शुक्रवार, 12 जून 2020

सरकार की शहरों के साथ स्मार्ट गांव विकसित करने की योजना


प्रवासी कामगारों की रोजगार सृजन पर काम कर रही है सरकार: गडकरी
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
कोरोना महामारी के संकट से प्रभावित देश की अर्थव्यस्था को पटरी पर लाने के लिए नौकरियों, विकास एवं स्थायित्व को प्राथमिकता देते हुए नए सामाजिक अनुबंध के निर्माण की आवश्यकता है। इस दिशा में केंद्र सरकार महानगरों की भीड़ कम करने की दिशा में स्मार्ट शहरों के साथ स्मार्ट गांव विकसित करने पर जोर दे रही है।
यह बात गुरुवार को यहां नई दिल्ली में बेविनार के जरिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने सीईईडब्ल्यू इंडिया के कोरोना महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था, रोजगार और सामाजिक व्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए जारी अध्ययन को लांच करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ जारी जंग के लिए लॉकडाउन के दौरान प्रवासी कामगारों की रोजगार की समस्या दूर करने के लिए केंद्र सरकार सरकार देशभर में क्लस्टर के जरिए रोजगार के अवसरों का सृजन करने पर काम कर रही है। क्योंकि देशभर से लोग रोजगार के लिए मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरू, जैसे महानगरों का रुख करते हैं, जिनसे ऐसे शहरों का ढांचा बिगड़ गया है। वहीं उन्होंने कहा कि सरकार महानगरों की भीड़ कम करने के लिये स्मार्ट शहर और गांवों के विकास पर भी ज्यादा बल दे रही है, जिसके लिए उद्योगों के माध्यम से नए आर्थिक केंद्र बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है। ऐसी योजना से कामगारों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मुहैया हो सकेगा। वहीं उन्होंने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने तथा आयात पर निर्भरता करने के लिए भारत को एथेनॉल, मेथेनॉल, बायो-सीएनजी एवं ई-वाहनों में निवेश के लिए उद्योग जगत को आगे आने की जरुरत है। गडकरी ने जल संकट का जिक्र करते हुए कहा कि जल प्रबंधन के साथ जीएम फसलों एवं बीजों से जुड़े मुद्दों के समाधान, सोलर चरखा एवं आरआई आधारित इनोवेशन्स को बढ़ावा देने के अलावा व्यर्थ को जैव ईंधन में बदलने की दिशा में प्रयास करने होंगे।
ई-वाहनों से हर साल होगी बड़ी आर्थिक बचत
इस अध्ययन रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि इस अध्ययन रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि देश का ऑटो सेक्टर देश को ऊर्जा की दृष्टि से अधिक सुरक्षित एवं स्थायी मदद कर सकता है। वहीं रिपोर्ट में लगाए गये एक अनुमान के मुताबिक यदि कारों में से कुल 30 फीसदी बिक्री इलेक्ट्रिक कारों की हो, तो वर्ष 2030 तक देश में हर साल 45,210 करोड़ के तेल आयात की बचत हो सकती है। गडकरी ने भारत को सशक्त, मजबूत, स्थायी और एमएसएमई सेक्टर के निर्माण करने जैसे अनेक पहलुओ पर जारी की गई सीईईडब्ल्यू-एनआईपीएफपी की अध्ययन रिपोर्ट पेश करने की सराहना की, जिससे देश और समाज को नई दिशा मिलेगी। इस अध्ययन रिपोर्ट में एक समावेशी एवं प्रत्यास्थ आर्थिक प्रणाली के निर्माण के लिए नीतिगत, वित्तीय, तकनीकी एवं व्यवहारिक समाधानों का सुझाव भी दिया गया है।
तीन साल में पूरा होगा महा एक्सप्रेस-वे
इस मौके पर गडकरी ने मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस राजमार्ग की जानकारी देते हुए कहा कि इस महामार्ग का निर्माण तीन साल में पूरा हो जाएगा, जिसमें भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है और निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि इस सड़क परियोजना के 62 पैकेज में से 32 पैकेज दिए जा चुके हैं। उद्योग जगत के लिए इस परियोजना में प्रोत्साहन के लिए किये गये प्रावधानों की जानकारी देते हुए गडकरी ने कहा कि सरकार इस राजमार्ग के दोनों ओर औद्योगिक संकुलों का निर्माण करा रही है। वहीं इसके साथ वहां स्मार्ट शहर और स्मार्ट गांव विकसित करने की संभावनाएं भी ज्यादा हैं। उन्होंने खासबात है कि इस एक्सप्रेस-वे के किनारे रोजगार सृजन को बढ़ावा देने की दिशा में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दे रही है, जिसके लिए कई योजनाओं को जारी किया गया है।
12June-2020

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