पडोसी देशों में वाहनों की आवाजाही का मामला
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने पडोसी देशों के बीच यात्रियों और मालवाहक वाहनों की आवाजाही
को लेकर संबन्धित देशों से होने वाले समझौतों को सुगम बनाने की तैयारी की है। इसके
लिए केंद्र सरकार मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तहत आवश्यक सहायक नियमों में संशोधन करेगी,
जिसके लिए सुझाव आमंत्रित किये हैं।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के प्रवक्ता
ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि भारत तथा पड़ोसी देशों के
बीच वस्तुओं या यात्रियों की आवाजाही से संबंधित एमओयू के प्रचालन को सुगम बनाने के
लिए भारतीय राज्यों तथा अन्य पड़ोसी देशों के बीच वस्तुओं तथा यात्रियों को ढोने वाले
वाहनों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए मानक दिशा-निर्देश नियमों को स्थापित करने
का फैसला किया गया है। मंत्रालय ने यात्रियों व मालवाहक वाहनों
की आवाजाही से संबंधित एमओयू को सुगम बनाने के मकसद से मोटर वाहन
प्रारूप नियमों में प्रस्तावित संशोधन करने पर विचार किया है। इस प्रकार के
संशोधन के लिए मंत्रालय ने आम लोगों सहित सभी हितधारकों से सुझाव और
टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। मंत्रालय के अनुसार नियमों के प्रारूप
के साथ एक अधिसूचना जारी की गई है जिसे समय-समय पर भारतीय राज्यों
एवं अन्य पड़ोसी देशों के बीच यात्रियों और वस्तुओं को ढोने वाले वाहनों की आवाजाही
को सुगम बनाने के लिए मोटर वाहन अधिनियम-1988 के प्रावधानों के
तहत आवश्यक सहायक नियमों के संबंध में विभिन्न सरकारी विभागों एवं राज्यों से आग्रह
प्राप्त होते हैं। मंत्रालय ने अमृतसर एवं लाहौर के बीच (2006), नई दिल्ली और लाहौर के बीच (2000), कोलकाता एवं ढाका
के बीच (2000) तथा अमृतसर एवं ननकाना साहिब (2006) के बीच बस सेवा को सुगम बनाने के लिए नियमों को अधिसूचित किया है। ऐसे
एमओयू पर भारत एवं पड़ोसी देशों द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं।
इसके अलावा मंत्रालय ने इसके तहत प्रचालनों को सुगम बनाने के लिए ऐसे
सभी विनियमनों को अंतिम रूप दे दिया गया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने बिशालगढ़,
त्रिपुरा में एलपीजी बौटलिंग प्लांट को थोक मात्रा में एलपीजी की आपूर्ति
करने के लिए भारतीय क्षेत्र में बांग्लादेश पंजीकृत एलपीजी ट्रकों की आवाजाही के संबंध
में 17 अक्टूबर 2018 को भी नियमों को अधिसूचित
किया था।
21June-2020
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