केंद्रीय कैबिनेट ने अध्यादेश को दी मंजूरी, मुद्रा योजना में 2 फीसदी छूट का ऐलान
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की दिशा में मोदी सरकार ने बैंकिंग
क्षेत्र को एक छतरी के नीचे काम करने के लिए एक बड़ा फैसला किया है। केंद्र सरकार
ने देशभर में सहकारी और बहु-राज्य सहकारी बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक के दायरे
में लाने के लिए एक अध्यादेश को मंजूरी दी है। इसके अलावा केंद्रीय कैबिनेट ने कई अन्य महत्वपूर्ण फैसलों
पर मुहर लगाई है।
केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये
गये। कैबिनेट बैठक में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए यहां केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश
जावड़ेकर ने संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने एक उस
अध्यादेश को मंजूरी दी है, जिसके तहत देश के सरकरी बैंकों की तरह ही सहकारी और बहु-राज्य
सहकारी बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक के दायरे में शामिल किया जाना है। उन्होने
बैंकिंग क्षेत्र में इस फैसले को महत्वपूर्ण करार देते हुए कहा कि इस कैबिनेट से
मंजूर बैंकिंग संबन्धी अध्यादेश के जरिए देश के सभी 1540 सहकारी और 58 बहु-राज्य सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक के
दायरे में शामिल किया जा सकेगा। मसलन अब देश में सभी बैंकिंग नियम सहकारी बैंकों पर भी
उसी तरह लागू होगें, जिस प्रकार आरबीआई की शक्तियां अनुसूचित बैंकों पर लागू होती हैं। सरकार के इस फैसले का मकसद
आरबीआई के क्षेत्राधिकारी में निवेशकों को उनके पैसे को सुरक्षित करके भरोसा देना
हैं। वहीं सहकारी बैंकों के देशभर में करीब 8.60 करोड़ खाताधारकों की जमा राशि की सुरक्षा भी सुनिश्चत होगी। अब इस अध्यादेश को
राष्ट्रपति के समक्ष भेजा जाएगा, जिस पर राष्ट्रपति की मुहर लगते ही इसे लागू कर
दिया जाएगा।
मुद्रा शिशु लोन की ब्याज दरों में छूट
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बैंकिंग क्षेत्र के एक अन्य फैसले की जानकारी
देते हुए केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि केंद्र सरकार ने पीएमएमवाई की ‘शिशु’ श्रेणी के तहत तकरीबन 1.62 लाख करोड़ रुपये की कुल ऋण राशि के साथ करीब 9.37 करोड़ ऋण खाते बकाया थे, जिसमें 9.37 करोड़ लोगों को ब्याज में
एक साल
तक दो फीसदी
की छूट देने
का फैसला किया है। इस फैसले के तहत ठेले और रेहड़ी पटरी वाले या छोटे दुकानदारों मुद्रा योजना के तहत मिलने वाले ऋण पर
इस ब्याज की छूट का फायदा मिलेगा। सरकार के इस फैसले से मुद्रा योजना छोटे आदमी को बड़ा फायदा देने
वाली योजना साबित होगी। इस
योजना को 1 जून 2020 से यह योजना लागू माना जाएगा और 31 मई 2021 तक चलेगी। इस योजना पर इस अवधि वर्ष में 1542 करोड़ रुपए
खर्च किए जाएंगे। जावडेकर ने कहा कि सरकार के बैंकिंग क्षेत्र में इन दोनों फैसलों से देश में
करीब 18 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। पीएमएमवाई के तहत आय सृजन गतिविधियों के लिए दिए जाने
वाले 50 हजार रुपये तक के ऋणों को ‘शिशु ऋण’ कहा जाता
है।
ओबीसी कमीशन को विस्तार
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आयोग का कार्यकाल छह महीने बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी
दी है। यह जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ओबीसी आयोग को अन्य पिछड़े वर्गों से संबंधित
विभिन्न सिफारिशें करने का काम सौंपा गया था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण यह काम प्रभावित हुआ। इस लिए आयोग के कार्यकाल
को 31 जनवरी 2021 तक का विस्तार दिया गया है। वहीं आयोग को अन्य पिछड़े वर्गों के अंदर
उप-वर्गीकरण के मुद्दे की जांच करने की भी जिम्मेदारी दी गई है। इससे उन जातियों व समुदायों से संबंधित सभी लोगों फायदा
होगा, जो एसईबीसी की केन्द्रीय सूची में
शामिल हैं, लेकिन केन्द्र सरकार के पदों
और केन्द्र सरकार के शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए वर्तमान ओबीसी आरक्षण योजना
का उन्हें फायदा नहीं हुआ था।
पशुधन के लिए 15 हजार करोड़ रुपए की योजना
कैबिनेट बैठक में हुए फैसलों की जानकारी देने के लिए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ संवाददाता सम्मेलन
में केंद्रीय पशुधन एवं मत्सय मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने पशुधन विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपए का यह कार्यक्रम का ऐलान किया है, जिसके तहत दुग्ध उतपादन बढ़ेगा और
निर्यात को प्रोत्साहन मिलने से रोजगार सृजन के अवसर पैदा हो सकेंगे।
नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर का गठन
कैबिनेट बैठक की जानकारी के लिए बुलाए गये संवाददाता सम्मेलन शामिल केंद्रीय
मंत्री डा. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि इस बैठक में सरकार ने अंतरिक्ष गतिविधियों के
समस्त क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अंतरिक्ष
क्षेत्र में दूरगामी सुधारों को मंजूरी दी है, जिसके तहत नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन
सेंटर के गठन होगा। संस्था
का काम प्राइवेट इंडस्ट्रीज को स्पेस एक्टिविटीज के लिए गाइड करना होगा। यह निर्णय
भारत को बदलने तथा देश को आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से आधुनिक बनाने के प्रधानमंत्री
के दीर्घकालिक दृष्टिकोण के अनुरूप है। भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में उन्नत क्षमताओं के मद्देनजर इन सुधारों से क्षेत्र को
नई ऊर्जा तथा गतिशीलता प्राप्त होगी, जिससे देश को अंतरिक्ष गतिविधियों के अगले चरण में तेजी से आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
प्रस्तावित सुधार अंतरिक्ष परिसंपत्तियों, डाटा एवं सुविधाओं तक बेहतर पहुंच के माध्यम सहित अंतरिक्ष परिसंपत्तियों तथा गतिविधियों
के सामाजिक-आर्थिक उपयोग को बढ़ायेंगे। वहीं अंतरिक्ष क्षेत्र प्रौद्योगिकीय उन्नयन तथा हमारे औद्योगिक आधार के विस्तार में
एक प्रमुख उत्प्रेरक की भूमिका निभा सकता है।
यूपी के कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट
केंद्र सरकार द्वारा कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में कुशीनगर हवाई अड्डा श्रावस्ती काक अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के रुप में जल्द निर्माण करने के फैसले की जानकारी
देते हुए जावडेकर ने कहा कि कुशीनगर खुद एक बौद्ध सांस्कृतिक स्थल है,
लेकिन बोद्ध सर्किट
का केंद्र होने
के बावजूद वहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट की कमी महसूस की जा रही
थी। इसलिए कुशीनगर
में बन रहे
अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण का जल्द पूरा करने का फैसला लिया गया। अभी तक वहां तीन किलोमीटर का एयरस्ट्रिप
बनाई जा
चुकी है, जहां अब एयरबस जैसा जहाज भी उतरा जा सकता है। अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें शुरू होने के बाद यहां से बौद्ध सर्किट में
विदेशी
पर्यटकों की आवाजाही बढ़ाई जा सकेगी। कुशीनगर उत्तर प्रदेश के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित
है और गोरखपुर से 50 किलोमीटर पूर्व में है। साथ
ही यह प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थलों में से एक भी है।
25June-2020
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