बुधवार, 10 जून 2020

मेघालय व नागालैंड में ‘जल जीवन मिशन’ की कछुआ चाल


केंद्र सरकार ने योजना के कार्यान्वयन पर जताई चिंता
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
केंद्र सरकार के वर्ष 2024 तक देशभर के ग्रामीण घरों में पेयजल मुहैया कराने के लिए चलाई जा रहे जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में जहां कई राज्य तेजी से काम कर रहे हैं, वहीं पूर्वोत्तर के मेघालय व नागालैंड में इस योजना के कार्यान्वयन जिस प्रकार से कछुआ चाल से हो रहा है, उसे देख्ते हुए इन राज्यों में योजना के लक्ष्य को हासिल करना एक डेढ़ी घीर होगा। इस धीमी गति को लेकर केंद्र सरकार ने गहरी चिंता जाहिर की है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मेघालय और नागालैंड के मुख्यमंत्रियों को लिखे अपने पत्र में इन राज्य में जल जीवन मिशन (जेजेएम) की धीमी प्रगति पर चिंता जाहिर की है। मेघालय में इस योजना के तहत दिसंबर 2022 तक सभी ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य है। मंत्रालय के अनुसार मेघालय के मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए शेखावत ने कहा कि वे राज्य के उन 3,891 गांवों में 'अभियान मोड' में तुरंत काम में तेजी लाएं जहां मौजूदा जल आपूर्ति योजनाएं चल रही हैं। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिलों,अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति बहुल गांवों, बस्तियों और सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत आने वाले गांवों में नल कनेक्शन देने के काम को प्राथमिकता दी जानी है। मंत्रालय ने बताया कि मेघालय को 2019-20 में 86.02 करोड़ रुपये आवंटित किये गए थे, लेकिन कार्यों की धीमी प्रगति के कारण केवल 43.01 करोड़ जारी किए,जिसमें से राज्य केवल 26.35 करोड़ रुपये ही खर्च कर सका। इससे राज्य के पास 17.46करोड़ की राशि शेष रह गई है। जबकि जेजेएम के तहत मेघालय के लिए वर्ष 2020-21 में आवंटन 174.92 करोड़ तक बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही 17.46 करोड़ रुपये की शेष राशि और इस वर्ष के 174.92 करोड़ के आवंटन के साथ मेघालय के पास 192.38 करोड़ रुपये के केंद्रीय फंड  की उपलब्धता है। इसमें खर्च किए जाने वाले राज्य के हिस्से को मिला दिया जाए तो मेघालय के पास वर्ष 2020-21 के दौरान जल जीवन मिशन (जेजेएम) के कार्यान्वयन के लिए कुल 216 करोड़ रुपये हैं। शेखावत ने जोर देते हुए कहा कि प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पीने योग्य पानी उपलब्ध कराना राष्ट्रीय प्राथमिकता है और राज्य को समयबद्ध तरीके से इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रयास करना चाहिए।
नागालैंड सरकार भी योजना में पिछड़ा
उधर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने नगालैंड के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में भी जल जीवन मिशन की धीमी प्रगति पर अपनी चिंता व्यक्त की गई। मंत्रालय के अनुसार नागालैंड में वर्ष 2019-20 में 75 हजार घरों में नल कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित था, लेकिन अब तक केवल 2,000 घरों में नल कनेक्शन दिए गए हैं। जबकि इसके लिए नगालैंड को वर्ष 2019-20 में 56.49 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। राज्य केवल 23.54 करोड़ रुपये खर्च कर सका है। जबकि वर्ष 2020-21 में नगालैंड के लिए आवंटन 56.49 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 114.09 करोड़ रुपये किया जा चुका है। इसके अलावा 32.95 करोड़ रुपये की शुरुआती बैलेंस के साथनगालैंड के पास जल जीवन मिशन के लिए केंद्रीय फंड से 147.04 करोड़ रुपये की निश्चित उपलब्धता है। इसमें राज्य के हिस्से को जोड़ दिया जाए, उसके पास जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए वर्ष 2020-21 के दौरान 163 करोड़ रुपये होंगे। मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2020-21 में नगालैंड को पीआरआई के लिए 15वें वित्त आयोग अनुदान के रूप में 125 करोड़ आवंटित किए गए हैं और इस राशि का 50 फीसदी अनिवार्य रूप से जल आपूर्ति और स्वच्छता के लिए उपयोग किया जाना है। 
10June-2020

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