सोमवार, 27 जुलाई 2020

देश में विश्वस्तरीय हाइवे नेटवर्क बनाने की तैयारी

राजमार्गो के निर्माण में तकनीकी संस्थानों की मदद लेगा एनएचएआई
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने देश में विश्व स्तरीय राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क को बढ़ावा देने की तैयारी कर रहा है। इन प्रयासों को अंजाम देने के प्रयासों के तहत एनएचएआई  आईआईटी, एनआईटी और अन्य प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों से उनके संस्थागत सामाजिक उत्तरदायित्व के हिस्से के रूप में स्वैच्छिक आधार पर राष्ट्रीय राजमार्ग के निकटवर्ती हिस्सों में सहयोग करने के लिए साझेदारी करने की योजना पर काम कर रहा है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार एनएचएआई का मकसद देश के सड़क अवसंरचना पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार के प्रति छात्रों और शिक्षकों की बौद्धिक समझदारी का लाभ उठाना है। इन संस्थानों के साथ इसके संकाय और छात्रों को स्थानीय आवश्यकता, भौगोलिक स्थिति, संसाधन क्षमता इत्यादि की बेहतर समझ है और एनएचएआई इन बेहतरीन सहयोगों का उपयोग निर्माण से पहले, निर्माण के दौरान और राष्ट्रीय राजमार्ग के एक हिस्से के संचालन के विभिन्न चरणों के दौरान कर सकता है। इस विकेन्द्रीकृत दृष्टिकोण से निर्णय लेने में भागीदारी की भावना का निर्माण करने के अलावा,छात्रों को सीखने का प्रायोगिक मौका,इंटर्नशिप का विकल्प और अनुसंधान के भावी क्षेत्रों को समझने का एक अवसर भी मिलेगा। राजमार्ग के एक हिस्से को संस्थान द्वारा अपनाने से महत्वपूर्ण आंकड़ों तक पहुंचने का रास्ता खुल जाता है, जिसका उपयोग एनएच की गुणवत्ता और सुरक्षा पहलुओं में सुधार और उन्नत प्रयोगशाला तथा अनुकरण प्रणाली के संदर्भ में संस्थान की स्थानीय क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। इसी दिशा में एनएचएआई ने बड़ी संख्या में आईआईटी, एनआईटी और इंजीनियरिंग कॉलेजों ने इस योजना में शामिल होने का विकल्प चुना है और एनएचएआई के अधिकारियों ने इच्छुक संस्थानों के निदेशकों के साथ पारस्परिक परामर्श शुरू कर दिया है। इस योजना को संस्थागत रूप देने और देश में सड़क के बुनियादी ढांचे में सुधार लाने के लिए अलग-अलग संस्थानों और एनएचएआई के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू)पर हस्ताक्षर किए जा रहे हैं।
परिवहन क्षेत्र में बढ़ेगी सुरक्षा
किसी संस्थान द्वारा एनएच के एक हिस्से को अपनाने से इसके साथ हितधारकों के जुड़ाव को बढ़ावा मिलेगा और यातायात संचालन,भीड़-भाड़ और दुर्घटना संभावित स्थलों की तत्काल पहचान जैसी नियमित स्थानीय समस्याओं को कम करने में मदद मिलेगी। इससे राजमार्ग का इस्तेमाल करने वाले संस्थान और प्राधिकरण के माध्यम से स्थानीय समस्याओं को हल करने में अधिक सक्षम हो जाएंगे। ऐसे उदाहरणों से एनएचएआई को वर्तमान और भावी दोनों परियोजनाओं में स्थानीय जरूरतों को समझने, सड़कों का रख-रखाव और उन पर वाहनों की आवाजाही को सुगम बनाने और उपयोगकर्ताओं को बेहतर अहसास कराने के लिए सड़क किनारे सुविधाएं विकसित करने में मदद मिलेंगी। इसका समग्र परिणाम राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रियों के अनुकूल और आवागमन सुखद होगा।
15July-2020

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें