगाड़ी के प्रत्येक
पार्सल वैन को सूखी मिर्च की 466 बोरियों
से भरा गया, जिसका वजन
लगभग 19.9 टन है और इस प्रकार विशेष पार्सल एक्सप्रेस
मालगाड़ी द्वारा कुल 384 टन वजन
का सामान बांग्ला
देश भेजा गया है। विशेष पार्सल एक्सप्रेस द्वारा माल ले जाने की लागत प्रति टन 4,608 रुपये आई, जो सड़क परिवहन के 7,000 रुपये प्रति टन की तुलना में
बहुत सस्ती और किफायती है। गौरतलब है कि भारतीय रेलवे ने कोरोना काल की अवधि के दौरान पार्सल ट्रेन यातायात को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। रेलवे के अनुसार इससे पहले गुंटूर तथा आसपास
के क्षेत्र के किसान और व्यापारी कम मात्रा में सूखी मिर्च सड़क मार्ग से बांग्लादेश
ले जाते रहे हैं और इस पर लागत लगभग 7 हजार रुपये प्रति टन आती थी। दरअसल लॉकडाउन अवधि के दौरान वे सड़क मार्ग
से इस आवश्यक वस्तु को की आपूर्ति बांग्लादेश तक नहीं हो पायी। इस समस्या का समाधान करने के मकसद से रेल उपयोगकर्ताओं को कम मात्रा
यानी प्रत्येक खेप में अधिकतम 500 टन तक का
माल भेजने की सुविधा देने के लिए दक्षिण मध्य रेलवे के गुंटूर डिवीजन ने पहल की और
विशेष पार्सल एक्सप्रेस को बांग्लादेश के लिए रवाना किया। इससे गुंटूर के किसानों और
व्यापारियों को विशेष पार्सल एक्सप्रेस के माध्यम से थोड़ी मात्रा में सूखी मिर्च का
परिवहन करके देश की सीमा से बाहर अपने कृषि उत्पाद का विपणन करने में मदद मिली है।
बांग्लादेश के लिए अब मालगाड़ियों के माध्यम से थोक में सूखी मिर्च को भेजा जा रहा है। रेलवे के
मुताबिक मालगाड़ी
से सामान भेजने के लिए किसानों और व्यापारियों को अधिक मात्रा यानी प्रत्येक खेप में
कम से कम 1500 टन से अधिक माल का इंतज़ाम
करना आवश्यक होगा। दरअसल आंध्र प्रदेश के गुंटूर और
इसके आस-पास का इलाका मिर्च की खेती के लिए प्रसिद्ध हैं। अपने स्वाद और ब्रांड में विशिष्टता के लिए
इस कृषि उपज की गुणवत्ता को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है।
लॉकडाउन में शुरू थी विशेष पार्सल ट्रेने
रेल मंत्रालय के अनुसार देश में लॉकडाउन के दौरान भारतीय रेलवे ने बहुत ही महत्वपूर्ण और व्यवसाय के साथ-साथ उपभोग के लिए
भी आवश्यक छोटे पार्सल आकारों में चिकित्सा आपूर्ति, चिकित्सा उपकरण, भोजन इत्यादि जैसी आवश्यक वस्तुओं
का परिवहन शुरू
किया था। इस महत्वपूर्ण
आवश्यकता की पूर्ति के लिए भारतीय रेल ने ई-कॉमर्स संस्थाओं और राज्य सरकारों सहित
अन्य ग्राहकों द्वारा त्वरित परिवहन के लिए रेलवे पार्सल वैन उपलब्ध कराए हैं। रेलवे
आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए चुनिंदा मार्गों पर तय समय
पर चलने वाली विशेष पार्सल गाड़ियां चला रहा है। भारतीय रेलवे ने 22 मार्च 2020 से 11 जुलाई 2020 तक कुल 4434 पार्सल गाड़ियां चलाई जिनमें
4304 गाड़ियां समयबद्ध तरीके से
चलने वाली हैं।
13July-2020
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