हर साल 70 हजार करोड़ रुपये
से ज्यादा की वस्तु एवं सेवाओं की खरीद करता है रेलवे
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे ने मोदी सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन को बढ़ावा देने की दिशा
में शुरू की खरीद प्रक्रिया में खरीद प्रक्रिया में ‘मेक इन
इंडिया’ उत्पादों को प्रोत्साहन देने
के लिए उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की। इस दौरान पाया कि भारतीय रेलवे
हर साल 70 हजार करोड़ से भी ज्यादा के सामान और अन्य सेवाओं की खरीद करता है।
रेल मंत्रालय के अनुसार शनिवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय रेल की खरीद प्रक्रिया
में ‘मेक इन इंडिया’ उत्पादों को लेकर उठाए जा रहे
कदमों की प्रगति के लिए एक समीक्षा बैठक की। गोयल ने बाजार को उद्योग के लिए
विशेष रूप से दूरदराज के इलाकों और एमएसएमई के लिए खोलकर जीईएम प्लेटफॉर्म से रेलवे
की लगभग 70 हजार करोड़ रुपये की वस्तु
एवं सेवाओं को खरीदने पर जोर दिया। पीयूष गोयल ने रेलवे के अधिकारियों से भारतीय रेल से भ्रष्टाचार
मुक्त और पारदर्शी खरीद का वातावरण विकसित करके उद्योग में भरोसा पैदा करने से लिए
जरूरी कदम उठाने का अनुरोध किया। खरीद प्रक्रिया में ‘मेक इन इंडिया’ उत्पादों को प्रोत्साहन देने से
जुड़े कदमों की समीक्षा करते हुए खरीद की प्रक्रिया में स्थानीय वेंडर्स की भागीदारी
बढ़ाने पर जोर दिया गया। बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि खरीद में स्थानीय सामग्री का नियम ऐसा होना चाहिए कि हमें स्थानीय
वेंडर्स और आपूर्तिकर्ताओं से ज्यादा
निविदाएं हासिल हो सकें। इससे भी ‘आत्म निर्भर भारत’ मिशन को
बढ़ावा मिलेगा। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के सदस्य (सामग्री प्रबंधन), रेलवे द्वारा
मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन और जीईएम के माध्यम से खरीद के लिए उठाए जा रहे कदमों
पर एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया। इस समीक्षा बैठक में रेल राज्य मंत्री सुरेश सी अंगडी, रेलवे बोर्ड के सदस्य, जीईएम के सीईओ और डीपीआईआईटी, वाणिज्य मंत्रालय के प्रतिनिधियों
ने भाग लिया।
डीपीआईआईटी से मांगा सहयोग
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस दिशा में भारतीय रेल के प्रयासों को सुनिश्चित करने के लिए डीपीआईआईटी के सक्रिय
सहयोग की मांग की, जिससे आवश्यकता
पड़ने पर उपयुक्त नीतिगत बदलाव किए जा सकें। यह महसूस किया गया कि ऐसे वेंडर्स को प्रोत्साहित
किए जाने की जरूरत है, जो अधिकांश
स्थानीय स्तर पर विनिर्मित सामग्री की आपूर्ति कर सकें। एक एफएक्यू भाग और एक हेल्पलाइन
बनाने का भी सुझाव दिया गया, जिससे वेंडर्स
को खरीद प्रक्रिया से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर स्पष्टता रहे। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के सदस्य (सामग्री प्रबंधन), रेलवे द्वारा मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन
और जीईएम के माध्यम से खरीद के लिए उठाए जा रहे कदमों पर एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया
गया।
जीईएम के साथ एकीकृत
भारत सरकार की सबसे बड़ी खरीद एजेंसियों में से एक भारतीय रेलवे जीईएम की पूरी
क्षमताओं के उपयोग के लिए अपनी खरीद प्रणालियों को जीईएम के साथ एकीकृत कर रही है।
विभाग ने भारतीय रेलवे की ई-खरीद प्रणाली को जीईएम के साथ एकीकृत करने के लिए समयसीमा
साझा की। रेलवे ने किसी भी प्रकार के मैनुअल इंटरफेस (संपर्क) की जरूरत को खत्म करने
के लिए दो प्रणालियों के निरंतर एकीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया। रेलवे की खरीद को
पूरी तरह से जीईएम पर ले जाने के लिए दोनों प्रणालियों रेलवेज आईआरईपीएस और जीईएम के
बीच तालमेल कायम किया जाना चाहिए।
26July-2020
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