बुधवार, 3 जून 2020

किसान, कारोबारी व रेहडी पटरी वालों को सौगातें



एमएसएमई की संशोधित परिभाषा को मिली मंजूरी
केंद्र सरकार ने पैकेज में भी किया इजाफा
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने एमएसएमई की परिभाषा में संशोधन को मंजूरी दे दी है, जिसमें निवेश की सीमा बढाने के साथ कारोबार के दायरे को भी बढ़ाया गया है। सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र को 20 हजार करोड़ रुपये की सहायता देने के प्रावधान पर भी मुहर लगाई।  
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एमएसएमई की परिभाषा बदलने के संशोधित प्रस्ताव को मंजूरी देने के साथ इसके तहत निवेश की सीमा बढ़ाकर एक करोड़ के निवेश और 5 करोड़ का कारोबार करने का फैसला किया गया है। केंद्र की मंजूरी के तहत लघु इकाई निवेश की सीमा बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए और 50 करोड़ रुपए का कारोबार किया गया, तो वहीं मध्यम इकाई के तहत 20 करोड़ रुपए निवेश और 250 करोड़ रुपए का कारोबार कर दिया है, इसके दायरे में मध्यम और मैन्युफैक्चरिंग सेवा इकाइयां भी शामिल हैं। वहीं यह भी निर्णय लिया गया है कि निर्यात में एमएसएमई को किसी भी टर्नओनर में नहीं गिना जाएगा, चाहे वह सूक्ष्म,लघु या मध्यम ईकाई ही क्यों न हों।
देश में छह करोड़ एमएसएमई
केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर कहा कि एमएसएमई को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जिसकी संख्या करीब 6 करोड़ है। कोरोना महामारी के बाद प्रधानंत्री द्वारा एमएसएमई की आत्मनिर्भरता को पहचाने और उसे पैकेज देने के निर्णय को देशहित में बताते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार की अर्थव्यवस्था सुधार के लिए की गई घोषणाओं से देशभर में 66 करोड़ से ज्यादा लोगों को फायदा होगा, जिसमें 55 करोड़ खेती पर निर्भर लोग हैं, जबकि 11 करोड़ ऐसे लोग हैं जो एमएसएमई में काम कर रहे हैं।
एमएसएमई को 20 हजार करोड़
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर और नितिन गडकरी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत घोषणाओं के लिए रोडमैप तैयार किया जा चुका है। इन घोषणाओं से एमएसएमई क्षेत्र में निवेश आएगा और नौकरियां पैदा होंगी। कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन की वजह से संकट में फंसे एमएसएमई को इक्विटी सहायता देने की दिशा में कैबिनेट की बैठक में एमएसएमई के तहत 20 हजार करोड़ रुपए की सहायता के प्रावधान के प्रस्ताव को भी स्वीकृत किया गया। इस मंजूरी से देश में संकट में फंसे 2 लाख एमएसएमई को फायदा होगा। गडकरी ने कहा कि इस क्षेत्र में 50 हजार करोड़ रुपए के इक्विटी निवेश का प्रस्ताव भी पहली बार हुआ है, जिससे एमएसएमई उद्योगों को स्टॉक एक्सचेंज में सूचिबद्ध होने का मौका मिलेगा।
एमएसमई में बनेंगे दो फंड
केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार ने एमएसएमई के लिए दो फंड बनाने का निर्णय लिया है। गडकरी ने कहा कि एमएसएमई को लेकर दो फंड बनाए गए हैं। इसमें पहला डिस्ट्रेस एसेसमेंट फंड होगा,, जिसमें 4 हजार करोड़ का प्रावधान है, जबकि दूसरे को फंड ऑफ फंड्स के रूप में परिभाषित किया गया है, जो 50 हजार करोड़ रुपये का हैइन दोनों शेयरों को बहुत जल्द शेयर मार्केट में सूचीबद्ध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार के फैसलों से देशभर में एमएसएमई में 11 करोड़ से ज्यादा लोगों को नौकरी मिली है। वहीं एमएसएमई की मजबूती से निर्यात बढ़ेगा, इसके लिए गडकरी ने 25 लाख एमएसएमई के पुनर्गठन की उम्मीद जताई है।
एमएसएमई के लिए वरदान साबित होगा ‘चैंपियन्स’                
अर्थव्यवस्था के सुधार की दिशा में पीएम मोदी ने की पोर्टल की शुरुआत
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने एमएसएमई की नई परिभाषा बदलने के साथ उसकी अर्थव्यवस्था सुधार के लिए टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म के रूप में ‘चैम्पियंस’ पोर्टल की शुरूआत की है, जिसे पीएम मोदी ने लांच किया।
एमएसएमई मंत्रालय के अनुसार सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म चैम्पियंस लॉन्च किया। इस पोर्टल का मकसद एमएसएमई क्षेत्र में उत्पादन और राष्ट्रीय शक्ति बढ़ाने के लिए आधुनिक प्रक्रियाओं का निर्माण और सामंजस्यपूर्ण अनुप्रयोग को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री ने कहा यह एमएसएमई सेक्टर की सभी समस्याओं के समाधान और सहायता के लिए एकमात्र केंद्र होगा। इसका उद्देश्य इन उद्योगों की सहायता, शिकायतों का निवारण, उद्यमशील प्रतिभा का उपयोग और व्यापार के नए अवसरों की खोज करना है। यह पोर्टल मूलत: छोटी इकाईयों की समस्याओं का हल करके, उन्हें उत्साहित करने, सहयोग देकर बड़ा बनाने के लिए है। यह एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग) उद्योगों की सभी समस्याओं के समाधान के लिए एक केंद्र होगा। यह व्यवस्था वर्तमान कठिन परिस्थितियों में एमएसएमई उद्योगों की मदद करने के लिए और उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उभारने के लिए तैयार की गई है।  इस मौके पर एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस पोर्टल के जरिए क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा, जिसमें ऐसे क्षमतावान उद्योगों को प्रोत्साहित करना जो वर्तमान स्थितियों के मुताबिक खड़े होने में सक्षम हैं और जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान बना सकते हैं। गडकरी के अनुसार यह एक टेक्नोलॉजी पर आधारित कंट्रोल रूम और सूचना प्रबंधन व्यवस्था है। यह टेलीफोन, इंटरनेट और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधाओं से लैस है। इसके साथ ही इसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई), डाटा एलालिटिक्स और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल किया गया है।
ये है चैंपियन्स का अर्थ
मंत्रालय के अनुसार इस पोर्टल के शब्दों के चयन की जानकारी दी गई है, जिसमें चैंपियन्स में सी का मतलब क्रिएशन यानी निर्माण, एच का मतलब हारमोनियस यानी सामंजस्यपूर्ण, ए का मतलब एप्लीकेशन यानी अनुप्रयोग, एम का मतलब मॉडर्न यानी आधुनिक, पी का मतलब प्रोसेसेस यानी प्रक्रियाएं, आई का मतलब इंक्रीज यानी बढ़ोत्तरी, ओ का मतलब आउटपुट यानी उत्पादन, एन का मतलब नेशनल यानी राष्ट्रीय और एस का मतलब स्ट्रेंथ यानी ताकत है।
समस्याओं का होगा समाधान
मंत्रालय के अनुसार एमएसएमई क्षेत्र में आने वाली शिकायतों व समस्याओं के समाधान में भी यह पोर्टल बेहतर विकल्प होगा। मसलन एमएसएमई की समस्याओं को हल करने के लिए जिनमें वित्त, कच्चे माल, श्रम, विनियामक अनुमति आदि शामिल हैं। वहीं इसमें नए मौके तलाशना भी आसान होगा यानि  चिकित्सा उपकरणों और अन्य सामान जैसे पीपीई, मास्क आदि का निर्माण और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उनकी आपूर्ति करने की जानकारी हासिल होगी। 
02June-2020


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