शुक्रवार, 31 जुलाई 2020

सरकार ने आगे बढ़ाई केवीआईसी की ‘कुम्हार सशक्तिकरण’ योजना


केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वितरित किये 100 विद्युत चाक
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने ‘आत्‍मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत अब ‘कुम्‍हार शक्तिकरण योजना’ को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है। सरकार देश की प्राचीन कला को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है, इस योजना के तहत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खादी और ग्रामोद्योग आयोग के जिरिए गांधीनगर के एक सौ कुम्हार समुदाय के कारीगरों को 100 विद्युत चाक वितरित किये।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में शुक्रवार को वंचित कुम्हार समुदाय के सशक्तिकरण और उसे आत्‍मनिर्भर भारतअभियान से जोड़ने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा चलाई जा रही कुम्‍हार शक्तिकरण योजनाके तहत वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अपने संसदीय क्षेत्र गांधीनगर के एक सौ प्रशिक्षित कारीगरों को 100 विद्युत चाक वितरित किए। इस मौके पर अमित शाह ने विभिन्न योजनाओं के जरिए कमजोर वर्गों को स्थायी रोज़गार के अवसर प्रदान करने में खादी और ग्रामोद्योग आयोग के जारी प्रयासों को सराहा और कहा कि उन्हें उम्‍मीद है कि केवीआईसी वंचित वर्गों के लाभ के लिए काम करना जारी रखेगा और कुम्हार सशक्तिकरण योजनाकुम्हार समुदाय को आत्मनिर्भरबनाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। इस मौके पर आयोग के अध्यक्ष वीके सक्सेना भी मौजूद रहे। केवीआईसी के अनुसार गांधीनगर जिले में 14 गांवों के 100 कुम्हारों को प्रशिक्षित किया है और 100 इलेक्ट्रिक पहिये तथा 10 ब्लेंजर मशीनें वितरित की हैं। कुम्हार शशक्तिकरण योजनाके तहत कुम्हारों की औसत आय लगभग 3000 रुपये प्रति माह से बढ़कर लगभग 12,000 रुपये प्रति माह हो गई है।
लाभार्थियों से बातचीत
अमित शाह ने इस मौके पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गांधीनगर के पांच कुम्हारों के साथ बातचीत भी की, जिन्हें केवीआईसी द्वारा मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है और भावी प्रयासों के लिए विद्युत चाक तथा अन्य उपकरण प्रदान किए गए हैं। अमित शाह ने कहा कि भारतीय शिल्‍पकला के वाहक हमारे कुम्‍हार भाइयों-बहनों को तकनीकी से जोडकर हम उनके जीवन को सुगम बना सकते हैं और उनकी उत्‍पादन क्षमता को भी बढा सकते हैं। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि कुम्हार सशक्तिकरण योजना के द्वारा मिट्टी के बर्तनों की पारंपरिक कला को पुनर्जीवित करते हुए सीमांत कुम्हार समुदाय को मजबूत बनाने की दिशा में महत्‍वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं और यह समुदाय विशेष को सशक्‍त करने की दिशा में बडा कदम साबित होगा। केंद्रीय गृहमंत्री ने कुम्हारों को आश्वासन दिया कि उनके उत्पादों को बेचने के लिए रेलवे के साथ टाई-अप सहित उचित विपणन चैनल प्रदान करने की व्यवस्था बनाई जाएगी।
25July-2020

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