रविवार, 21 जून 2020

राज्यसभा:


राज्यसभा की आठ राज्यों में 19 सीटों पर मतदान आज

सियासी गणित गड़बड़ाने से क्रास वोटिंग से हलचल तेज
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
राज्यसभा की आठ राज्यों की 19 सीटों के लिए कल शुक्रवार 19 जून को होने वाले चुनाव में भाजपा व कांग्रेस जैसे सियासी दलों की जोड़तोड़ व पैंतरेबाजी जैसी रणनीतियों के कारण खासतौर से मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान व झारखंड में दिलचस्प मुकाबला होने की संभावना है। इन चुनाव में चुनावी समीकरण बनाने और बिगाड़ने के सियासी खेल में क्रास वोटिंग का डर भी राजनीतिक दलों को सता रहा है।
राज्यसभा में सत्ताधारी राजग बहुमत हासिल करने की रणनीति के तहत चुनावों में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता, जिसका प्रयास है कि इन द्विवार्षिक चुनाव में राजग कम से कम एक शतक तैयार कर सके। वहीं संप्रग इस मुहिम को तोड़ने की राजनीति में मशगूल है, यही कारण है कि झारखंड की दो सीटों के लिए होने वाले चुनाव में कांग्रेस ने यह जानते हुए भी कि उसके उम्मीदवार की जीत नहीं होगी, लेकिन अपना प्रत्याशी मैदान में उतारकर चुनावी समीकरण को बिगाड़ दिया है। जबकि मध्य प्रदेश व गुजरात और राजस्थान में भी भाजपा व कांग्रेस में शह-मात का चुनावी खेल खेला जा रहा है। हालांकि यह कल 19 जून शुक्रवार को होने वाले मतदान के बाद चुनावी नतीजे तय कर देंगे कि राज्यसभा में कौन से गठबंधन की रणनीति कामयाब होगी? बहरहाल आंध्र प्रदेश  व गुजरात में 4-4, मध्य प्रदेश व राजस्थान में 3-3, झारखंड में 2 के अलावा पूर्वोत्तर के मेघालय, मणिपुर और मिजोरम की राज्यसभा की एक-एक सीट का यह चुनावी ऊँट किस करवट बैठने वाला है।
भाजपा के दांव से मुश्किल में कांग्रेस
भाजपा मध्य प्रदेश की तीन सीटों को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों को तोड़ कर पहले ही कांग्रेस को झटका दे चुकी है, जिसके बाद भाजपा ज्योतिरादित्य को उम्मीदवार बनाकर अपनी दो सीट पक्की कर चुकी है। यानि भाजपा के पास अपने प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी को जिताने के लिए जरूरी 104 सीटों से ज्यादा है। ऐसे में कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के भी जीतने के आसार बने हैं, लेकिन कांग्रेस के दूसरे प्रत्याशी फूल सिंह भैरया का रास्ता बेहद कठिन है। 
इसी प्रकार गुजरात में चार सीटों के लिए जारी शह-मात की सियासत में भी कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफो के सहारे भाजपा ने कांग्रेस की राह मुश्किल कर दी है। लेकिन गुजरात में दूसरी वरीयता के लिए भाजपा भरत सिंह सोलंकी को जीता पाएगी या नहीं? यह चुनाव भरत सिंह सोलंकी और कांग्रेस के शशिकांत गोहिल का भविष्य तय करेगा। राजस्थान में भी मध्य प्रदेश की तरह ही राज्यसभा की तीन सीटों के लिए भाजपा अपने दोनों प्रत्याशियों राजेन्द्र गहलौत और ओएस लखावत को जीताने की फिराक में है, जबकि कांग्रेस केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी को राज्यसभा भेजने की रणनिति अपना रही है, लेकिन विधायकों के संख्या बल के आधार पर भाजपा को एक सीट ही मिल सकती है, लेकिन जोड़तोड़ की राजनीति ने कांग्रेस को हलकान किया हुआ है। उधर झारखंड में भी सियासी समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं। मलसन झारखंड में राज्यसभा चुनाव में आजसू पार्टी की भूमिका स्पष्ट होने बाद 30 विधायकों के समर्थन के कारण भाजपा प्रत्याशी दीपक प्रकाश की जीत की संभावना बनी है। वहीं  निर्दलीय विधायक सरयू राय ने दीपक प्रकाश के समर्थन की घोषणा कर रखी है। जबकि सत्तारूढ दल से शिबू सोरेन का राज्यसभा पहुंचना तय माना जा रहा है।
क्या है राज्यसभा में दलगत आंकड़ा
संसद में 245 सदस्यों वाले उच्च सदन यानि राज्यसभा की मौजूदा सदस्य संख्या 224 है, जिसमें भाजपा के पास अभी कुल 75 सदस्य समेत राजग की संख्या 91 है। जबकि सदन में कांग्रेस के 39 सांसदों के साथ संप्रग का संख्याबल 61 है। अब भाजपा को शतक पूरा करने के लिए कम से कम नौ सीटे जीतने की दरकार है, जिसके लिए भाजपा इन चुनाव में किसी भी स्तर पर कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती। जाहिर सी बात है कि भाजपा बढ़ेगी तो कांग्रेस को सीटों का नुकसान होना तय है।
कोरोना के कारण स्थगित हुए थे चुनाव
गौरतलब है कि देश में कोरोना संकट के कारण राज्यसभा की रिक्त 55 सीटों के लिए 26 मार्च को होने वाले चुनाव स्थगित कर दिये गये थे। हालांकि इनमें से 37 सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो चुके थे। बाकी बची 18 सीटों के लिए लॉकडाउन के बाद अनलॉक-1 शुरू होने पर चुनाव आयोग ने 19 जून को कराने का ऐलान किया। चुनाव आयोग ने जून-जुलाई में रिक्त होने वाली तीन राज्यों की 6 सीटों पर भी इसी दिन चुनाव कराने का फैसला किया। इन छह सीटों में से कर्नाटक की चार सीटों और अरुणाचल प्रदेश की एक मात्र सीट पर प्रत्याशी निर्विरोध चुने जा चुके हैं। जबकि मिजोरम की एक सीट एक सीट पर तीन उम्मीदवार आने से चुनाव होना है, इसलिए अब कुल 19 सीटों के लिए शुक्रवार को चुनाव होगा। इस चुनाव में सियासी दलों को क्रास वोटिंग का डर भी सता रहा है।
19June-2020


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