रविवार, 21 जून 2020

भारतीय रेलवे से सात राज्यों ने मांगी 63 ट्रेनें


राज्‍यों को मांग पर जारी चलती रहेंगी श्रमिक विशेष ट्रेनें : रेलवे बोर्ड
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे द्वारा देश में जगह जगह फंसे प्रवासियों की घर वापसी तक राज्यों की आवश्यकता के अनुसार श्रमिक विशेष ट्रेनों का संचालन लगातार जारी रहेगा। भारतीय रेलवे के राज्यों को लिख पत्र के बाद अब तक सात राज्यों ने 63 ट्रेनें मांगी है।
रेलवे बार्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रेलवे राज्यों की आवश्यकतानुसार श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिये प्रवासियों के आरामदायक और सुरक्षित आवागमन के लिए प्रतिबद्ध है। रेल मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्‍यों को रेलवे बोर्ड के अध्‍यक्ष वीके यादव द्वारा लिखे गये पत्र के बाद विभिन्न राज्‍यों ने अब तक कुल 63 अतिरिक्त श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनों की मांग की है। जिन राज्यों ने ट्रेनों की मांग की है, उनमें केरल ने 32, आन्‍ध्र प्रदेश ने तीन, कर्नाटक ने छह, तमिलनाडु ने 10, पश्चिम बंगाल ने दो, गुजरात ने एक और जम्मू एवं कश्मीर ने नौ श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनों की मांग की है। उत्तर प्रदेश सरकार को अपनी आवश्यकता की जानकारी देनी है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने नौ जून को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर इस बात पर जोर दिया था कि भारतीय रेलवे वांछित संख्‍या के अनुसार श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनें अनुरोध मिलने के 24 घंटे के भीतर प्रदान करेगी। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने इससे पहले भी इस बारे में राज्यों को 29 मई और 3 जून को भी पत्र लिखे थे।
रेल मंत्रालय ने बताया कि भारतीय रेलवे ने राज्य सरकारों को सूचित किया है कि वह राज्यों से मांग प्राप्त होने के बाद 24 घंटे के भीतर श्रमिक स्पेशल ट्रेन प्रदान करना जारी रखेगी। रेल मंत्रालय ने राज्य सरकारों से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के बारे में अपनी आवश्यकता बताने को कहा है और यह देखने का अनुरोध किया है कि रेल मोड द्वारा बचे हुए व्यक्तियों के आवागमन की प्रस्‍तावित मांग की अच्छी तरह से रूपरेखा प्रस्‍तुत की जाए और वह निश्चित हो।भारतीय रेलवे ने यह भी आश्‍वासन दिया है कि वह भविष्‍य में मिलने वाली किसी भी मांग के अनुसार अतिरिक्‍त श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनें प्रदान करेगा। वह उन अतिरिक्‍त मांगों को भी पूरा करेगा जो बहुत कम समय में अनुमानों से ऊपर उत्‍पन्‍न हुई हैं। गौरतलब है कि भारतीय रेलवे अब तक 4277 से अधिक श्रमिक विशेष ट्रेनों का परिचालन करके 60 लाख से भी ज्यादा प्रवासियों को उनके गंतव्य तक पहुंचा चुका है।
लॉकडाउन में 6 राज्यों के 67 लाख श्रमिक लौटे अपने घर
कोरोना लॉकडाउन की वजह से 67 लाख प्रवासी अपने घर लौटे हैंमई के अंतिम सप्ताह तक के आंकड़े बताते हैं कि छह राज्यों के 116 जिलों में 67 लाख प्रवासी श्रमिक अपने घर वापस लौटे हैंसचिव, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय, परमेश्वरन अय्यर के नेतृत्व वाले एम्पावर्ड ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज के संकलित आंकड़ों में यह बात सामने आई है, जिसे अब विभिन्न नोडल मंत्रालयों के साथ साझा किया गया है. डेटा के मुताबिक इन छह राज्यों में बिहार, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्य शामिल हैं जहां के प्रवासी अपने घर लौटे हैंइन छह राज्यों में 116 जिले हैं जहां के प्रवासी अपने घर लौटेइनमें बिहार के 32 जिलों, उत्तर प्रदेश के 31 जिलों, मध्य प्रदेश के 24 जिलों, राजस्थान के 22 जिलों, ओडिशा के 4 और झारखंड के 3 जिलों के प्रवासी अपने घर लौटे हैंये प्रवासी श्रमिक पैदल, बस, इंटर-स्टेट टैक्सी और श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिये अपने राज्य लौटे हैंइस रिपोर्ट में 31 मई तक के डेटा संकलित किए गए हैंहालांकि, यह मौजूदा महामारी के दौरान रिवर्स माइग्रेशन की पूरी तस्वीर नहीं है, क्योंकि केरल, असम, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के राज्यों के डेटा जिनमें बड़े पैमाने पर प्रवासियों की वापसी देखी गई थी, को संकलित किया जाना अभी बाकी हैकेंद्र ने अब 15 मंत्रालयों की पहचान की है जो इस डेटा की जांच करेंगे और इन प्रवासी श्रमिकों के लिए विभिन्न योजनाएं और परियोजनाएं तैयार करेंगेआने वाले दिनों में इनमें से प्रत्येक मंत्रालय द्वारा एक योजना तैयार की जाएगी, जिसे अनुमोदन के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रस्तुत किया जाएगा
13June-2020



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