सोमवार, 29 जून 2020

लॉकडाउन में दो करोड़ निर्माण श्रमिकों को दी आर्थिक मदद!


सरकार ने भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिकों के बैंक खातों में डाली 4957 करोड़ की राशि
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
देश में कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंगी में आए श्रमिकों की मदद के लिए सरकार ने कई कदम उठाए। ऐसे ही कदमों के तहत केंद्र सरकार ने देश में करीब दो करोड़ भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिकों के बैंक खातों में 4957 करोड़ रुपये की धनराशि हस्तांतरित करके उनकी आर्थिक सहायता की है।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने निर्माण श्रमिकों के कल्याण के मामले में सभी राज्य सरकारों एवं राज्य कल्याण बोर्डों के साथ समन्वय करते हुए उन्हें उनकी आवश्यकता के मुताबिक आर्थिक मदद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।  केंद्र सरकार क 24 मार्च को जारी एक परामर्श के तहत लॉकडाउन के दौरान देश भर के करीब दो करोड़ पंजीकृत निर्माण मजदूरों को अब तक यानि 23 जून तक 4957 करोड़ रुपये की नकदी सहायता वितरित की जा चुकी है। इसमें करीब 1.75 करोड़ लेनेदेन प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिये सीधे श्रमिकों के बैंक खातों में डाले गये। वहीं लॉकडाउन के 1000 से 6 हजार रुपये प्रति श्रमिक के बराबर के नकदी लाभ के अतिरिक्त कई राज्यों ने अपने मजदूरों को भोजन तथा राशन भी उपलब्ध कराया है।
फास्ट ट्रैक पर हुआ पंजीकरण
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने देश में श्रमिकों की आर्थिक समस्या का समाधान करने के लिए पंजीकृत श्रमिकों के दायरे से छूट गए श्रीमकों के पंजीकरण को फास्ट ट्रैक करने, लाभों की पोर्टेबिलिटी, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेऐवाई) के जरिये स्वास्थ्य बीमा पर सामाजिक सुरक्षा स्कीमों का सार्वभौमीकरण, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के जरिये जीवन एवं विकलांगता कवर, प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना (पीएमएसवाईएम) के जरिये वृद्धावस्था में जीवन पर्यंत पेंशन तथा बड़े शहरों में पारगमन निवास के प्रावधान के लिए एक मिशन मोड परियोजना लांच करने की योजना बनाई है। मसलन केंद्र सरकार ने भवन और अन्य निर्माण श्रमिक अधिनियम-1996 इन मजदूरों के रोजगार एवं सेवाओं की स्थिति को विनियमित करने एवं उनकी सुरक्षा, स्वास्थ्य तथा कल्याण उपायों को सुलभ कराने के लिए लागू किया गया। सेस अधिनियम के साथ इस अधिनियम ने उन्हं महामारी के कठिन समय में आजीविका उपलब्ध कराने के जरिये निर्माण मजदूरों को राहत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
राज्यों को जारी किया था परामर्श
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री ने निर्माण मजदूरों के सामने आने वाली आर्थिक चुनौतियों को कम करने के मकसद से असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की आर्थिक मदद के लिए 24 मार्च 2020 को सभी मुख्यमंत्रियों को ठीक समय पर एक परामर्शी भेजा था, जिसमें राज्यों को सुझाव दिया गया कि वे अधिनियम के खंड 22 (1) (एच) के तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) मोड के जरिये निर्माण मजदूरों के बैंक खातों में पर्याप्त फंड का अंतरण करने के लिए एक स्कीम तैयार करें। वहीं श्रम एवं रोजगार सचिव द्वारा सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इसी प्रकार का एक पत्र भी लिखा गया था और समय समय पर वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के द्वारा इसका उत्साहपूर्वक पालन भी किया गया। चूंकि निर्माण मजदूरों का दी जाने वाली राशि का फैसला संबंधित राज्य सरकारों द्वारा किया जाना था, जो उनकी जीवन यापन के लिए आवश्यक होती है। 
24June-2020

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