सोमवार, 8 जून 2020

अगले छह साल में 10 करोड़ करोड़ टन कोयला उत्पादन करेगी डब्ल्यूसीएल


एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कोल इंडिया की तीन कंपनियों का किया उद्घाटन
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली।  
देश में कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन के कारण बंद आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने की दिशा में कोल इंडिया की इकाई वेस्टर्न कोलफील्ड्स लि. यानि डब्ल्यूसीएल ने 2026-27 तक 10 करोड़ टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। जबकि कंपनी अगले चार साल में 20 ओर खानों को विकसित करेगी। कंपनी की शनिवार को शुरू हुई तीन कंपनियों की खदान परियोजनाओं पर 849 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय करेगी, जिसमें सैकड़ो प्रत्यक्ष रोजगार सृजित भी किये जाएंगे।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने केंद्रीय कोयला व खान मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए डब्ल्यूसीएल की तीन खानों का उद्घाटन किया, वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए इस उद्घाटन समारोह में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी शामिल हुए। ये तीन खनन कंपनियां महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में स्थापित की गई हैं। इस मौके पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि कंपनी की योजना अगले चार साल में 20 और खानों का विकास करने की है। गडकरी ने इस मौके पर कोल इंडिया से अपेक्षा करते हुए कहा कि वह अपनी परियोजनाओं में स्थानीय लोगों को अधिक अधिक से अधिक रोजगार मुहैया कराए। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूसीएल का पूंजीगत निवेश 5300 करोड़ रुपये रहेगा। उन्होंने कंपनी से यह भी आग्रह किया वह स्थानीय लोगों को रोजगार देने को प्राथमिकता दें, भले ही नियमों में कुछ ढीलें देने की जरुरत ही क्यों न पड़ जाए। उन्होंने कहा कि वह गरीबों को मकान बनाने के लिए रेत सस्ती दर पर उसी तरह उपलब्ध कराया जाना जरुरी है, जिसे कंपनी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण तथा अन्य सरकारी एजेंसियों को निर्माण कार्य के लिए सस्ती कीमत पर रेत उपलब्ध करा रही है। इसके लिए गडकरी ने रेत की नीलामी के लिए पारदर्शी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने पर बल देते हुए कहा कि ऐसा न होने पर रेत की कालाबाजारी को रोकना मुश्किल होगा और उसके बाद में कानूनी विवाद शुरू हो सकता है। गडकरी ने कहा कि डब्ल्यूसीएल द्वारा एनएचएआई, पीएम आवास योजना और सरकारी इकाइयों को सस्ती कीमत पर रेल उपलब्ध कराई जा रही है। उसे गरीबों को भी मकान बनाने के लिए इसे सस्ती दर पर उपलब्ध कराना चाहिए।
महाराष्ट्र में दो व मप्र में एक ईकाई
केंद्रीय कोयला व खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि डब्ल्यूसीएल को वित्त वर्ष 2023-24 तक 75 एमटी कोयले का उत्पादन करना है। इन खदानों के खुलने से कंपनी के इस मुकाम तक पहुंचने के प्रयासों में निश्चित रूप से मदद मिलेगी। इतना ही नहीं इससे कोल इंडिया को वित्त वर्ष 2023-24 तक 1 अरब टन (बीटी) कोयले के उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि डब्ल्यूसीएल द्वारा स्थापित की गई इन तीन खदानों में महाराष्ट्र की दो ईकाईयों में नागपुर क्षेत्र में अदसा खदान, जो एक भूमिगत खुली खदान है, जबकि कन्हान क्षेत्र में शारदा भूमिगत खदान होगी। वहीं मध्य प्रदेश के पेंच क्षेत्र में धनकसा भूमिगत खदान को शुरू किया गया है। जोशी ने यह भी ऐलान किया है कि कोल इंडिया की विभिन्न सहायक कंपनियों ने मध्य प्रदेश सरकार को राज्य में कोविड-19 महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूती प्रदान करने के लिए 20 करोड़ रुपये दिए हैं। कोल इंडिया महाराष्ट्र सरकार को भी कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूती प्रदान करने के लिए एक-दो दिन में 20 करोड़ रुपये देगी।
कर्मचारियों के लिए मोबाइल एप शुरू
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोल इंडिया की इकाई वेस्टर्न कोलफील्ड्स लि. की तीन खानों के उद्घाटन समारोह के दौरान डब्ल्यूसीएल ने अपने कर्मचारियों और अंशधारकों के लिए मोबाइल और डेस्कटॉप एप संवादपेश की है। यह एप सुझावों, प्रतिक्रिया और अनुभवों को साझा करने को वर्चुअल मंच के रूप में काम करेगी। कंपनी ने यह एप ऐसे समय पेश की है जबकि कोविड-19 संकट के मद्देनजर तमाम संगठन वर्चुअल माध्यमों का इस्तेमाल बढ़ा रहे हैं। कोयला मंत्रालय ने बयान में कहा कि संवाद कर्मचारियों और अंशधारकों के लिए मोबाइल और डेस्कटॉप एप है। यह एप सुझाव, जानकारी या अनुभव साझा करने के वर्चुअल मंच के रूप में काम करेगी। त्वरित प्रतिक्रिया टीम सवालों और अन्य जानकारियों पर सात दिन की अवधि में जवाब देगी। वेस्टर्न कोलफील्ड्स ने एक डिजिटल निगरानी प्रणाली डब्ल्यूसीएल आईभी शुरू की है जो कंपनी की 15 खानों के परिचालन की चौबीसों घंटे निगरानी करेगी। कंपनी के कुल कोयला उत्पादन में इन खानों का हिस्सा 70 प्रतिशत है। इस प्रणाली से कोयले के भंडार और साइडिंग पर कोयले की उपलब्धता की निगरानी भी की जा सकेगी। 
07June-2020

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