हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
हरियाणा के मानेसर भूमि घोटाले
में प्रवर्तन निदेशालय ने रविवार को अदालत में अपनी दूसरा आरोप पत्र दाखिल किया
है, जिसमें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का नाम शामिल नहीं
है, लेकिन 13 अन्य लोगों के नाम इस आरोप पत्र में शामिल किये गये हैं।
सूत्रों के अनुसार रविवार को दायर की गई इस दूसरे
आरोप पत्र में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हरियाणा के मानेसर भूमि घोटाला मामले में शामिल रहे हरियाणा के पूर्व
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा के नाम को शामिल नहीं किया, जबकि मानेसर भूमि घोटाले
में सीबीआई द्वारा हुड्डा को आरोपी करार दिये जाने के बाद कई बार बयान के लिए तलब
किया जा चुका है। ईडी के सूत्रों की माने तो अब दायर किये गये आरोप पत्र में 13 अन्य आरोपियों और कई संस्थाओं को नामजद किया गया है। ईडी द्वारा इस मामले
में 108.79 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की
जा
चुकी है। ईडी के अनुसार इस मामले में मानेसर पुलिस
में दर्ज मुकदमें के आधार पर केंद्रीय जांच ब्यूरो तथा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा की गई जांच के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की
जांच शुरू की गई थी। मानेसर भूमि घोटाले के दर्ज मुकदमें के मुताबिक हरियाणा की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने गुरुग्राम जिले के
अंतर्गत मानेसर, नौरंगपुर और लखनौला गांवों
में औद्योगिक मॉडल टाउनशिप स्थापित करने के लिए 912 एकड़ जमीन
के अधिग्रहण के लिए 2005 में एक अधिसूचना जारी की थी। पुलिस में दर्ज मुकदमे में आरोप
लगाया गया है कि कई लोगों ने अपनी जमीनें कम कीमतों पर बेच दीं, जिससे उन्हें 1500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। जब ईडी की जांच में यह मामला सामने आया कि बिल्डरों के अलावा निजी संस्थाओं ने अधिग्रहण
की आशंका जताते हुए किसानों और जमीन मालिकों से जमीनें लीज पर लीं। इन बिल्डरों ने
बदले में लाइसेंस प्राप्त किया और फर्जी तरीके से भारी लाभ कमाया। इस जांच में यह भी खुलासा
किया गया है कि अधिकांश भूमि एबीडब्लयूआईएल ग्रुप द्वारा खरीदी गई थी, जिसे अब अतुल बंसल संभालते
हैं, जिन्हें ईडी की चार्जशीट में
नामजद किया गया है। ईडी के अनुसार एबीडब्ल्यूआईएल ग्रुप ने
लाइसेंस प्राप्त या बिना लाइसेंस
वाली जमीनें डेवलपर्स को बेचकर बेहद ज्यादा कमाई की। ऐसी संस्थाओं और उनसे जुडे जिम्मेदार व्यक्तियों
को इस आरोप पत्र में नामजद किया गया है।
08June-2020
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