श्रमिकों के मामले में सुप्रीम
कोर्ट में केंद्र ने दायर किया शपथ पत्र
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने प्रवासी
श्रमिकों और अन्य लोगों को उनकी घर वापसी के लिए तमाम व्यस्थाएं की है, जिनमें
करीब 4200 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाई गई और एनएचएआई के साथ मिलकर सड़कों पर पैदल
चर रहे श्रमिकों को भी बसों के जरिए उनके गंतव्य तक पहुंचाया। यही नहीं सरकार ने
कोरोना बचाव के सुरक्षात्मक कदमों के साथ श्रमिकों को निशुल्क खाना और पानी व
आश्रय गृहों में ठहरने की भी राज्य सरकारों के साथ समन्वय बनाकर व्यवस्था की हैं।
दरअसल एक दिन पहले सुप्रीम
कोर्ट ने प्रवासियों खासकर श्रमिकों की
घर वापसी और उनकी परेशानी को लेकर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और राज्यों को निर्देश
दिए थे कि सभी प्रवासियों को 15 दिन में घर पहुंचाया जाए। इन आदेशों में सभी राज्यों को वापसी कर रहे सभी प्रवासियों को पंजीकृत करके रिकॉर्ड पर लाना भी शामिल था और यह भी पूछा था कि राज्य इन्हें रोजगार और अन्य प्रकार की राहत किस प्रकार प्रदान करेंगे।
इसी प्रवासी श्रमिकों के मामले में
शनिवार को केंद्र
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना विस्तृत हलफनामा दायर किया है। इस शपथ पत्र में केंद्र सरकार ने विस्तृत जानकारी देते
हुए कहा कि
केंद्र
ने राष्ट्रीय भारतीय सड़क परिवहन यानि एनएचएआई के साथ मिलकर सड़कों पर पैदल चल रहे मजदूरों को
उचित जगहों पर पहुंचाने के लिए उन्हें बस जैसे वाहन मुहैया कराए गये और उन्हें नजदीकी रेलवे स्टेशनों तक
पहुंचाया गया है। केंद्र
सरकार ने सुप्रीम
कोर्ट में कहा कि भारतीय रेलवे और राज्य सरकार द्वारा समन्वय करके घर वापसी कर रहे प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त भोजन और पानी की सुविधा दी जा रही है। इसमें एक जून तक रेलवे प्रवासियों को 1.63 करोड़ भोजन और 2.10 करोड़ से अधिक पानी की बोतलें वितरित कर चुका है, जबकि राज्य सरकारों की ओर से भी
उनकी
हर तरह की मदद की जा रही है। यही नहीं इसके अलावा आवश्यकता के अनुसार प्रवासियों को दवाइयां, कपड़े, चप्पल और
अन्य जरूरी चीजें मुफ्त में मुहैया कराई गई हैं। केंद्र सरकार की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी
जानकारी दी कि देश में जगह-जगह फंसे लाखों प्रवासी श्रमिकों को उनके पैतृक स्थान तक पहुंचाने के
लिए
भारतीय रेलवे ने तीन जून तक 4200 से अधिक 'विशेष श्रमिक ट्रेन' चलाई गयी हैं।
रेलवे ने चलाई 4286 से अधिक 'विशेष श्रमिक ट्रेन'
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने शनिवार को जानकारी दी है
कि अब तक 60 लाख से जयादा प्रवासियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए भारतीय
रेलवे ने 4286 श्रमिक विशेष ट्रेनों का संचालन
किया गया। राज्यों द्वारा इन ट्रेनों की मांग 250 से घटकर अब लगभग 137 प्रति दिन हो गई है। जबकि पिछले दो
दिनों में केवल 56 ट्रेनों का संचालन किया जा सका, जिसका कारण
प्रवासियों की कमी रही। यादव
ने यह पुष्टि
करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से ट्रेनों की मांग नहीं की गई है। इसके बावजूद दिल्ली से रेलवे एक मई से अब तक 242 ट्रेनें
चला चुका है। रेलवे के अनुसार सबसे ज्यादा ट्रेनें गुजरात से 1026 ट्रेनें, महाराष्ट्र से 802 ट्रेनें, पंजाब से 416 ट्रेनें, उत्तर प्रदेश
व
बिहार से 294-294 ट्रेनें रवाना हुईं। जबकि
सबसे ज्यादा श्रमिक ट्रेनें भी उत्तर प्रदेश में 1682 पहुंची। इसके अलावा बिहार में 1495 ट्रेनें, झारखंड में 197 ट्रेनें, ओडिशा में
187 ट्रेनें और पश्चिम बंगाल में 156 ट्रेनें पहुंची हैं।
07June-2020
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